केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी में अपने आशियाने की नींव रख दी है, उन्होंने अमेठी की जनता से वादा किया था कि वह अमेठी में अपना घर बनाएँगी, इसे ‘रिमोट’ से नहीं चलाएँगी और सारे काम उस घर से ही करेंगी। इस वादे को पूरा करने के लिए स्मृति ईरानी ने शहर के गौरीगंज तहसील स्थित उप निबंधक कार्यालय में 11 बिस्वा ज़मीन की रजिस्ट्री कराई।
2019 के आम चुनावों के ठीक पहले केंद्रीय मंत्री ने अमेठी स्थित गौरीगंज के जामो रोड पर किराए का मकान लिया था। यही मकान उनका क्षेत्रीय आवास और सांसद कार्यालय भी था, राहुल गाँधी को चुनाव में हराने के बाद से इस घर में उनका आना जाना लगा रहता था। इस मकान में ही बैठ कर भाजपा सांसद के स्थानीय प्रतिनिधि जन सुनवाई करते हैं। उनकी ज़मीन शहर से कुछ किलोमीटर दूर सराय भागमानी गाँव में मौजूद है। उन्होंने सोमवार (22 फरवरी 2021) को 11 बिस्वा यानी लगभग 15000 स्क्वायर फीट ज़मीन की रजिस्ट्री कराई है।
इस ज़मीन की कीमत लगभग 12 लाख रुपए आँकी जा रही है। ज़मीन के सारे दस्तावेज़ लिखे जा चुके हैं। इसके बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा, “अमेठी के लोग इस बात की कल्पना करते थे कि क्या उनका सांसद घर बना कर उनके बीच रहेगा? मैंने 2019 के आम चुनावों के दौरान अमेठी के लोगों से वादा किया था कि मैं यहाँ अपने लिए एक घर का निर्माण कराऊंगी और वहीं से काम करूँगी। इसके लिए मैंने ज़मीन की रजिस्ट्री कराई है। मैं अभी तक किराए की जगह में रह रही थी, जल्द ही यहाँ के लोगों के बीच इस का भूमि पूजन भी कराया जाएगा।”
भाजपा सांसद के मुताबिक़ उन्होंने जो वादा किया था वो करके दिखाया। उन्होंने पूछा कि गाँधी परिवार के सदस्यों ने चुनाव जीतने के बावजूद अभी तक यहाँ घर क्यों नहीं बनाया, उन्हें जनता को इस सवाल का जवाब ज़रूर देना चाहिए। अमेठी की जनता ने उन्हें (स्मृति ईरानी) स्वीकार किया है, यहाँ के लोगों ने उनसे अपील की थी कि वो यहाँ आएँ उसकी वजह से ही यह सब हो पाया। कॉन्ग्रेस में नेता सिर्फ खुद को मज़बूत करने में जुटे रहते हैं जबकि भाजपा जनता को मज़बूत करने का प्रयास करती है, यही दोनों पार्टियों के बीच का फ़र्क है।
दरअसल, 2014 में अमेठी से लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद स्मृति ईरानी ने अमेठी के लोगों का साथ नहीं छोड़ा। वह सक्रियता से क्षेत्र में काम करती रहीं, उन्होंने शहर के तमाम दौरे किए थे। नतीजतन 2019 के आम चुनाव में गाँधी परिवार के गढ़ माने जाने वाले अमेठी के लोगों ने स्मृति ईरानी पर भरोसा जताया था। 2019 में अमेठी से चुनाव हारने के बाद राहुल गाँधी सिर्फ एक बार यहाँ का दौरा करने के लिए आए थे। अमेठी में घर बना कर वह स्पष्ट संदेश देना चाहती हैं कि गाँधी परिवार ने सिर्फ इस जगह का फ़ायदा उठाया है इसके विपरीत वह लोगों के बीच रहने वाली हैं।
इस पर ज़मीन की मालिक रही फूलमती के बेटे गया प्रसाद पाण्डेय का कहना है, “हमारा विकास, हमारे गाँव का विकास, हमारे क्षेत्र का विकास हो इसलिए हम स्मृति ईरानी को ज़मीन दे रहे हैं। आगे सब कुछ उन पर निर्भर करता है। हमारे क्षेत्र का जितना विकास उन्होंने (स्मृति ईरानी) किया है उतना अभी तक किसी और ने नहीं किया है। हमारे पास कुछ लोग आए और उन्होंने हमसे पूछा कि आप दीदी को ज़मीन कब देंगे? हमने कहा, हमें तो बेचना ही था अब ये तो हमारे लिए भाग्य की बात है कि ज़मीन स्मृति ईरानी ले रही हैं। इससे हमारे गाँव और हमारे क्षेत्र का विकास सुनिश्चित होगा। इसलिए हमने ज़मीन दी।”