अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इस फैसले में विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को देने का फैसला किया है। यानी विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दे दी गई है, जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर जगह देने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है। राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पाँच जजों की बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से दिया है।
देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2019
रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा, “देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।”
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है:
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2019
यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है।
हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया।
न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया।
इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है: यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है। हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया। न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्द्रपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया।
यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2019
हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है।
भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है।
पीएम ने कहा कि यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा। हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है। भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है।
श्री राम जन्मभूमि कानूनी विवाद के लिए प्रयासरत; सभी संस्थाएं, पूरे देश का संत समाज और अनगिनत अज्ञात लोगों जिन्होंने इतने वर्षों तक इसके प्रयास किया मैं उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ।
— Amit Shah (@AmitShah) November 9, 2019
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “श्री राम जन्मभूमि कानूनी विवाद के लिए प्रयासरत सभी संस्थाएँ, पूरे देश का संत समाज और अनगिनत अज्ञात लोगों जिन्होंने इतने वर्षों तक इसके प्रयास किया मैं उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ।”
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत है, देश की एकता व सद्भाव बनाए रखने में सभी सहयोग करें, उत्तर प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सद्भाव का वातावरण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 9, 2019
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत है, देश की एकता व सद्भाव बनाए रखने में सभी सहयोग करें। उत्तर प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सद्भाव का वातावरण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।”
#WATCH “It is a historic and landmark judgement,” says Defence Minister Rajnath Singh on #AyodhyaJudgment pic.twitter.com/0hKNBV79Co
— ANI (@ANI) November 9, 2019
राजनाथ सिंह ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया और साथ ही उन्होंने शांति और सैहार्द्र बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस फैसले को सहज रूप से सभी को स्वीकार करना चाहिए। इससे सर्वधर्म सद्भाव की भावना भी और मजबूत होगी और साथ ही साथ उन्होंने विश्वास जताया कि इससे सामाजिक ताना-बाना को भी मजबूती मिलेगी।
Union Minister Nitin Gadkari on #AyodhyaJudgment: Everyone must accept the Supreme Court judgement and maintain peace. pic.twitter.com/qbHeripdnl
— ANI (@ANI) November 9, 2019
वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा कि सभी को सुप्रीम के फैसले को मानना चाहिए और शांति बनाए रखना चाहिए।
Bihar Chief Minister Nitish Kumar on #AyodhyaVerdict: Supreme Court’s judgement should be welcomed by everyone, it will be beneficial for the social harmony. There should be no further dispute on this issue, that is my appeal to the people. pic.twitter.com/WbSypWgoyI
— ANI (@ANI) November 9, 2019
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को स्वागत करना चाहिए। यह सामाजिक समरसता के लिए फायदेमंद होगा। इस मुद्दे पर कोई और विवाद नहीं होना चाहिए, यही मेरी लोगों से अपील है।”
Kartik Chopra, spokesperson, Nirmohi Akhara: Nirmohi Akhara is grateful that SC has recognised our fight of last 150 years and has given the Nirmohi Akhara adequate representation in the trust to be set up by the Central Government to build & manage the Shri Ram Janmasthan Temple
— ANI (@ANI) November 9, 2019
बाबरी मस्जिद के मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी फैसले के सम्मान की बात कही है। वहीं निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता कार्तिक चोपड़ा ने कहा, “निर्मोही अखाड़ा आभारी है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 150 वर्षों की हमारी लड़ाई को मान्यता दी है और राम जन्मस्थान मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किए जाने वाले ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया है।”