बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की गठबंधन सरकार ने जातिगत आँकड़े जारी किए, इसको लेकर सवाल उठने लगे हैं। कई राजनेताओं द्वारा सवाल उठाने के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम माँझी ने इन आँकड़ों पर सवाल उठाए हैं।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संस्थापक जीतनराम माँझी ने कहा, “… 1931 में ग्वाला जाति का प्रतिशत 4 से कुछ अधिक था। अब जबकि 2022 की जनगणना हुई है तो उसमें वो 14 प्रतिशत से कुछ अधिक हैं। इतना कैसे उनमें बढ़ोतरी हो गई और दूसरी जातियों की जनसंख्या में कमी क्यों हुई है।
FLASH: Former Bihar CM Jitan Ram Manjhi hints at discrepancies in Bihar caste census, questions the sudden leap of Yadav population from 4% to 14%.#BiharCasteCensus #BiharNews #BiharPolitics #BJP #JDU pic.twitter.com/pu2jCn2rx2
— The New Indian (@TheNewIndian_in) October 4, 2023
अब चुनाव नहीं लड़ने का प्रण लेने वाले जीतनराम माँझी ने कहा कि यादव के नाम पर बिहार सरकार ने 8-10 जातियों को एक साथ मिला दिया है। उन्होंने कहा, “हमारे भूइयाँ जाति को अलग कर दिया गया। दो के बजाय एक होना चाहिए था। हमने तो लिखकर भी दिया था माननीय मुख्यमंत्री जी को। मुख्यमंत्री जी आपने ही कहा था कि भूइयां और मुसहर दोनों एक हैं।”
माँझी ने सवाल किया कि नीतीश कुमार की सरकार के वर्तमान मंत्रीमंडल को बर्खास्त किया जाए और संख्या आधारित मंत्रिपरिषद का गठन करें। इससे समाज के हर तबके को प्रतिनिधित्व का मौका मिल पाए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि दरी बिछाने वाला जमाना गया, जो बिछाएगा वही बैठेगा।
हिंदुओं की जाति आधारित संख्या की बात करे तो सबसे अधिक जनसंख्या यादव लिखने वाले अहीर/गोप/ग्वाला जाति की है। उनकी जनसंख्या 14 प्रतिशत है। वहीं, दूसरे स्थान पर 4.21 प्रतिशत आबादी के साथ कुशवाहा (कोइरी) दूसरे स्थान पर हैं। तीसरे स्थान पर ब्राह्मण, चौथे स्थान पर क्षत्रिय यानी राजपूत और पाँचवे स्थान पर मुसहरों की आबादी है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि जो बात जीतनराम माँझी कह रहे हैं, वही बात सरकारी दस्तावेज में भी दिख रहा है। सरकारी द्वारा जारी किए गए आँकड़े में साफ दिख रहा है कि यादव के नाम पर बिहार सरकार ने अहीर, ग्वाला, गोरा, घासी, मेहर, सदगोप और लक्ष्मी नारायण गोला जैसी जातियों को जोड़ा गया है।
बताते चलें कि जातिगत आँकड़े जारी होने के बाद से ही बिहार में सियासत चरम पर है। आँकड़ों में फर्जीवाड़ों के आरोप लग रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब से भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने भी कहा कि जातीय गणना की रिपोर्ट के आँकड़ों में फर्जीवाड़ा किया गया है। उन्होंने कहा कि उनके घर जनगणना के लिए एक टीम ने न उनसे मुलाकात की और न ही उनका हस्ताक्षर नहीं लिया।