महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कैबिनेट विस्तार में सिर्फ बेटा-बेटी और भतीजों की ही लॉटरी नहीं लगी है। एक ऐसे कॉन्ग्रेसी विधायक को भी मंत्री बनाया गया है, जिन्होंने आतंकी याकूब मेमन के लिए दया मॉंगी थी। ये हैं असलम शेख। मुंबई की मलाड सीट से विधायक शेख को उद्धव ने कैबिनेट मंत्री बनाया है।
उन्होंने जुलाई 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर मेमन की फॉंसी को उम्रकैद में बदलने की अपील की थी। मेमन 1993 बम ब्लास्ट का दोषी था। इन धमाको में करीब 317 लोग मारे गए थे। मुखर्जी ने उसकी दया याचिका ठुकरा दी थी। दिलचस्प यह है कि उस वक्त जिनलोगों ने मेमन का समर्थन किया था उसे शिवसेना ने देशद्रोही बताया था। आप भी असलम शेख का लिखा वो पत्र यहॉं पढ़ सकते हैं;
उद्धव ठाकरे के कैबिनेट में 4 मुस्लिम नेता हैं। इनमें से एक असलम शेख को मंत्री बनाए जाने का कई तबकों में विरोध हो रहा है। अब असलम शेख कह रहे हैं कि भाजपा की मशीनरी ने उनका पत्र वायरल कर दिया है। हालाँकि, वो इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि उन्होंने ही इस पत्र को लिखा था।
असलम शेख मुंबई की मलाड सीट से विधायक चुने गए हैं। जुलाई 2015 में शेख ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर मेमन के लिए दया का अनुरोध किया था। हालाँकि, मेमन की दया याचिका को खारिज कर दिया गया था और उसे 30 जुलाई 2015 को नागपुर की एक जेल में फाँसी दे दी गई थी। असलम शेख ने ताज़ा विवाद पर बयान देते हुए कहा:
“जिस दिन से भाजपा सत्ता से बाहर हुई है, तब से वह विभिन्न मुद्दों पर लोगों को गुमराह कर रही है। ये वही लोग हैं, जिन्होंने महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाया था। आज वही लोग मेरे ख़िलाफ़ आतंकवाद पर नरम रुख रखने का आरोप लगा रहे हैं। ये वही लोग हैं, जिन्होंने महात्मा गाँधी की हत्या की। वे जो करने की कोशिश कर रहे हैं, वो ब्रिटिश तक नहीं कर सके।”
मुंबई बॉम्ब विस्फोट के मुख्य आरोपी याकूब मेमन की फाँसी निरस्त करने के लिए पत्र लिखनेवाले ‘अस्लम शेख’ उद्धव ठाकरे के मंत्रिमंडल में !!
— Shooter Vartika Singh (@ShooterVartika) January 1, 2020
यह लाचारी अंतहीन है !! pic.twitter.com/56MO1N8pGs
महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टी भाजपा ने न सिर्फ़ उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा बल्कि असलम शेख को भी आड़े हाथों लिया। भाजपा ने कहा कि आदित्य के कैबिनेट में आने के बाद अब लग रहा है कि सबकुछ सिर्फ़ एक परिवार के ही इर्दगिर्द घूम रहा है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार (दिसंबर 30, 2019) को अपने मंत्रिमंडल में 36 नए मंत्रियों को शामिल किया, जिसके बाद मुख्यमंत्री को मिला कर महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में कुल 43 सदस्य हो गए हैं। उद्धव के बेटे आदित्य, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और अमित देशमुख नए मंत्रियों में प्रमुख नाम हैं। अमित देशमुख दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के बेटे और सिने अभिनेता रितेश देशमुख के भाई हैं। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे अजित पवार उप मुख्यमंत्री बनाए गए हैं।
देशद्रोही अस्लम शेख बना महाराष्ट्र का देशभक्त मंत्री.
— Ashish Merkhed (आशिष मेरखेड) (@AshishMerkhed) December 31, 2019
ठाकरे साहेब काय विचार करत असतील बाळा साहेब ???
विचार करावा, वेळ निघून जाईल … pic.twitter.com/Dv01mE7oNI
33 कैबिनेट मंत्रियों में से 10 शिवसेना के हैं, 12 एनसीपी के और 10 कॉन्ग्रेस के हैं। एक मंत्री ‘क्रन्तिकारी शेतकरी पक्ष’ का है। 10 राज्यमंत्रियों में से 1 शिवसेना का, 5 एनसीपी के और 2 कॉन्ग्रेस के हैं। शिवसेना कोटे से एक निर्दलीय को राज्यमंत्री बनाया गया है। वहीं ‘प्रहार जनशक्ति पक्ष’ के विधायक को राज्यमंत्री का पद दिया गया है।
हालॉंकि कैबिनेट विस्तार के बाद सरकार में साझेदार तीन दलों शिवसेना-कॉन्ग्रेस-एनसीपी में मतभेद भी उभरकर सामने आ गए हैं। भाई सुनील को मंत्री नहीं बनाए जाने से शिवसेना सांसद संजय राउत नाराज बताए जा रहे हैं। एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंकी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने तो एक क़दम और आगे बढ़ कर पुणे में अपनी ही पार्टी के दफ्तर में तोड़फोड़ मचाई।