दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पंजाब की सरकारी बिजली कंपनी PSPCL के ₹900 करोड़ मुनाफा कमाने को उपलब्धि बता रहे हैं। उनका कहना है कि बिजली कम्पनी पंजाब में मुफ्त बिजली देने के बाद भी फायदे में चल रही है, यह उनकी उपलब्धि है। इस बीच वह यह सच्चाई छुपा ले गए कि पंजाब में उनकी सरकार आते ही यही बिजली कंपनी ₹4775 करोड़ के घाटे में चली गई थी। इसके अलावा और भी कई महत्वपूर्ण बातें उन्होंने नहीं बताई।
दिल्ली CM केजरीवाल ने बुधवार (29 मई, 2024) को एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “पंजाब स्टेट पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड 900 करोड़ के फ़ायदे में आ गया है। पिछली सरकारों में जो PSPCL घाटे में चल रहा था आज वो फ़्री बिजली देने के बाद भी फ़ायदे में है। ये नतीजे हैं AAP सरकार की ईमानदार मेहनत के। इस शानदार उपलब्धि के लिए मैं पंजाब के 3 करोड़ लोगों और भगवंत मान जी को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देता हूँ।”
AAP सरकार आते ही मुनाफे से घाटे में चली गई थी PSPCL
जहाँ CM केजरीवाल ने जहाँ यह बात जोरशोर से बताई कि 2023-24 में PSPCL को ₹900 करोड़ का मुनाफा हुआ है, वहीं उन्होंने यह नहीं बताया कि इस कम्पनी को मुनाफे से घाटे में भी उनकी ही सरकार ले गई थी। मार्च 2022 में आम आदमी पार्टी (AAP) के सत्ता में आने के बाद PSPCL, 2022-23 में ₹4,775 के घाटे में चली गई थी। इससे पहले 2021-22 में इसने ₹1069 करोड़ का मुनाफा कमाया था। यानी पंजाब में AAP सरकार के आते ही PSPCL का घाटा लगभग पाँच गुना हो गया।
ऊपर दिए गए ग्राफ में साफ दिखता है कि पंजाब में AAP के सत्ता में आने से पहले PSPCL को 2020-21 में ₹1446 करोड़ का मुनाफा हुआ था जबकि 2021-22 में इसी कम्पनी को ₹1069 करोड़ का मुनाफा हुआ था। इसका अर्थ है कि पंजाब में AAP के सता में आने से पहले सरकारी बिजली कम्पनी PSPCL पूरी तरफ मुनाफे में थे। इसी ग्राफ से साफ दिखता है कि जैसे ही उनकी सरकार आई, कम्पनी घाटे में चली गई। उसका मुनाफा तो नहीं ही रहा बल्कि उसे ₹4775 करोड़ का झटका लगा।
वहीं PSPCL को 2023-24 में मुनाफा होने के पीछे AAP सरकार की कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है, बल्कि मुनाफे का बड़ा कारण झारखंड की इसकी खुद की कोयला खदानों से कोयले की आपूर्ति का दोबारा चालू होना है। जनवरी, 2024 में PSPCL के चेयरमैन बलदेव सिंह स्रा ने जनवरी 2024 में इंडियन एक्सप्रेस से इस बात की पुष्टि की थी। उन्होंने बताया था कि बाहर से कोयला मँगाने के कारण राज्य को हर साल ₹3000 करोड़ का अतिरिक्त खर्च झेलना पड़ता था। झारखंड की खदानों से कोयला आने के कारण यह खत्म हो गया है।
मुफ्त बिजली के लिए पंजाब सरकार उठाती है खर्चा, PSPCL का कोई रोल नहीं
CM केजरीवाल ने दावा किया कि PSPCL का यह मुनाफा तब है जब वह राज्य में करोड़ों लोगों को मुफ्त बिजली दे रही है। यह बात सच्चाई से काफी परे है। दरअसल, पंजाब में मुफ्त बिजली योजना का खर्च PSPCL नहीं बल्कि पंजाब की AAP सरकार उठाती है। पंजाब की AAP सरकार को अपने बजट में मुफ्त बिजली देने के लिए प्रावधान करना पड़ता है और असल में यह जनता के टैक्स के पैसे पर ही किया जाता है।
2024-25 में मुफ्त बिजली देने के लिए पंजाब सरकार ने बजट में ₹20,477 करोड़ दिए थे। यह पंजाब के पूरे बजट का लगभग 10% था। इससे पहले 2023-24 में पंजाब सरकार ने ₹20,200 करोड़ बिजली सब्सिडी के लिए दिए थे। यदि यह भार PSPCL पर पड़ता था तो इसका घाटा दो ही वर्षों में ₹40,000 करोड़ से ऊपर पहुँच जाता।
पंजाब की आर्थिक स्थिति डाँवाडोल, फिर भी मुफ्त की बड़ाई कर रहे केजरीवाल
पंजाब की आर्थिक स्थिति लगातार खराब है। पंजाब पर पिछले कुछ समय में कर्ज तेजी से बढ़ा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में पंजाब पर कर्ज बढ़ कर ₹3.43 लाख करोड़ हो गया है। पंजाब पर उसकी GDP का लगभग 45% कर्ज है। कर्ज प्रबन्धन के लिए बनाए गए FRBM एक्ट के नियम कहते हैं कि किसी भी राज्य का कुल कर्ज उसकी GDP 20%-25% के बीच होना चाहिए। पंजाब में AAP सरकार के आने के बाद लगातार कर्ज को चुकाने के लिए नया कर्ज लिया जा रहा है।