कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब के अगले मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने आज (सितंबर 20, 2021) आधिकारिक तौर पर शपथ ग्रहण की। वहीं इस कार्यक्रम से पहले सियासी बयानबाजी शुरू रही। पंजाब कॉन्ग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने साफ किया है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में नवजोत सिंह सिद्धू के चेहरे को आगे रखते हुए चुनाव लड़ा जाएगा। इधर, कॉन्ग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने हरीश रावत के बयान पर आपत्ति जताई है।
Congress MLA Charanjit Singh Channi takes oath as Punjab CM at Raj Bhawan pic.twitter.com/W68LmKIl70
— ANI (@ANI) September 20, 2021</blockquoteसुनील जाखड़ लिखते हैं, “चरणजीत सिंह के बतौर मुख्यमंत्री शपथ लेने वाले दिन रावत का ऐसा बयान चौंकाने वाला है कि चुनाव सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। यह केवल मुख्यमंत्री के अधिकार को कम दिखाता है। साथ ही उनके चुनाव और उनके औचित्य को भी नकारता है।“
On the swearing-in day of Sh @Charnjit_channi as Chief Minister, Mr Rawats’s statement that “elections will be fought under Sidhu”, is baffling. It’s likely to undermine CM’s authority but also negate the very ‘raison d’être’ of his selection for this position.
— Sunil Jakhar (@sunilkjakhar) September 20, 2021उल्लेखनीय है कि कॉन्ग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक ने शनिवार (सितंबर 18, 2021) को कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद और चन्नी के नाम की घोषणा से पहले ही सुनील जाखड़ को उपमुख्यमंत्री का पद देने के लिए उनसे बातचीत की थी। हालाँकि जाखड़ ने इसे स्वीकार नहीं किया। इसके बाद दिल्ली में भी कॉन्ग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने जाखड़ के सामने यही प्रस्ताव रखा था, लेकिन उन्होंने फिर भी यह पद लेने से मना कर दिया।
मालूम हो कि पंजाब में शुरू हुई हलचल के बीच हरीश रावत ने बताया था कि एक आपसी भावना थी कि राज्य में दो उपमुख्यमंत्री होने चाहिए। रावत का कहना था, “जल्द ही हम मंत्रिपरिषद के नामों के साथ इस पर फैसला करेंगे। कुछ नामों पर चर्चा हुई है लेकिन यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है जो पार्टी आलाकमान के साथ इस पर चर्चा करते हैं और फैसला लेते हैं।”
बता दें कि चन्नी फिलहाल रूपनगर के चमकुर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। 2015-16 में वो पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी थे। वो ‘रामदासिया सिख’ समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और महिला आईएएस को गलत संदेश भेजने के मामले में आरोपित भी थे। सीएम पद के लिए अपने नाम की घोषणा होने के बाद उन्होंने गुरुद्वारे जाकर माथा टेका था। वहीं सिद्धू ने इस फैसले को ऐतिहासिक करार दिया था। गहलोत ने इस बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि वो उम्मीद करते हैं कि कैप्टन कोई ऐसा कदम नहीं उठाएँगे जिससे पार्टी छवि को नुकसान हो।