ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी अपनी ग़लत बयानबाज़ी के कारण अक्सर विवादों में रहते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव-2019 के मद्देनज़र औरंगाबाद में गाँधी जयंती के मौक़े पर बोलते हुए उन्होंने कहा, “गोडसे ने तो गाँधी को गोली मारी थी, मगर मौजूदा गोडसे गाँधी के हिन्दुस्तान को ख़त्म कर रहे हैं। जो गाँधी को मानने वाले हैं, उनसे कह रहा हूँ कि इस वतन-ए-अज़ीज़ को बचा लो।”
AIMIM’s Asaduddin Owaisi at a rally in Auranagabad yesterday: Godse ne toh Gandhi ko goli mari thi magar maujuda Godse Gandhi ke Hindustan ko khatam kar rahe hain. Jo Gandhi ke maan ne wale hain main unse keh raha hun ki iss watan-e-azeez ko bacha lo. #Maharashtra pic.twitter.com/fNAxynom4E
— ANI (@ANI) October 3, 2019
प्रचार करने पहुँचे ओवैसी ने अपने भाषण की शुरूआत, महाराष्ट्र को ख़्वाब देखने की सलाह देकर की। उन्होंने कहा, “यह वंचित और हाशिए में पड़े वर्ग के आकांक्षी होने का समय है न कि पिछले 70 वर्षों से झेल रहे दर्द को जारी रखने का।”
अपने भड़काऊ भाषण के लिए चर्चित ओवैसी ने इसके आगे कहा,
“मैं लोगों से अपील करता हूँ कि गोडसे के बेटों को हराओ और गाँधी के भारत और आंबेडकर के संविधान को बचाओ दिल में गोडसे की मोहब्बत और ज़ुबान पर गोडसे का नाम, यह नहीं चल सकता।”
इससे पहले विवादित बयान देते हुए उन्होंने कहा था, “मुझे यकीन है कि एक दिन मुझे कोई गोली भी मार देगा। मुझे यकीन है कि गोडसे की जो औलाद है वो मुझे ऐसा कर सकते हैं। हमारे मुल्क में अभी भी गोडसे की औलाद हैं।”
Asaduddin Owaisi, AIMIM on allegations levelled against him for helping Pakistan in spreading rumours: Mujhe yakeen hai ki ek din mujhe koi goli bhi maar dega. Mujhe yakeen hai ki Godse ki jo aulaad hai vo mujhe aisa kar sakte hain. Hamare mulk mein abhi bhi Godse ki aulaad hain. pic.twitter.com/FFNkRjEtFe
— ANI (@ANI) August 14, 2019
दरअसल, ओवैसी ने नगा अलगाववादियों ज़िक्र करते हुए कहा था, “ये सरकार नगा अलगाववादियों से बात कर रही है, जिन्होंने अभी तक सरेंडर नहीं किया है।” उन्होंने कहा, “जब एक बड़े नगा नेता का निधन हुआ, तो तिरंगे के साथ वहाँ उनका अपना झंडा था, सरकार के लोग वहाँ गए, क्या तब उन्हें 2 झंडे की याद नहीं आई? आप किसे मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं?”
ग़ौरतलब है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पर बयानबाज़ी को लेकर ओवैसी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को असम के शीर्ष मुस्लिम संगठन ने फ़टकार लगाई थी। संगठन ने ओवैसी से ग़लत सूचना देकर लोगों को भड़काने से बाज आने को कहा है। वहीं, इमरान खान को इस मसले पर अपना मुॅंह बंद रखने की नसीहत दी थी।
शीर्ष संस्था के अध्यक्ष सैयद मुमीन-उल-औवाल ने हैदराबाद के सांसद ओवैसी से भी कहा कि वे असम के लोगों को NRC के मुद्दे पर ग़लत जानकारी देने की कोशिश न करें, जैसा उन्होंने शनिवार (31 अगस्त) को किया था।