Saturday, November 16, 2024
Homeराजनीतिनवंबर से राज्य के सभी सरकारी मदरसे बंद होंगे, सरकार केवल धर्मनिरपेक्ष और आधुनिक...

नवंबर से राज्य के सभी सरकारी मदरसे बंद होंगे, सरकार केवल धर्मनिरपेक्ष और आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देगी: हिमांत विश्व शर्मा

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में 150 नए हाई स्कूल स्थापित कर रही है। इसका निर्माण 2 अक्टूबर 2020 से शुरू होगा। इन स्कूलों में अप्रैल 2021 से कक्षाएँ शुरू होंगी। राज्य में पंद्रह सरकारी कॉलेज स्थापित किए जाएँगे, जिसमें नौ कॉलेज लड़कियों के लिए हैं।

असम के शिक्षा मंत्री हिमांत विश्व शर्मा ने ग्रीष्मकालीन विधानसभा सत्र के दूसरे दिन शिक्षा विभाग पर बोलने के दौरान मदरसों के प्रान्तीयकरण के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार के मदरसे नवंबर से बंद हो रहे हैं, इसलिए नए मदरसों के प्रांतीयकरण करने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि अब से असम सरकार केवल धर्मनिरपेक्ष और आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देगी।

सरकार धार्मिक तर्ज पर चलने वाले किसी भी शैक्षणिक संस्थानों को संरक्षण नहीं देगी। शिक्षा मंत्री डॉ हिमांत विश्व शर्मा ने प्रदेश के सभी मदरसे और संस्कृत टोल (संस्कृत विद्यालय) को आगामी नवम्बर माह से बंद किया जा रहा है। साथ ही कहा कि अब और अरबी शिक्षकों की नियुक्ति की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि निजी मदरसा पूर्व की तरह चल सकते हैं। सरकार निजी मदरसा में किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार धर्मनिरपेक्ष शिक्षा प्रदान करेगी क्योंकि, हम सदैव सेकुलर शिक्षा देने के पक्षधर हैं।

मंत्री ने पहले घोषणा की थी कि मदरसा बोर्ड को भंग कर दिया जाएगा और संस्थानों के शिक्षाविदों को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को सौंप दिया जाएगा। संस्कृत के बारे में बात करते हुए शर्मा ने कहा कि संस्कृत सभी आधुनिक भाषाओं की जननी है। असम सरकार ने सभी संस्कृत टोल्स को कुमार भास्कर वर्मा संस्कृत और प्राचीन अध्ययन विश्वविद्यालय (नलबाड़ी में) के तहत लाने का फैसला किया है। वे एक नए रूप में कार्य करेंगे। उन्होंने कहा, “इस वैकल्पिक उपाय पर एक अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी।” 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार राज्य में 150 नए हाई स्कूल स्थापित कर रही है। इसका निर्माण 2 अक्टूबर 2020 से शुरू होगा। इन स्कूलों में अप्रैल 2021 से कक्षाएँ शुरू होंगी। राज्य में पंद्रह सरकारी कॉलेज स्थापित किए जाएँगे, जिसमें नौ कॉलेज लड़कियों के लिए हैं। मंत्री ने कहा कि असम के विशाल चाय सम्पदा में काम करने वाले लोगों की मदद करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।

फरवरी 2020 में, एक महत्वपूर्ण निर्णय में, असम सरकार ने घोषणा की थी कि सरकार सभी राज्य संचालित मदरसों और संस्कृत टोल्स को बंद कर रही है। शर्मा ने उस समय कहा था कि धार्मिक उद्देश्यों के लिए धार्मिक शास्त्र, अरबी और अन्य भाषाओं को पढ़ाना सरकार का काम नहीं है। मंत्री ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि राज्य सरकार के अधीन सभी धार्मिक स्कूल बंद रहेंगे। मस्जिदों द्वारा संचालित मदरसा और गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित संस्कृत स्कूलों पर इस फैसले का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -