Wednesday, November 6, 2024
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10 जनपथ का सोनिया गाँधी ने 18 महीने से नहीं दिया भाड़ा: RTI से खुलासा, कॉन्ग्रेस के कब्जे वाली अन्य कोठियों का भी 10 साल से किराया बाकी

"एंटोनिया माइनो उर्फ ​​सोनिया गाँधी प्रवासी श्रमिकों के टिकट के भुगतान को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कर रही थीं। कम से कम पहले अपने मकान का किराया तो चुकाया होता, जो डेढ़ साल से बकाया है।"

विधानसभा चुनावों के बीच कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी द्वारा अपने लुटियन स्थित बंगलो का लम्बे समय से किराया न देने का मामला सामने आया है। एक RTI के अनुसार यह खुलासा हुआ है कि गाँधी परिवार दिल्ली के अपने तीन आवंटित बंगलो का किराया काफी समय से नहीं दिया है।

ये तीन बंगले हैं- 26 अकबर रोड, 10 जनपथ और चाणक्यपुरी में। बता दें कि 26 अकबर रोड और चाणक्यपुरी वाले बंगले में कॉन्ग्रेस ने ऑफिस बना रखा है वहीं 10 जनपथ सोनिया गाँधी का घर है। गुजरात के सुजीत पटेल के 7 फरवरी 2022 को दिए गए RTI के जवाब में शहरी हाउसिंग मंत्रालय ने बकाया किराए के बारे में सूचना दी है। 26 अकबर रोड के बंगले का जहाँ दिसंबर 2012 के बाद से 1269902 रुपया किराया बाकी है वहीं चाणक्यपुरी के बंगले का किराया अगस्त 2013 के बाद से बाकी है, जिसकी सरकारी राशि 507911 रूपया है। वहीं सोनिया गाँधी के आधिकारिक निवास 10 जनपथ का भी सितम्बर 2020 के बाद से किराया नहीं दिया गया है।

बीजेपी मुंबई के प्रवक्ता सुरेश नखुआ ने तंज करते हुए ट्वीट किया, “एंटोनिया माइनो उर्फ ​​सोनिया गाँधी प्रवासी श्रमिकों के टिकट के भुगतान को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कर रही थीं। कम से कम पहले अपने मकान का किराया तो चुकाया होता, जो डेढ़ साल से बकाया है।”

कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को आवंटित घर देश के अन्य नेताओं के मुकाबले सबसे बड़ा घर है। यहाँ तक कि प्रधानमंत्री निवास 7 रेस कोर्स से भी बड़ा है। सेंट्रल पब्लिक डिपार्टमेंट के अनुसार प्रधानमंत्री निवास 14,101 वर्ग मीटर में बना है वहीं सोनिया गाँधी का निवास 15,181 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला है जो 7RCR के मुकाबले काफी बड़ा है।

राजधानी दिल्ली में कॉन्ग्रेस ने अपने कब्जे में कई बंगलो को ले रखा था। जिसे खाली कराने के लिए मोदी सरकार में कई नोटिस भेजे गए थे। निवास स्थान के अलावा कॉन्ग्रेस के कब्जे में जो तीन अन्य बंगले 5 रायसीना रोड, 26 अकबर रोड और सी-2/109 चाणक्यपुरी हैं। इनमें से रायसीना रोड वाला बंगला यूथ कॉन्ग्रेस के पास है, जबकि 26 अकबर रोड और चाणक्यपुरी वाला बंगला पार्टी के कामकाज के लिए इस्तेमाल होता है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक पुराने RTI के हवाले से बताया गया है कि शहरी विकास मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय ने इनका आवंटन 26 जून, 2013 को रद्द कर दिया गया था। बता दें कि कॉन्ग्रेस को दिल्ली में अपना कार्यालय भवन बनाने के लिए 2010 में जमीन दी गई थी।

गौरतलब है कि जमीन आवंटन के तीन साल के अंदर कॉन्ग्रेस को भवन का निर्माण करवा लेना था और चार बंगलों को 2013 तक खाली कर देना था। आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी ने तीन साल का अतिरिक्त समय देने का निवेदन किया था। जिसके बाद 2017 में भी कॉन्ग्रेस को नोटिस भेजा गया था। फिलहाल अभी भी ये बंगले कॉन्ग्रेस के कब्जे में है और इनका किराया मार्किट रेट से बहुत कम होने के बाद भी कॉन्ग्रेस ने लम्बे समय से चुकता नहीं किया है। जिसे लेकर सोशल मीडिया कॉन्ग्रेस को घेरा जा रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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