जींद उपचुनाव में भाजपा को बड़ी सफलता मिली है। भाजपा के उम्मीदवार कृष्णा मिड्ढा ने जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय चौटाला को 12,248 मतों से हराया। वहीं कॉन्ग्रेस उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें विजयी उम्मीदवार को मिले मतों से आधे मत नहीं मिल पाए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी मतगणना के दौरान कहा था कि भाजपा जींद उपचुनाव आसानी से जीत लेगी। इसके बाद राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक हो गए हैं।
रणदीप सुरजेवाला कॉन्ग्रेस पार्टी के कम्युनिकेशन प्रभारी हैं और हरियाणा के कैथल से विधायक हैं। जिंद चुनाव परिणाम आने के बाद उन्होंने अपनी हार स्वीकारते हुए कहा:
“मुझे उम्मीद है कि मनोहर लाल खट्टर और कृष्णा मिड्ढा जी,जींद के लोगों के सपनों को पूरा करेंगे। मुझे पार्टी द्वारा एक जिम्मेदारी दी गई थी जिसे मैंने अपनी क्षमताओं के अनुसार पूरा किया, मैं कृष्ण मिड्ढा जी को बधाई देता हूं।”
रणदीप सुरजेवाला का हारना कॉन्ग्रेस के लिए हरियाणा में एक बुरा संकेत माना जा रहा है। विपक्षी पार्टियों ने लगातार दावा किया था कि राज्य में खट्टर सरकार की लोकप्रियता कम होते जा रही है, लेकिन हाल के मेयर चुनावों और ताज़ा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत कुछ अलग ही कहानी कहती है। बता दें कि 2018 के दिसंबर में हरियाणा में हुए म्युनिसिपल चुनाव के परिणाम आए थे, जिसमे सभी पाँच सीटों पर भाजपा ने परचम लहराया था। यहाँ तक कि राज्य में कॉन्ग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के गृह क्षेत्र रोहतक में भी कॉन्ग्रेस समर्थित उम्मीदवार को मुँह की खानी पड़ी थी।
वहीं राजस्थान के रामगढ़ में कॉन्ग्रेस की जीत हुई। अब राज्य में कॉन्ग्रेस के विधायकों की संख्या 100 पहुँच गई है। कॉन्ग्रेस के ज़ुबेर खां ने भाजपा के सुखवंत सिंह को 12,228 वोटों से मात दी। दोनों ही सीटों पर 28 जनवरी को चुनाव संपन्न हुए थे। जींद में मतगणना के दौरान एक उम्मीदवार के समर्थकों ने हंगामा भी किया, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा।