Sunday, April 28, 2024
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रामचरितमानस के बाद अब देवी दुर्गा के अपमान पर उतरी RJD, विधायक ने कहा- रात में महिषासुर के साथ कौन सा युद्ध लड़ने जाती थी, शंकर ने बेटी से शादी की

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने विवादित बयान देते हुए रामचरितमानस की तुलना बेहद खतरनाक जहर पोटैशियम साइनाइड से की थी। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है। जब तक यह रहेगा, तब तक इसका विरोध करते रहेंगे। इससे पहले वे मानस को बाँटने वाला ग्रंथ बता चुके हैं।

बिहार में राजद (RJD) के एक और विधायक ने हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला है। बिहार के रोहतास जिले के डेहरी से राजद विधायक फते बहादुर सिंह ने माँ दुर्गा पर सवाल उठाए और उन्हें काल्पनिक बताया है। फतेह बहादुर ने एक कार्यक्रम में कहा कि माँ दुर्गा जैसी कोई चीज नहीं थी, यह सब काल्पनिक बातें हैं। उन्होंने दुर्गा सप्तशती को एक मनगढ़ंत और बेकार कहानी बताया। इसके साथ ही उन्होंने खुद को महिषासुर का वंशज भी बताया है। 

कुशवाहा समाज से आने वाले फतेह बहादुर ने कहा कि महिषासुर एक प्रतापी राजा था और वह 90 प्रतिशत बहुसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करता था। उसे मारने के लिए दुर्गा का आविष्कार किया गया। इतना ही नहीं, फतेह ने दुर्गा और भगवान शंकर के संबंधों को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वह सिंदूर क्यों लगती हैं?

उन्होंने कहा कि शास्त्रों में बताया जाता है कि भगवान शिव ने अन्य देवताओं के साथ आह्वान कर देवी दुर्गा की उत्पत्ति की। एक तरह से भगवान शिव ने देवी दुर्गा का आविष्कार किया तो इस रिश्ते से देवी दुर्गा भगवान शिव की पुत्री हुईं। दूसरी ओर देवी दुर्गा को महागौरी के नाम से भी बुलाया जाता है। ऐसे में गौरी भगवान शिव की पत्नी थी, तो क्या भगवान शिव ने अपनी पुत्री से विवाह कर लिया था?

फतेह बहादुर ने कहा कि ये सब मनुवादियों का षड़यंत्र है। महिषासुर की हत्या करने के लिए दुर्गा का इन सबने उपयोग किया और महिषासुर का वध नहीं हत्या हुई। ये मनुवादी लोग बताने का काम करेगा कि कौन सा मैदान में महिषासुर के साथ दुर्गा ने युद्ध किया और रात्रि में कौन युद्ध करने जाती थी उसके यहाँ?

फतेह बहादुर ने माँ दुर्गा को ना सिर्फ काल्पनिक बताया, बल्कि यह भी कहा कि जब ब्रिटिश सरकार ने भारत को गुलाम बनाया तो माँ दुर्गा कहाँ थीं? मीडिया से बातचीत के दौरान राजद विधायक ने कहा कि मनुवादियों के अनुसार देश में 33 करोड़ देवी-देवता हैं। ब्रिटिश भारत में आए और गुलाम बनाने का काम किया उस समय भारतीयों की संख्या 30 करोड़ थी।

फतेह बहादुर ने पूछा, “मैं उन मनुवादियों से पूछना चाहता हूँ जिन्होंने ये लिखा कि महिषासुर की करोड़ों सेना के साथ माँ दुर्गा ने लड़ाई लड़ी और महिषासुर का नरसंहार कर दिया। जब मुट्ठी भर ब्रिटिश सरकार ने भारत को गुलाम बनाया तो माँ दुर्गा क्या कर रही थीं? दस हाथ का औजार कहाँ था?”

पूजा पर खर्चा करना नाजायज

जब पूजा-पाठ और पंडाल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पूजा-अर्चना करने को नाजायज खर्च बता दिया। उन्होंने कहा कि जब दुर्गा का कोई इतिहास ही नहीं है तो लोग क्यों इतना खर्च करते हैं? अगर वह तीनों लोक की देवी थीं तो क्या भारत में ही तीनों लोक स्थित है?

उन्होंने पूछा, “अगर दुर्गा देवी रहतीं और इनका अवतार हुआ रहता तो ये भारत में ही क्यों पूरे विश्व में क्यों नहीं हुआ? मैं कहता हूँ कि हम कौन से हिंदू हैं? जिन मनुवादियों ने देवताओं को काल्पनिक बनाया, उन्होंने ही ओबीसी एससी-एसटी को शूद्र बना दिया।”

विधायक के इस बयान से हिंदू संगठनों में आक्रोश है। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने विधायक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने विधायक के पुतले का दहन भी किया है।

बिहार के शिक्षा मंत्री भी दे चुके हैं विवादित बयान

बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने विवादित बयान देते हुए रामचरितमानस की तुलना बेहद खतरनाक जहर पोटैशियम साइनाइड से की थी। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है। जब तक यह रहेगा, तब तक इसका विरोध करते रहेंगे। इससे पहले वे मानस को बाँटने वाला ग्रंथ बता चुके हैं।

चंद्रशेखर ने कहा था कि 55 तरह का व्यंजन परोस कर उसमें पोटैशियम साइनाइड मिला दीजिए तो क्या होगा? रामचरितमानस के साथ भी यही हाल है। बिहार हिंदी ग्रंथ अकादमी में कार्यक्रम में उन्होंने रामचरितमानस के अरण्य कांड की चौपाई ‘पूजहि विप्र सकल गुण हीना, शुद्र न पूजहु वेद प्रवीणा’ की चर्चा की थी।

वहीं, चंद्रशेखर ने इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद को मर्यादा पुरुषोत्तम बताया था। उन्होंने कहा था कि शैतानों की संख्या अधिक होने के बाद परमात्मा ने पैगंबर मुहम्मद को पैदा किया। उन्होंने कहा था कि अगर बेईमान भी खुद को मुस्लिम कहते हैं तो खुदा इसकी इजाजत नहीं देता है।

उन्होंने कहा था, “जब शैतानियत बढ़ गई दुनिया में, ईमान खत्म हो गया, बेईमान और शैतान ज्यादा हो गए तो मध्य एशिया के इलाके में ईश्वर ने, प्रभु ने, परमात्मा ने मर्यादा पुरुषोत्तम प्रोफेट मुहम्मद साहब को पैदा किया। ईमान लाने के लिए। इस्लाम ईमान वालों के लिए आया। इस्लाम बेइमानी और शैतानी के खिलाफ आया। मगर बेईमान भी खुद को मुस्लिम कहते हैं तो इसकी इजाजत खुदा नहीं देता है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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