Sunday, September 1, 2024
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क्या है स्टीवंस जॉनसन सिंड्रोम, जिससे जूझ रहे बिहार BJP अध्यक्ष संजय जायसवाल: जानिए आँख, मुँह और गुप्तांगों पर इसका असर

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने अपना हेल्थ अपडेट फेसबुक लाइव के माध्यम से दिया है। उन्होंने बताया कि अभी उनके शरीर के चमड़े खुले हैं, जब तक ये ठीक नहीं होंगे तब तक वह किसी से नहीं मिलेंगे।

बिहार में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व पश्चिम चंपारण से सांसद संजय जायसवाल ‘स्टीवंस जॉनसन सिंड्रोम (SJS/TEN)’ नामक गंभीर व दुर्लभ बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं। उनका इलाज पटना एम्स में चल रहा है। डॉक्टर उन्हें हर संभव कोशिश करके अच्छा इलाज देने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने अपना हेल्थ अपडेट फेसबुक लाइव के माध्यम से दिया है।

मौजूदा जानकारी के अनुसार, स्टीवंस जॉनसन सिंड्रोम एक बहुत गंभीर और दुर्लभ बीमारी है। इस बीमारी में पीड़ित को सामान्य फ्लू जैसे लक्षण दिखते हैं और कुछ दिन बाद जगह-जगह छाले होकर फूटने लगते हैं। इसके बाद उन्हीं छालों के निशान सामान्य त्वचा से अलग दिखते हैं और दर्द भी देते हैं। इस बीमारी के कारण डिहाइड्रेशन, सेप्सिस, निमोनिया और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर जैसी चीजें हो सकती हैं।

SJS/TEN- नामक इस बीमारी में ऐसा लगता है जैसे शरीर जल गया हो, इसलिए कई अस्पतालों में इसका इलाज भी बर्न यूनिट में ही किया जाता है। सामान्यत: इसके होने के पीछे का कारण कुछ दवाइयों का सेवन होता है। ये बीमारी आँखों, मुँह और गुप्तांगों को प्रभावित करती है। इसके अलावा इसे होने की वजह निमोनिया, हर्प्स और हेपाटाइटस जैसा संक्रमण भी हैं। यह बीमारी लाखों लोगों में से 2 से 6 लोगों में पाई जाती है।

बता दें कि इसी दुर्लभ बीमारी के संबंध में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर बताया कि उनकी तबीयत अब ठीक है। वह कहते हैं, “मेरी तबीयत कलकत्ता में ही खराब हो गई थी। मुझे बुखार हो गया था। चूँकि मैं खुद जल संसाधन समिति का सदस्य हूँ, तो मैंने कोलकाता और गुवाहाटी में अपना कर्तव्य पूरा किया और फिर पटना लौट आया। पटना लौटने पर मेरी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। इस वजह से पटना एम्स में भर्ती होना पड़ा। एक बहुत रेयर बीमारी होती है स्टीवंस जॉनसन सिंड्रोम, जिसमें आपका शरीर आपके खिलाफ काम करने लगता है। शरीर में जितने भी तरह के चमड़े हैं, सब में परेशानी आ जाती है। सूजन और सकफ्फिंग होने लगता है। फिलहाल इसी बीमारी से ग्रसित हूँ।”

उन्होंने बताया कि इस बीमारी को पकड़ना बहुत मुश्किल था लेकिन पटना एम्स के डॉक्टरों ने इसे डिटेक्ट कर लिया। इसके कारण वह अब ठीक हैं। उन्हें इन दिनों 104 डिग्री बुखार रहा। अन्य दिक्कतें भी हुईं जिस वजह से वह अस्पताल में भर्ती हुए। उन्होंने बताया कि अभी उनके शरीर के चमड़े खुले हैं, जब तक ये ठीक नहीं होंगे तब तक वह किसी से नहीं मिलेंगे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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