Monday, December 23, 2024
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महादेव बेटिंग एप घोटाला, शराब घोटाला, ट्रांसफर घोटाला, गोबर घोटाला, ग्राम सभा सदस्य घोटाला, चावल घोटाला, खदान घोटाला… छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेस का हिसाब-किताब

भूपेश बघेल ने वादा किया था कि कॉन्ग्रेस सत्ता में आएगी तो छत्तीसगढ़ में शराबबंदी करेगी। उल्टा भूपेश बघेल और उनके बेटे पर आरोप है कि उन्होंने कमीशनखोरी करके 2161 करोड़ रुपए का घोटाला किया जबकि अभी इसकी पूरी डिटेल भी सामने नहीं आई है।

छत्तीसगढ़ में दो चरणों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है, पहला चरण समाप्त हो चुका है, दूसरे चरण के लिए 17 नवंबर को वोट डाले जाएँगे। दूसरे चरण में 70 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। राज्य में सत्ताधारी कॉन्ग्रेस सरकार पर घोटालों पर घोटालों को अंजाम देने के आरोप हैं, ऐसे में जनता कॉन्ग्रेस से खफा नजर आ रही है। भूपेश बघेल सरकार पर शराब घोटाला, ट्रांसफर घोटाला, गोबर घोटाला, ग्राम सभा सदस्य बनाने के नाम पर घोटाला, चावल घोटाला, खदान से जुड़े माल ढुलाई के काम में घोटाला के साथ ही महादेव बेटिंग ऐप जैसे घोटालों की लंबी फेहरिस्त है।

भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंंत्री बनाया गया था, तो ऐसी रिपोर्ट्स थी कि उन्हें 2.5 साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है, अगले ढाई साल टीएस सिंहदेव मुख्यमंत्री होंगे। हालाँकि ऐसा नहीं हुआ। भूपेश बघेल तमाम गतिरोधों के बावजूद पूरे 5 साल मुख्यमंत्री बने रहे। टीएस सिंहदेव को आखिरी कुछ महीनों के लिए उपमुख्यमंत्री बनाकर चुप करा दिया गया। ऐसा टीएस सिंहदेव ने क्यों होने दिया, ये तो वही लोग जानें, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चाओं की मानें तो भूपेश बघेल ने खुद को मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की।

उन पर भारतीय जनता पार्टी आरोप लगाती है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ को कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए तिजोरी के तौर पर इस्तेमाल कराया। जिन चीजों का वादा करके वो सत्ता में आए थे, किया उसके ठीक विपरीत काम और घोटालों पर घोटालों को अंजाम दिया। कॉन्ग्रेस पार्टी के लिए फंडिंग की और खुद को सत्ता में बनाए रखा। हम इस लेख में भूपेश बघेल सरकार पर लग रहे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की लंबी सूची प्रकाशित कर रहे हैं, जिसके बाद सारी बातें दूध और पानी की तरह स्पष्ट हो जाएंगी।

महादेव सट्टेबाजी घोटाला: भारतीय जनता पार्टी आरोप लगा रही है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सीधे तौर पर इस घोटाले में शामिल हैं। इस कथित घोटाले के मास्टरमाइंड और एप के मालिक ने अपना एक वीडियो जारी कर कहा कि उसने भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपए नकद पहुँचाए हैं। ये पैसे चुनाव में इस्तेमाल किए गए हैं। उसने बताया कि एक-एक पैसों का हिसाब उसके पास है। बता दें कि महादेव सट्टेबाजी एप मामला 15000 करोड़ का अभी तो ज्ञात है, जाँच जारी है। इतने पैसों की ती मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है, जिसपर ईडी ने केस दर्ज किया है। अभी ये कितना बड़ा घोटाला है, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। इस मामले में भूपेश बघेल के करीबी लोग जेल में बंद हैं।

इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाकायदा चुनावी सभा में भूपेश बघेल से सवाल पूछा है कि वो बताएँ कि इन पैसों को उन्होंने कहाँ इस्तेमाल किया। पीएम मोदी ने पूछा, “मैं कॉन्ग्रेस से कुछ सवाल पूछना चाहता हूँ। महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाला 508 करोड़ रुपए का है और जाँच एजेंसियों ने इस मामले में बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की है। छत्तीसगढ़ के सीएम का एक करीबी सहयोगी भी जेल में है। कॉन्ग्रेस को खुलासा करना चाहिए इसमें सीएम को कितना पैसा मिला? दिल्ली दरबार कितना पैसा पहुँचा?”

