नागरिकता संशोधन विधेयक को गृहमंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में पेश किया। जहाँ से यह लम्बी बहस के बाद पास हो गया है। इस बिल के पक्ष में 125 और विपक्ष में 105 वोट पड़े। इस प्रकार राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) बहुमत से पारित हो गया है। इस बिल के लिए कुल 230 वोट पड़े, जिसमें पक्ष में 125 वोट और विपक्ष में 105 वोट पड़े।
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान वाले इस विधेयक को पेश करते हुए उच्च सदन में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इन तीनों देशों में अल्पसंख्यकों के पास समान अधिकार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इन देशों में अल्पसंख्यकों की आबादी कम से कम 20 फीसदी कम हुई है।
A landmark day for India and our nation’s ethos of compassion and brotherhood!
— Narendra Modi (@narendramodi) December 11, 2019
Glad that the #CAB2019 has been passed in the #RajyaSabha. Gratitude to all the MPs who voted in favour of the Bill.
This Bill will alleviate the suffering of many who faced persecution for years.
बता दें कि इस बिल को पेश करते हुए अमित शाह ने कहा कि आज मैं एक ऐतिहासिक बिल लेकर सदन में उपस्थित हुआ हूँ। इस बिल के प्रावधान में, लाखों करोड़ों लोग जो नर्क की यातना का जीवन जी रहे हैं, उन्हें नई आशा दिखाने का ये बिल है। उन्होंने कहा कि ये बिल उन लोगों को, जो धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हैं, उन्हें नागरिकता देने का बिल है। कुछ विशेष छूट भी इस निश्चित वर्ग के लिए हमने सोची हैं। साथ ही पूर्वोत्तर के राज्यों के अधिकारों, उनकी भाषा, संस्कृति और उनकी सामाजिक पहचान को संरक्षित करने के लिए भी हम प्रावधान लेकर आए हैं।
As the Citizenship Amendment Bill 2019 passes in the Parliament, the dreams of crores of deprived & victimised people has come true today.
— Amit Shah (@AmitShah) December 11, 2019
Grateful to PM @narendramodi ji for his resolve to ensure dignity and safety for these affected people.
I thank everyone for their support.
अमित शाह ने राज्यसभा में यह भी कहा कि कभी-कभी कॉन्ग्रेस के कुछ नेता के बयान और पाकिस्तानी नेताओं के बयान घुल-मिल जाते हैं। कॉन्ग्रेस और पाकिस्तान के बयान में कभी-कभी कोई अंतर नहीं होता। आर्टिकल 370 पर यूएन में कॉन्ग्रेस के नेताओं और पाकिस्तान के नेताओं ने जो बयान दिया, वह भी एक है।
कपिल सिब्बल और चिदंबरम की ओर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि दोनों संसद को डरा रहे हैं कि संसद के दायरे में कोर्ट घुस जाएगा भला। अदालत ओपन है। कोई भी अदालत जा सकता है। हमें इससे डरना नहीं चाहिए। हमारा काम अपनी विवेक, बुद्धि से कानून बनाना है और जो हमने किया है और मुझे विश्वास है कि यह कानून अदालत में भी सही पाया जाएगा।
अमित शाह ने राज्यसभा में जवाब देने के दौरान ममता बनर्जी का नाम लिया, जिस पर टीएमसी सांसदों ने हंगामा कर दिया। दरअसल, अमित शाह घुसपैठ पर ममता बनर्जी के एक बयान को कोट कर रहे थे। अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का जिक्र करते हुए कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ का जिक्र ममता बनर्जी ने 2005 में किया था
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि कपिल सिब्बल जी ने कहा कि आपको कैसे पता कि जो लोग आ रहे हैं वे धार्मिक आधार पर पीड़ित हैं। तो हम उन्हें बताना चाहते हैं कि हमें इसलिए पता हैं क्योंकि हमारे आँख कान खुले हैं, हमने वोटबैंक के लिए अपने आँख कान बंद नहीं कर रखे हैं। अमित शाह ने आगे कहा कि सिब्बल जी ने कहा कि देश का मुस्लिम आपसे नहीं डरता है। मैं कहता हूँ डरना भी नहीं चाहिए, बस आप उन्हें डराने की कोशिश मत कीजिए। वे कहते हैं कि इस बिल से मुस्लिमों का अधिकार छिन जाएगा, मगर मैं सबको भरोसा दिलाना चाहता हूँ कि इस बिल से किसी का भी अधिकार नहीं छिनेगा।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार देश के संविधान पर भरोसा रखती है और मैं भरोसा दिलाता हूँ कि यह देश कभी मुस्लिम मुक्त नहीं होगा।
अमित शाह ने कहा कि मुझे आइडिया ऑफ इंडिया की बात मत समझाइए। मैं भी यहीं पैदा हुआ हूँ और मेरी सात पुश्तें यहीं पैदा हुई हैं। मैं जन्मा हूँ यहीं और मरूँगा भी यहीं। मैं कोई बाहर से नहीं आया। मुझे आइडिया ऑफ इंडिया का अंदाजा है।
बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए या नहीं, इस पर वोटिंग हुई। वोटिंग में शिवसेना ने हिस्सा नहीं लिया। वोटिंग में सेलेक्ट कमेटी को भेजने के पक्ष में कम मतदान हुए, जबकि नहीं भेजने के पक्ष में ज्यादा वोट आए। इस तरह से नागरिकता संशोधन बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का विपक्ष का प्रस्ताव गिर गया और पक्ष में 99 और विपक्ष में 124 वोट पड़े।