अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक किताब लिखी है। नाम है- ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ (A promised Land)। इसमें उन्होंने मनमोहन सिंह और राहुल गाँधी पर निशाना साधा है। किताब में ओबामा ने राहुल को घबराया हुआ और अनगढ़ बताया है। NYT की समीक्षा के अनुसार, यह पुस्तक ओबामा की एक आत्मकथा है जो ‘व्यक्तिगत से अधिक राजनीतिक’ है।
पुस्तक की समीक्षा के बाद कॉन्ग्रेस की तरफ से तीखी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। ओबामा का राहुल गाँधी के बारे में ये लिखना भर था कि तमाम कॉन्ग्रेसी नेता अपने ‘पूर्व अध्यक्ष’ के बचाव में सामने आ गए। बचाव में राहुल समर्थक चाटुकारिता की नई मिसाल गढ़ रहे हैं।
इस कड़ी में कॉन्ग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुके आचार्य प्रमोद कृष्णन ने एक वीडियो शेयर किया है।
राहुल गांधी “कांग्रेस” के भगवान हैं, जिसे जो करना हो कर ले. pic.twitter.com/wRB9l7fi5S
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) November 13, 2020
इस वीडियो में वे कहते नजर आ रहे हैं, “बराक ओबामा, राहुल गाँधी के साथ पढ़े हैं क्या या जिस स्कूल में राहुल गाँधी पढ़े, उस स्कूल में वो मास्टर थे या उन्होंने काबिलियत का सर्टिफिकेट देने का कोई इंस्टीट्यूट खोल रखा है। बराक ओबामा को यह कैसे पता चला कि राहुल गाँधी अयोग्य हैं। बराक ओबामा को यह कैसे पता चला कि राहुल गाँधी अपरिपक्व हैं, काबिल नहीं हैं, नर्वस छात्र हैं। बराक ओबामा को यह पता होना चाहिए कि राहुल गाँधी कॉन्ग्रेस के करोड़ों कार्यकर्ता के भगवान हैं। अपनी सीमा में रहें बराक ओबामा या फिर खुल कर बोल दें कि वो भी मोदी के अंधे भक्त हैं।”
ओबामा ने राहुल गांधी को “अयोग्य” बता कर, कांग्रेस के उन करोड़ों “कार्यकर्ताओं”
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) November 13, 2020
के ह्रदय पर “वज्रपात” किया है, जो उन्हें “भगवान” की तरह मानते हैं.
आचार्य प्रमोद कृष्णन ने इससे पहले ट्वीट करते हुए लिखा था, “ओबामा ने राहुल गाँधी को ‘अयोग्य’ बता कर, कॉन्ग्रेस के उन करोड़ों ‘कार्यकर्ताओं’ के ह्रदय पर ‘वज्रपात’ किया है, जो उन्हें ‘भगवान’ की तरह मानते हैं।”
बराक “ओबामा”
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) November 13, 2020
मोदी “मित्र” हैं ये सबको पता था,लेकिन वो अन्ध “भक्त” हैं, ये आज पता चला.
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा था, “बराक ‘ओबामा’ मोदी ‘मित्र’ हैं ये सबको पता था, लेकिन वो अन्ध ‘भक्त’ हैं, ये आज पता चला।”
कहना गलत नहीं होगा कि ये उसी दर्जे की चाटुकारिता है जिसमें ‘इंडिया इज इंदिरा’ और ‘सोनिया गाँधी पूरे देश की माँ’ है। बता दें कि आपातकाल के दौरान 1975 में कांग्रेस अध्यक्ष देव कांत बरुआ ने नारा दिया था: इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा (इंदिरा भारत हैं और भारत इंदिरा है)। वहीं मणिशंकर अय्यर के सोनिया गाँधी को प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के तौर पर राहुल का विकल्प बताने वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा था कि सोनिया गाँधी सिर्फ राहुल गाँधी की माँ नहीं हैं, वे हमारी भी माँ हैं और पूरे देश की माँ हैं। कॉन्ग्रेस तो चाटुकारिता की हद को पार करने में कोशिश में ‘भारत माता की जय’ की जगह ‘सोनिया माता की जय’ तक कह देते हैं।
प्रमोद कृष्णन ने राहुल भक्ति दिखाते हुए जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, वो कहीं न कहीं एक कॉन्ग्रेसी नेता के रूप में उन्होंने अपनी पार्टी का चाल, चरित्र और चेहरा पूरे देश के सामने जगजाहिर कर दिया है।