Saturday, November 16, 2024
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‘दल-बदलू नहीं समझेंगे’ – Axis बैंक मामले पर अमृता फडणवीस ने प्रियंका चतुर्वेदी को लगाई लताड़

"एक्सिस बैंक मेरे परिवार का बैंक नहीं है। लेकिन एक दल-बदलू कैसे किसी की इमानदारी और कड़ी मेहनत को समझेगा! यह सिर्फ देवेंद्र और मुझे निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं।"

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर आज (अक्टूबर 23, 2020) महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस (Amruta Fadnavis) और शिवसेना नेत्री प्रियंका चतुर्वेदी के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई। ये जंग 50,000 पुलिसकर्मियों के सैलरी अकॉउंट दूसरे बैंक मे ट्रांसफर करने के मुद्दे पर शुरू हुई।

कॉन्ग्रेस की पूर्व प्रवक्ता व वर्तमान में शिवसेना नेत्री ने सैलरी अकॉउंट स्थानांतरित करने को लेकर कहा कि यह कदम बेहद जरूरी था क्योंकि एक्सिस बैंक को बेहद मनमाने ढंग से चुना गया था और राज्य कर्मचारियों के सैलरी अकॉउंट उसमें ट्रांसफर हुए थे।

प्रियंका चतुर्वेदी के इसी ट्वीट का जवाब अमृता फडणवीस ने दिया। पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी होने के साथ एक्सिस बैंक की सीनियर एग्जीक्यूटिव होने के नाते अमृता ने शिवसेना नेता के ट्वीट की जमकर आलोचना की। अपने ट्वीट में प्रियंका चतुर्वेदी को ‘दल बदलू’ लिखते हुए उन्होंने कहा कि वह नहीं समझेंगी कि कड़ी मेहनत और इमानदारी क्या होती है।

उन्होंने बताया कि साल 2005 की तकनीक और सेवाओं में खातों का अधिग्रहण किया गया था। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि एक्सिस बैंक उनके घर का बैंक नहीं है और वह प्राइवेट सेक्टर बैंक की सूची में तीसरा सबसे बड़ा बैंक है।

उन्होंने लिखा,

“एक्सिस बैंक मेरे परिवार का बैंक नहीं है। ये प्राइवेट सेक्टर का तीसरा सबसे बड़ा सूचिबद्ध बैंक है और मैं इसकी एक ऐसी कर्मचारी हूँ, जो पिछले 18 सालों से यहाँ काम कर रही हूँ। लेकिन एक दल बदलू कैसे किसी की इमानदारी और कड़ी मेहनत को समझेगा! ये सारे अकॉउंट का 2005 में तकनीक व बेहतर सेवाओं के लिए अधिग्रहण हुआ था।”

इस ट्वीट पर जवाब देते हुए प्रियंका ने लिखा कि अगर यह उनका पारिवारिक बैंक नहीं है तो आखिर क्यों मुंबई पुलिस के अकॉउंट ट्रांसफर की बात से वह इतना आहत हुई हैं। इसके बाद दल बदलू शब्द पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रियंका ने लिखा कि इसका जवाब एकनाथ खडसे अच्छे से दे पाएँगे, जिन्होंने हाल में भाजपा से निकल कर एनसीपी का हाथ थामा है।

गौरतलब है कि मुंबई पुलिस ने बुधवार को HDFC बैंक के साथ एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें 50,000 मुंबई पुलिसकर्मियों के खाते एक्सिस बैंक से एचडीएफसी में ट्रांसफर होने की बात थी। इस खबर के आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे थे कि आखिर एक PSU बैंक की जगह सैलरी अकॉउंट प्राइवेट बैंक में ट्रांसफर क्यों किए जा रहे हैं।

एक ओर पुलिस जहाँ इस अकॉउंट ट्रांसफर के मुद्दे पर दावा कर रही है कि अच्छी सुविधाओं के लिए यह फैसला लिया गया है, वहीं महाविकास आघाड़ी सरकार ने हिंट दे दी है कि यह कदम अमृता फडणवीस की आलोचनाओं के बाद लिया गया है। अमृता ने यह आरोप भी लगाया है कि महाराष्ट्र सरकार ने बैंक अकाउंट ट्रांसफर करके सिर्फ़ उन्हें और उनके पति को निशाना बनाया है।

याद दिला दें कि पिछले साल से ही अमृता शिवसेना-एनसीपी-कॉन्ग्रेस के गठबंधन की कई मुद्दों पर धुर विरोधी रही हैं। उनका दावा यह भी कि 2005 में कॉन्ग्रेस एनसीपी के शासनकाल में राज्य के कर्मचारियों के खाते एक्सिस बैंक में खोले गए थे। सरकार ने यह निर्णय बेहतर तकनीक को देखते हुए व बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को देखकर लिया था।

इससे पहले अपने एक बयान में अमृता फडणवीस ने बताया था कि एक्सिस बैंक में कर्मचारियों के खाते साल 2005 में उनकी और देवेंद्र फडणवीस की शादी होने से पहले खोले गए थे। उन्होंने कहा था, “निजी बैंक भी भारतीय बैंक हैं और बेहतर तकनीकी सेवाएँ प्रदान करते हैं। सरकार को तर्कसंगत रूप से सोचना चाहिए। ऐसा करने से (खातों को स्थानांतरित करने), वे (सरकार) देवेंद्र और मुझे निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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