बिहार सरकार ने इसी साल 10 अप्रैल को जेल नियमावली, 2012 के नियम 481 में संशोधन किया था। इससे बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हुआ। वे 1994 में गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारवास की सजा काट रहे थे। आनंद मोहन के बेटे चेतन बिहार की महागठबंधन सरकार के साझीदार राजद के विधायक हैं।
आनंद मोहन की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए नियमों में संशोधन की खूब चर्चा हुई। लेकिन बिहार सरकार ने रिहाई का जो आदेश जारी किया है, उससे पता चलता है कि आनंद मोहन रिहा होने वाले इकलौते नहीं हैं। 26 अन्य अपराधियों को भी रिहा किया जा रहा है। इनमें 13 अपराधी राजद के MY समीकरण (मुस्लिम+यादव) से ताल्लुक रखते हैं। रिहा होने वाले कैदियों की सूची में आनंद मोहन का नाम 11वें नंबर पर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आनंद मोहन के बेटे और राजद विधायक चेतन आनंद की सोमवार (24 अप्रैल 2023) को सगाई थी। इसके लिए वह 15 दिन के पेरोल पर पहले से बाहर हैं। यह पेरोल मंगलवार (25 अप्रैल 2023) को खत्म हो रही थी। इससे पहले नीतीश सरकार ने 27 अपराधियों की रिहाई वाली सूची जारी कर दी है।
Bihar govt issues notification regarding the release of 27 prisoners including Former Lok Sabha MP Anand Mohan Singh from jail.
— ANI (@ANI) April 24, 2023
He was convicted in the 1994 murder of Gopalganj District Magistrate G Krishnaiah.
नीतीश सरकार ने जेल नियमावली बदला
10 अप्रैल को नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी। बैठक में जेल नियमावली, 2012 के नियम 481(i) (क) में संशोधन किया गया। जेल नियामवली से उस वाक्य को ही हटा दिया गया है, जिसमें सरकारी कर्मचारी की हत्या का जिक्र था। इस संशोधन के बाद ही आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो पाया है।
महागठबंधन सरकार में 2070 हत्या
27 अपराधियों की रिहाई की सूची ऐसे समय में सामने आई है, जब बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि पुलिसकर्मियों पर हमला हो रहा है। यहाँ तक कि महिला अधिकारियों को भी नहीं छोड़ा जा रहा है।
9 अगस्त 2022 को नीतिश-तेजस्वी की सरकार बिहार में बनी, तबसे लेकर आजतक 4848 अपराध की घटनाएं बिहार में हुई हैं। इनमे से 2070 हत्याएं, 345 ब्लात्कार, 144 अपहरण तथा 700 हत्या के प्रयास के मामले हुए हैं। नीतिश-तेजस्वी सरकार में अपराधों का विवरण 👇 pic.twitter.com/SiE4zpC52F
— Nityanand Rai (@nityanandraibjp) April 20, 2023
कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद हुए क्राइम का डाटा साझा किया था। राज्य में अगस्त 2022 में राजद, काॅन्ग्रेस और वामपंथी दलों के सहयोग से नीतीश कुमार ने सरकार बनाई थी। राय ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जो डाटा साझा किया है, उससे पता चलता है कि 9 अगस्त 2022 को यह सरकार बनने के बाद से बिहार में गंभीर अपराध की 4848 घटनाएँ हुई हैं। इनमें 2070 हत्या, 345 ब्लात्कार, 144 अपहरण और 700 हत्या के प्रयास के मामले हैं।
हालाँकि इन आँकड़ों का सोर्स ट्वीट में स्पष्ट नहीं है। राय ने ट्वीट कर कहा है, “बिहार हत्या, लूट, दुष्कर्म से त्रस्त है। अपराधियों की बहार है, क्योंकि अपराध को पनाह देने वाली नीतीश-तेजस्वी की सरकार है। बिहार की महागठबंधन सरकार कान में रूई डालकर मौन बैठी है। अपराधी बेखौफ़ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।”