महाराष्ट्र (Maharashtra) में महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार के गिरते ही घटक दल शिवसेना (Shiv Sena) और कॉन्ग्रेस (Congress) के बीच खटास उभर आई है। प्रदेश कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole) ने यहाँ तक कह दिया कि महाराष्ट्र में शिवसेना के गठबंधन ‘स्वाभाविक और स्थायी’ नहीं है।
दरअसल, कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटोले राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता के रूप में शिवसेना नेता अंबादास दानवे की नियुक्ति को लेकर नाराज हैं। शिवसेना के साथ गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि यह अलग परिस्थिति में किया गया था। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस को साथ लिए बिना शिवसेना ने यह कदम उठाया है।
“Alliance with Shiv Sena not natural and permanent”, says Congress Maha chief Nana Patole
— ANI Digital (@ani_digital) August 12, 2022
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पटोले ने कहा कि यह पद कॉन्ग्रेस को मिलना चाहिए था। उन्होंने कहा, “विधान परिषद में विपक्ष के नेता का पद राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) को दिया गया है, जबकि परिषद के उपाध्यक्ष का पद शिवसेना को दिया गया है। हमारा विचार है कि यह पद कॉन्ग्रेस को मिलना चाहिए था, लेकिन हमें ध्यान में रखे बिना यह निर्णय लिया गया है।”
पटोले ने कहा कि वे इस मुद्दे को उठाएँगे और इस पर कन्ग्रेस शिवसेना से बात करने को तैयार है। पटोले ने कहा, “हम बात करने और आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। अगर वे बात नहीं करना चाहते हैं तो यह उनकी (शिवसेना) चिंता है। हमने उनके साथ एक अलग स्थिति में गठबंधन किया था। यह हमारा प्राकृतिक या स्थायी गठबंधन नहीं है।”
बता दें कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास अघाड़ी सरकार थी। इस गठबंधन सरकार में शामिल प्रमुख दल शिवसेना, कॉन्ग्रेस और NCP थे। हालाँकि, शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर दिया और भाजपा के सहयोग से राज्य में सरकार का गठन कर लिया है।