प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल को कोरोना महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में सभी राजनीतिक दलों के नेताओं का सहयोग पाने और उन्हें इसमें सहभागी बनाने के लिए एक विडियो कॉन्फ्रेंसिंग का न्योता भेजा है। इस मीटिंग में खुद को आमंत्रित न किए जाने पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हुए इसे हैदराबाद और औरंगाबाद के लोगों का अपमान करार दिया।
. @PMOIndia this is tauheen of the proud people of Aurangabad &Hyderabad. Are they lesser humans because they chose @aimim_national? Pls explain why they’re not worthy of your kind attention? As MPs it’s our job to represent to you the economic & humanitarian misery of our people pic.twitter.com/AwEFtqOs92
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 4, 2020
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ओवैसी का तर्क है कि वे इन दो संसदीय क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसे में उन्हें मीटिंग में न बुलाया जाना इन क्षेत्रों के लोगों का अपमान है। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय को टैग करके एक ट्वीट में सवाल दागते हुए पूछा कि क्या औरंगाबाद और हैदराबाद के लोग कमतर इंसान हैं क्योंकि उन्होंने एआईएमआईएम को चुना? ओवैसी ने अपने ट्ववीट में कहा, “कृपया इसके बारे में स्पष्ट करें कि वे आपके ध्यान पाने के योग्य क्यों नहीं हैं? सांसद के तौर पर हमारा काम है कि हम आपके सामने हमारे लोगों की आर्थिक और मानवीय समस्याओं को रखें।”
एक और ट्ववीट में ओवैसी ने कहा, “हैदराबाद और औरंगाबाद के लोगों ने मुझे और इम्तियाज जलील को चुना कि हम उनके मुद्दों को उठाएंगे। अब हमें इसी काम से रोका जा रहा है। हैदराबाद में कोरोना के कुल 93 ऐक्टिव केस हैं, मैं इस बारे में अपने विचार रखना चाहता हूँ कि हम इस महामारी से कैसे लड़ सकते हैं और किन क्षेत्रों में हम कमजोर पड़ रहे हैं।”
हालाँकि ओवैसी के ये सारे आरोप महज राजनीति से ही प्रेरित नजर आते हैं क्योंकि प्रधामंत्री कार्यालय की तरफ से इस संदर्भ में जो प्रेस रिलीज जारी की गई है, उसमें यह स्पष्ट तौर पर रेखांकित है कि प्रधामंत्री इस विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली मीटिंग में सिर्फ उन्हीं राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स से बात करेंगे, जिनके सदस्यों की संख्या दोनों सदनों में मिलाकर कम से कम 5 है।
ऐसे में ओवैसी का यह कहना कि उनकी उपेक्षा की गई, अनर्गल प्रलाप के सिवाय कुछ नहीं। याद रहे कि कुछ रोज पहले ही ओवैसी ने कोरोना के कारण मरने वालों को शहीद बताया था। इस पर बीजेपी ने कड़ा एतराज जताते हुए इसे उन लोगों को प्रोत्साहन देना बताया था, जो तबलीगी जमात में शामिल होने के बाद से फरार चल रहे हैं।
Jis insaan ka inteqaal waba ki wajah se hota hai, Islam mein uska darja shaheed ka hota hai. Shuhadah ko ghusl aur kafan ki zaroorat nahi hoti aur unhein jald se jald dafan kiya jaana chahiye https://t.co/lmQJxf30cZ
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 2, 2020