सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र सरकार के दोहरे रवैये पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने महाराष्ट्र की ‘महा विकास अघाड़ी (MVA)’ सरकार से पूछा कि जब राज्य में सारे बार और पब खुले हुए हैं, ऐसे में मंदिरों को बंद रखने का क्या तुक है? उन्होंने ऐलान किया कि अगर मंदिरों को बंद रखे जाने के विरुद्ध आंदोलन शुरू होता है तो वो उसका समर्थन करेंगे। बता दें कि उद्धव ठाकरे सरकार के कोरोना दिशानिर्देशों के नाम पर मंदिरों को बंद रखा हुआ है।
अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र सरकार का ध्यान शराब की दुकानों के बाहर लग रही लंबी लाइनों की तरफ भी दिलाया। हाल ही में कुछ लोगों ने अन्ना हजारे से मुलाकात कर के उन्हें बताया कि कैसे मंदिरों के साथ उद्धव ठाकरे की सरकार भेदभाव कर रही है। अन्ना हजारे ने पूछा, “राज्य सरकार मंदिरों को क्यों नहीं खोल रही है? आम जनता के लिए मंदिरों को खोलने में सरकार को क्या खतरा नजर आ रहा है?”
84 वर्षीय अन्ना हजारे ने कहा कि अगर कोरोना वायरस संक्रमण दिशानिर्देश इसका कारण तो फिर शराब की दुकानों के सामने बड़ी भीड़ क्यों लग रही है? भाजपा ने भी अपने प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में ‘शंखनाद आंदोलन’ शुरू किया है। मुंबई, पुणे, नासिक, सोलापुर और नागपुर के कई मंदिरों के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंदिरों के सामने शंखनाद करते हुए प्रदर्शन किया।
Social activist Anna Hazare has threatened the Maharashtra government with a public agitation if temples are not opened in the state. "If bars can be opened, why not temples?" he asked the state government.#Maharashtra #ITCard | @sahiljoshiihttps://t.co/FO7dyZxAlD pic.twitter.com/Ueop2K2NAb
— IndiaToday (@IndiaToday) August 28, 2021
पाटिल ने कहा कि MVA सरकार गहरी निद्रा में सोई हुई है, इसीलिए उसे जगाने के लिए शंखनाद आवश्यक है। पिछले 15 महीनों में कई बार मंदिरों को खोलने की माँग की गई है, लेकिन राज्य सरकार ने इसे अनसुना कर दिया। बता दें कि अब मुंबई की लोकल ट्रेनों में भी पूरी तरह वैक्सीनेटेड लोगों को यात्रा की अनुमति दे दी है। हालाँकि, धार्मिक स्थानों को खोलने के लिए सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है।