छत्तीसगढ़ पीसीएस घोटाला : इस घोटाले से जुड़ी हैरान करने वाली जानकारियाँ सामने आई है। छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन में नेताओं और अधिकारियों को बच्चों को सीधे एंट्री मिली, और उन्हें बड़े-बड़े पद भी दिए गए। प्रधानमंत्री ने भी इस घोटाले पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि कॉन्ग्रेस के गणितबाजों से सवाल PSC घोटाले को लेकर छत्तीसगढ़ के युवाओं का भी है… जिन हजारों युवाओं ने दिन-रात पढ़ाई करके, परीक्षा पास की थी, उनको किस फॉर्मूले से बाहर निकाला गया? कॉन्ग्रेस नेताओं के बच्चों को गणित के किस फॉर्मूले से भर्ती किया गया?

शराब घोटाला : भूपेश बघेल ने वादा किया था कि कॉन्ग्रेस सत्ता में आएगी तो छत्तीसगढ़ में शराबबंदी करेगी। उल्टा भूपेश बघेल और उनके बेटे पर आरोप है कि उन्होंने कमीशनखोरी करके 2161 करोड़ रुपए का घोटाला किया जबकि अभी इसकी पूरी डिटेल भी सामने नहीं आई है। जो पकड़ा गया और जिसकी रिकवरी हुई है, यह उसकी जानकारी है। सच्चाई यह है कि छत्तीसगढ़ में हजारों करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ है। इस मामले में ईडी चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है और बताया है कि एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के जरिए आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ।

चावल घोटाला : छत्तीसगढ़ की कॉन्ग्रेस सरकार पर सरकारी राशन के बँटवारे में भी घोटाले का आरोप लगा है। पीडीएस व्यवस्था के तहत प्रति व्यक्ति 5 किलो धान देने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन कैग रिपोर्ट में आया है कि इसमें 600 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की गई है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भूपेश बघेल सरकार ने लगभग 5000 करोड़ रुपये का चावल घोटाला किया है। मई माह में भाजपा ने भूपेश बघेल पर 5000 करोड़ के चावल घोटाले का आरोप लगाते हुए इस्तीफा भी माँगा था। इस मामले में भूपेश बघेल और उनसे जुड़े लोगों ने चुप्पी साधे रखी है।

खदान ढुलाई घोटाला: भूपेश बघेल सरकार ने खदानों से निकलने वाले माल पर भी घोटाला किया है। माल ढुलाई से जुड़ा 2000 करोड़ से अधिक के घोटाले का आरोप उस पर है। बताया जा रहा है कि 25 रुपए प्रति टन की वसूली की गई है। पिछले साल ईडी ने इस मामले में जाँच शुरू की थी और कई लोग इस मामले में भी गिरफ्तार हुए हैं। ईडी ने एक बयान में कहा कि यह मामला एक बड़े घोटाले से संबंधित है, जिसमें छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों से जुड़ा एक समूह ढुलाई किये जाने वाले प्रति टन कोयले पर अवैध रूप से 25 रुपये का कर वसूल रहा है। अनुमान है कि इससे प्रतिदिन लगभग 2-3 करोड़ रुपये अर्जित किए जाते हैं।

गोबर और गोईंठा घोटाला : छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने घोटाला करने मे गोईंठा और गोबर को भी नहीं छोड़ा। 1300 करोड़ रुपये का गोईंठा एवं गोबर घोटाला किया। इस मामले में भाजपा ने भी काफी हमला बोला है, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मामले को उठा चुके हैं। गोबर धन के नाम पर इतना बड़ा घोटाला छत्तीसगढ़ में अंजाम दे दिया गया।

छत्तीसगढ़ में चना सरकारी राशन के वितरण में घोटाला, केंद्र सरकार के पैसों का सही से उपयोग न करने के आरोप, भाई भतीजावाद के आरोप तो लगते ही रहे हैं, साथ ही आदिवासी इलाकों के साथ सौतेला व्यवहार करने के भी आरोप लगे हैं। भूपेश बघेल पर आरोप हैं कि वो छत्तीसगढ़ से मिले घोटालों के पैसों को कॉन्ग्रेस की टॉप लीडरशिप तक पहुँचाते हैं और अन्य राज्यों के चुनावी अभियान में भी खर्च करने में मदद करते हैं। यही वजह है कि वो पूरे 5 साल तक अपनी सत्ता बचाने में सफल रहे हैं।

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श्रवण शुक्ल
श्रवण शुक्ल
Shravan Kumar Shukla (ePatrakaar) is a multimedia journalist with a strong affinity for digital media. With active involvement in journalism since 2010, Shravan Kumar Shukla has worked across various mediums including agencies, news channels, and print publications. Additionally, he also possesses knowledge of social media, which further enhances his ability to navigate the digital landscape. Ground reporting holds a special place in his heart, making it a preferred mode of work.

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