मोदी सरकार से टक्कर लेने के लिए कॉन्ग्रेस के जिस ‘आंदोलन समिति’ की चर्चा थी उसका असर कॉन्ग्रेस नेताओं के विवादित बयानों में दिखने लगा है। ताजा मामले में कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर तालिबान से तुलना करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और इसके प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा है। इससे पहले यही काम जावेद अख्तर जैसे लोग भी कर चुके हैं।
दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार (10 सितम्बर, 2021) को बड़ी चतुराई से आरएसएस और तालिबान में समानता स्थापित करने के लिए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और तालिबान की महिलाओं पर समान विचारधारा है। उन्होंने ट्वीट किया, “तालिबान का कहना है कि महिलाएँ मंत्री बनने के लायक नहीं हैं। मोहन भागवत ने कहा कि महिलाओं को घर पर रहना चाहिए और घर की देखभाल करनी चाहिए। क्या ये समान विचारधाराएँ नहीं हैं?”
तालीबान- महिलाएँ मंत्री बनाए जाने लायक़ नहीं हैं।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 10, 2021
मोहन भागवत- महिलाओं को घर पर ही रह कर गृहस्थी सम्भालना चाहिए।
क्या विचारों में समानता है? https://t.co/BAm6xnkS1M
दिग्विजय सिंह ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के 2013 के एक बयान को भी शेयर किया है, जिसमें उन्होंने शादी को पति-पत्नी के बीच एक समझौता करार देते हुए कहा था कि पत्नी को घर सँभालना चाहिए और पति को कामकाज और महिला की सुरक्षा की जिम्मेदारी सँभालनी चाहिए।
Women should be housewives, men should be breadwinners: Mohan Bhagwat | IndiaToday
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 10, 2021
Does Taliban and RSS has a similarity of views on Working Women?
Looks like it, unless Mohan Bhagwat ji and Taliban change their views. https://t.co/gwFMhnQyxU
दिग्विजय सिंह ने तालिबान सरकार को लेकर केंद्र सरकार से अपना नजरिया स्पष्ट करने को भी कहा है। उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में कहा, “मोदी-शाह सरकार को अब स्पष्ट करना होगा कि क्या भारत तालिबान सरकार को मान्यता देगा, जिसमें घोषित आतंकवादी संगठन के सदस्य मंत्री हैं?”
मोदीशाह सरकार को अब स्पष्ट करना होगा कि जिस तालीबान सरकार में घोषित आतंकवादी संगठन के सदस्य व इनाम घोषित आतंकवादी मंत्री हैं, उसे क्या भारत मान्यता देगा? #तालिबान
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 10, 2021
दो दिन पहले भी दिग्विजय ने इंदौर में आयोजित ‘सांप्रदायिक सद्भाव सम्मेलन’ में बोलते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर निशाना साधा था और आरोप लगाया था कि संगठन झूठ और गलतफहमियाँ फैलाकर हिंदू-मुस्लिम समुदाय को विभाजित कर रहा है। इसी कड़ी में हिंदू-मुसलमानों का एक डीएनए वाले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को मूल सन्दर्भ से हटाकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर हमला करते हुए दिग्विजय ने इंदौर में कहा था, “अगर ऐसा था तो लव जिहाद जैसे मुद्दे क्यों उठाए जा रहे थे?”
गौरतलब है कि 3 सितंबर को एनडीटीवी के एक शो में अख्तर ने कहा था, “आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल का समर्थन करने वालों की मानसिकता भी तालिबान जैसी ही है।”
This is EXACTLY how self-certified ‘atheist muzlims’ like @Javedakhtarjadu manage to do things, 1) legitimise terror outfits like Taliban by comparing them to a social organisation like RSS and 2) Repeat the lie RSS = Taliban so many times thae it sticks. pic.twitter.com/LFLAl2EVmr
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) September 3, 2021
जावेद अख्तर ने इसी इंटरव्यू में आगे यह भी कहा, ”जिस तरह तालिबान एक मुस्लिम राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रहा है। उसी तरह कुछ लोग हमारे सामने हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पेश करते हैं। इन लोगों की मानसिकता एक जैसी है। तालिबान हिंसक हैं। जंगली हैं। उसी तरह आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का समर्थन करने वाले लोगों की मानसिकता एक जैसी है।”