उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साल 2022 के पहले दिन शनिवार (1 जनवरी, 2022) को रामपुर के चुनावी दौरे पर पहुँचे। यहाँ उन्होंने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। अखिलेश यादव के 300 यूनिट फ्री बिजली देने के चुनावी वादे पर चुटकी लेते हुए सीएम योगी ने कहा कि जब बिजली ही नहीं देते थे तो मुफ्त कहाँ से होता। उन्होंने कहा कि आपने तो उलटा लोगों से वसूली की है, कम से कम इसके लिए तो जनता से माफी माँग लो।
…अरे जब आप बिजली ही नहीं देते थे तो मुफ्त कहां से दोगे? उल्टा जनता से वसूली जो करते थे, उसके लिए माफी तो मांग लो ‘बबुआ’! pic.twitter.com/5MIVfrNqDO
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 1, 2022
रिपोर्ट के मुताबिक, रामपुर के रठौंडा में जनसभा के दौरान सीएम योगी ने अखिलेश यादव को ‘बबुआ’ के नाम से संबोधित किया और उनके राम मंदिर बनाने वाले बयान पर कहा, “आज बबुआ बोल रहे थे कि हमारी सरकार होती तो हम भी भव्य राम मंदिर बनाते। मैंने कहा, कब्रिस्तान बनाने से फुर्सत होती तब तो राम मंदिर बनाने के बारे में सोचते। जब उनकी सरकार थी तब तो रामभक्तों पर इन्होंने गोलियाँ चलवाईं।”
आज बबुआ बोल रहे थे कि हमारी सरकार होती तो हमारी सरकार भी भव्य राम मंदिर बनाती।
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कब्रिस्तान बनाने से फुर्सत होती तो राम मंदिर के बारे में सोचते… pic.twitter.com/fbzxCX6y0b
रामपुर का मशहूर चाकू का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने ‘एक जनपद और एक उत्पाद’ की योजना चलाई। उन्होंने बताया कि इस योजना के क्रियान्वयन के वक्त रामपुर का चाकू ही ध्यान में आया। उन्होंने आगे कहा कि अगर अच्छे लोगों के पास शस्त्र होगा तो देश और धर्म की रक्षा के लिए उसका उपयोग होगा, लेकिन अगर यह गलत लोगों के हाथ में गया तो वो इसका इस्तेमाल लूट-खसोट, दलितों और कमजोरों की जमीनों पर कब्जा करने के लिए उसका इस्तेमाल करेगा। उन्होंने बताया कि कैसे यह समाजवादी पार्टी की सरकार में यह दलितों की जमीनों पर कब्जा करने का जरिया बन गया।
रामपुर का चाकू जो कभी रक्षा के काम आता था, समाजवादी पार्टी की सरकार में दलितों की जमीनों पर, गरीबों की संपत्तियों पर कब्जा करने का माध्यम बन गया था… pic.twitter.com/UDscuCe7mG
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सीएम योगी ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 से पहले मुख्यमंत्री कार्यालय में मुजफ्फरनगर के दंगाइयों का सम्मान होता था, लेकिन 2017 के बाद सीएम ऑफिस में किसानों और गुरुबाणी का पाठ होता है – यही अंतर है।
फर्क साफ है।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) January 1, 2022
2017 से पहले
मुख्यमंत्री आवास में मुजफ्फरनगर व सहारनपुर के दंगाइयों को बुलाकर सम्मानित किया जाता था
2017 के बाद
मुख्यमंत्री आवास पर किसानों का सम्मान और गुरुबाणी का पाठ होता है
यही अंतर है: #UPCM श्री @myogiadityanath जी pic.twitter.com/a5jskby8zs