कर्नाटक सरकार ने हाल में ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ पारित किया है। यह विधेयक सरकार को अधिकार देता है कि वह मंदिरों से टैक्स वसूल सकें।
इस बिल के अनुसार अगर किसी हिंदू मंदिर का राजस्व 1 करोड़ है तो सरकार उनसे 10 फीसद टैक्स ले सकती है और जिनका राजस्व 1 करोड़ से कम है लेकिन 10 लाख रुपए से ज्यादा है तो उनसे सरकार 5 प्रतिशत कर ले सकती है।
The Karnataka Hindu Religious Charitable Institutions and Charitable Endowments (Amendment) Bill, 2024 https://t.co/BSshEPcVNS. In the constitution of the Board of Directors referred to in point 25 – it is mentioned that 'members may be appointed from both Hindu and https://t.co/bjteuh3Jlf pic.twitter.com/sbMTDJBF7N
— Kumar Sampath Shet (@ShetSampath) February 21, 2024
बताया जा रहा है कि इस बिल में ये भी कहा गया है कि एक निगमित निकाय के मामले में सदस्यों को हिंदू और अन्य धर्मों दोनों से नियुक्त किया जा सकता है।
Karnataka govt passes the Hindu Religious institutions & charitable Endowments amendment bill
— Pranesh Kumar Roy (@roypranesh) February 22, 2024
Sub clause under Sec 25
'In Case of composite institution members from both Hindu and Other Religions may be appointed to the Management Committee'
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As per a new…
इस विधेयक के पारित होने के बाद प्रदेश के भाजपा नेताओं ने इसका जमकर विरोध किया। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष विजयेंद्र येदियुरप्पा ने कहा कि कॉन्ग्रेस सरकार हिंदू विरोधी नीतियाँ अपनाकर अपना खाली खजाना भरना चाहती है।
उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा कि कॉन्ग्रेस सरकार राज्य में लगातार हिंदू विरोधी नीतियाँ अपना रही है। अब उसकी हिंदू मंदिरों के राजस्व पर टेढ़ी नजर है। सरकार ने अपने खाली खजाने को भरने के लिए हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक पारित किया है। सरकार हिंदू मंदिरों से धन जुटाकर अपने दूसरे उद्देश्य पूरा करेगी।
ರಾಜ್ಯದಲ್ಲಿ ಸರಣೀ ರೂಪದಲ್ಲಿ ಹಿಂದೂ ವಿರೋಧಿ ಧೋರಣೆ ಅನುಸರಿಸುತ್ತಿರುವ ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಸರ್ಕಾರ ಇದೀಗ ತನ್ನ ಬರಿದಾಗಿರುವ ಬೊಕ್ಕಸ ತುಂಬಿಸಿಕೊಳ್ಳಲು ಹಿಂದೂ ದೇವಾಲಯಗಳ ಆದಾಯದ ಮೇಲೂ ವಕ್ರ ದೃಷ್ಟಿ ಬೀರಿ ಹಿಂದೂ ಧಾರ್ಮಿಕ ಸಂಸ್ಥೆಗಳ ಮತ್ತು ಧರ್ಮಾದಾಯ ದತ್ತಿಗಳ ವಿಧೇಯಕವನ್ನು ಮಂಡಿಸಿ ಅಂಗೀಕಾರ ಪಡೆದು ಕೊಂಡಿದೆ.
— Vijayendra Yediyurappa (@BYVijayendra) February 21, 2024
ಇದರ ಅನುಸಾರ ಇನ್ನು ಮುಂದೆ 1… pic.twitter.com/UwcN7yjjss
विजयेंद्र ने कहा कि सरकार 1 करोड़ से अधिक कमाई वाले मंदिरों से आय का 10% टैक्स लेगी। भक्तों द्वारा भगवान को चढ़ाए गए धन का इस्तेमाल मंदिर और भक्तों की सुविधा के लिए होना चाहिए। यदि इसे किसी अन्य उद्देश्य के लिए आवंटित किया जाता है, तो यह लोगों के साथ हिंसा और धोखाधड़ी होगी। येदियुरप्पा ने आश्चर्य जताया कि कर्नाटक सरकार केवल हिंदू मंदिरों को ही क्यों निशाना बना रही है। अन्य धर्मों को क्यों नहीं?
बीजेपी द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने विजयेंद्र पर पलटवार किया। उन्होंने भाजपा पर धर्म को राजनीति में लाने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा- “हिंदुत्व की सच्ची समर्थक तो कॉन्ग्रेस है। लेकिन भाजपा हमेशा कॉन्ग्रेस को हिंदू विरोधी दिखाकर लाभ लेती है। पर, हिंदू धर्म के सच्चे समर्थक हम हैं, क्योंकि वर्षों से कॉन्ग्रेस ने मंदिर और हिंदू हितों की रक्षा की है।”