Friday, April 19, 2024
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भाजपा के खिलाफ़ हिंसा बदस्तूर जारी, भाजपा नेता के दफ्तर पर हमला, मीडिया खामोश

मन्नूति पुलिस ने बताया कि मामला भारतीय दण्ड विधान की धाराओं 153 (दंगे भड़काने के लिए उकसावा) और 427 के अंतर्गत दर्ज किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मामला अनाम आरोपियों के विरुद्ध दर्ज किया गया है, क्योंकि यह साफ नहीं हो पाया है कि हमला किसने किया था।

भाजपा नेताओं के खिलाफ मौजूदा चुनावों में हिंसा का दौर खिंचता ही जा रहा है। विधायक की हत्या, नेताओं और समर्थकों की हत्या, मनसे द्वारा भाजपा-समर्थक के घर पर हमले के बाद अब केरल भाजपा के नेता और कई दक्षिण भारतीय भाषाओं की फिल्मों में काम कर चुके चर्चित नेता व गायक सुरेश गोपी के कार्यालय पर हमला हुआ है। सुरेश गोपी राज्यसभा के सदस्य हैं और लोकसभा चुनावों में भाजपा ने उन्हें त्रिसूर क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है।

प्रचार सामग्री को ही बनाया निशाना, महज़ ₹50 के नुकसान का केस दर्ज  

हमले की राजनीतिक प्रकृति इस तथ्य से साफ़ हो जाती है कि हमले के वक्त गोपी के कार्यालय में मुख्यतः झंडे, पोस्टर आदि चुनाव-प्रचार से जुड़ी सामग्री ही मौजूद थी। इसी को हमलावरों ने निशाना बना कर नष्ट कर दिया। रात दो बजे के करीब हुए इस हमले का संज्ञान लेते हुए मन्नूति पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

द न्यूज़ मिनट से बात करते हुए मन्नूति पुलिस ने बताया कि मामला भारतीय दण्ड विधान की धाराओं 153 (दंगे भड़काने के लिए उकसावा) और 427 (₹50 का शरारतपूर्ण नुकसान) के अंतर्गत दर्ज किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मामला अनाम आरोपियों के विरुद्ध दर्ज किया गया है, क्योंकि यह साफ नहीं हो पाया है कि हमला किसने किया था।

मीडिया के समुदाय विशेष में सन्नाटा

भाजपा और संघ पर राजनीतिक विपक्ष से भी ज्यादा हमलावर हो उनपर आतंकवाद से लेकर गुंडागर्दी तक का आरोप लगाने वाले मीडिया के समुदाय विशेष ने इस मुद्दे पर सन्नाटा मार लिया है। यह पिछले 8 दिनों में भाजपा पर हिंसक हमले की सातवीं घटना है, पर मीडिया पूरी तरह ‘मौन-संहिता’ का पालन कर रहा है। मामले पर कोई रिपोर्ट प्रकाशित करना तो दूर, न्यूज़ मिनट के अलावा किसी अन्य बड़े मीडिया हाउस ने हिंसा का संज्ञान तक नहीं लिया है। खबर लिखे जाने तक सोमवार रात को हुई घटना पर मीडिया हाउसों का ट्वीट तक नहीं आया है।

माकपा पर आरोप

हमले के पीछे भाजपा नेताओं ने माकपा का हाथ होने का दावा किया है। स्थानीय भाजपा नेता विनोद ने मीडिया से बात करते हुए कहा उनके कार्यकर्ता आधी रात तक कार्यालय में ही थे, अतः यह हमला रात 1 बजे के बाद का ही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि क्षेत्र में राजग का बहुत सकारात्मक प्रभाव है; जिन दलों को इस क्षेत्र में भाजपा की बढ़त नहीं सुहा रही है, वही हमले के लिए जिम्मेदार हैं, और उन्हें (विनोद को) लगता है कि वह माकपा है।

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि आसपास की सीसीटीवी फुटेज ने खुलासा किया है कि करीब दो बजे के आसपास कुछ लोगों का समूह कार्यालय के पास जा रहा था।

गोपी ‘देर आयद, पर दुरुस्त आयद’

गौरतलब है कि गोपी को भले ही इस लोकसभा क्षेत्र का उम्मीदवार देर से बनाया गया है पर कम समय में ही उन्होंने इलाके में अच्छी-खासी पैठ बना ली है। उनसे पहले तुषार वेलापल्ली यहाँ से उम्मीदवार थे, पर राहुल गाँधी के केरल के वायनाड से लड़ने की घोषणा होने पर तुषार को वहाँ भेज दिया गया। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा ज़ोरों पर है कि राहुल गाँधी ने वायनाड को इसीलिए चुना क्योंकि इस बार केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों उनकी अमेठी में हार का खतरा है। ऐसे में भाजपा उन्हें दक्षिण में भी घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती, और इसीलिए केरल के प्रभावी नेता तुषार को उन्हें चुनौती देने त्रिसूर से वायनाड भेज दिया, और सुरेश गोपी को त्रिसूर में उतारा गया।

अय्यप्पा के लिए चुनाव आयोग के आदेश की अवहेलना

सुरेश गोपी सबरीमाला के भगवान अय्यप्पा के लिए चुनाव आयोग के आदेश की भी अवहेलना कर चुके हैं। उन्हें त्रिसूर की जिलाधिकारी टीवी अनुपमा ने चुनाव आयोग के निर्देशों की अवहेलना कर सबरीमाला और भगवान अय्यप्पा के नाम पर वोट माँगने को लेकर नोटिस जारी किया है

चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार में भगवान अय्यप्पा का नाम लेकर प्रचार करने पर रोक लगा दी थी, जिसका सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट सरकार के एलडीएफ़ गठबंधन और कॉन्ग्रेस के गठबंधन यूडीएफ़ ने समर्थन किया था; वहीं भाजपा ने इसका एक स्वर में विरोध था। भाजपा के राज्य अध्यक्ष के सुरेन्द्रन और पूर्व राज्य अध्यक्ष कुम्मानाम राजशेखरन ने स्पष्ट किया था कि वे और उनकी पार्टी इस मुद्दे को राज्य की जनता के बीच हर हाल में लेकर जाएगी। उसके संकल्प पत्र में भी आस्था के मुद्दों को संवैधानिक सुरक्षा प्रदान करने का दावा किया गया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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