Friday, November 15, 2024
Homeराजनीति'मंदिर बंद क्यों जब सारे पब और बार खुले हैं, शराब की दुकानों पर...

‘मंदिर बंद क्यों जब सारे पब और बार खुले हैं, शराब की दुकानों पर लंबी लाइनें’ – उद्धव सरकार से अन्ना हजारे का सवाल

"राज्य सरकार मंदिरों को क्यों नहीं खोल रही है? आम जनता के लिए मंदिरों को खोलने में सरकार को क्या खतरा नजर आ रहा है?"

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र सरकार के दोहरे रवैये पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने महाराष्ट्र की ‘महा विकास अघाड़ी (MVA)’ सरकार से पूछा कि जब राज्य में सारे बार और पब खुले हुए हैं, ऐसे में मंदिरों को बंद रखने का क्या तुक है? उन्होंने ऐलान किया कि अगर मंदिरों को बंद रखे जाने के विरुद्ध आंदोलन शुरू होता है तो वो उसका समर्थन करेंगे। बता दें कि उद्धव ठाकरे सरकार के कोरोना दिशानिर्देशों के नाम पर मंदिरों को बंद रखा हुआ है।

अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र सरकार का ध्यान शराब की दुकानों के बाहर लग रही लंबी लाइनों की तरफ भी दिलाया। हाल ही में कुछ लोगों ने अन्ना हजारे से मुलाकात कर के उन्हें बताया कि कैसे मंदिरों के साथ उद्धव ठाकरे की सरकार भेदभाव कर रही है। अन्ना हजारे ने पूछा, “राज्य सरकार मंदिरों को क्यों नहीं खोल रही है? आम जनता के लिए मंदिरों को खोलने में सरकार को क्या खतरा नजर आ रहा है?”

84 वर्षीय अन्ना हजारे ने कहा कि अगर कोरोना वायरस संक्रमण दिशानिर्देश इसका कारण तो फिर शराब की दुकानों के सामने बड़ी भीड़ क्यों लग रही है? भाजपा ने भी अपने प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में ‘शंखनाद आंदोलन’ शुरू किया है। मुंबई, पुणे, नासिक, सोलापुर और नागपुर के कई मंदिरों के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंदिरों के सामने शंखनाद करते हुए प्रदर्शन किया।

पाटिल ने कहा कि MVA सरकार गहरी निद्रा में सोई हुई है, इसीलिए उसे जगाने के लिए शंखनाद आवश्यक है। पिछले 15 महीनों में कई बार मंदिरों को खोलने की माँग की गई है, लेकिन राज्य सरकार ने इसे अनसुना कर दिया। बता दें कि अब मुंबई की लोकल ट्रेनों में भी पूरी तरह वैक्सीनेटेड लोगों को यात्रा की अनुमति दे दी है। हालाँकि, धार्मिक स्थानों को खोलने के लिए सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -