असदुद्दीन ओवैसी के बयान को लेकर राजनीति तेज़ हो गई है। भारत में अलग-अलग हिस्से से लोगों ने ओवैसी के बयान के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई है। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के कुछ ही दिनों बाद ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा कि उन्हें उनकी मस्जिद वापस चाहिए। उनके इस बयान पर लोगों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिन्दुओं को भी 30,000 मंदिर वापस चाहिए, जिन्हें तोड़ कर इस्लामिक आक्रांताओं ने मस्जिदें बनाईं। कई लोगों ने इसे सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का अपमान के रूप में देखा। लोगो ने ओवैसी पर हिन्दुओं के ख़िलाफ़ घृणा फैलाने और मुस्लिम कट्टरवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी दूसरे जाकिर नाइक बन रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर ओवैसी इसी तरह बोलते रहे तो देश में क़ानून-व्यवस्था भी है जो अपना काम करेगा। बाबुल सुप्रियो के इस बयान के बाद लोगों ने पूछा कि अगर असदुद्दीन ओवैसी लगातार बयानबाजी कर रहे हैं तो उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही? ओवैसी ने विरोध के बावजूद अपना ट्वीट डिलीट नहीं किया है और वो अपने बयान पर कायम हैं।
The people with the same ideology & mindset like Owaisi Brothers should leave India#ओवैसी_भारत_छोड़ो
— Raja Singh (@TigerRajaSingh) November 16, 2019
तेलंगाना में भाजपा के फायरब्रांड नेता राजा सिंह ने भी ओवैसी के इस बयान का विरोध किया है। राज्य में भाजपा के एकलौते विधायक ने कहा कि ओवैसी भड़काऊ बयानों के जरिए माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद मस्जिद के लिए दी गई 5 एकड़ ज़मीन को खैरात बताया था। ओवैसी ने कहा था कि वो सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं। राजा सिंह ने कहा कि राम मंदिर के ख़िलाफ़ बयान देने वाले ओवैसी पर देशद्रोह का मुक़दमा दर्ज किया जाना चाहिए।
‘Owaisi becoming second Zakir Naik’: MoS Babul Supriyo says AIMIM chief ‘speaks more than required’ https://t.co/CBJSFPmtHA
— DNA (@dna) November 16, 2019
विधायक राजा सिंह ने ‘ओवैसी, भारत छोड़ो’ का नारा देते हुए कहा कि उनकी तरह मानसिकता रखने वाले सभी लोगों को देश से बाहर जाना चाहिए। कई अन्य लोगों ने भी उनका समर्थन किया। इसके बाद ट्विटर पर ‘ओवैसी भारत छोड़ो’ का ट्रेंड भी चलने लगा।