कॉन्ग्रेस कार्यसमिति की सोमवार (24 अगस्त 2020) को चल रही बैठक में सोनिया गॉंधी अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर चुकी हैं। राहुल गॉंधी दोबारा से अध्यक्ष की जिम्मेदारी सॅंभालने से इनकार कर रहे हैं। लेकिन पार्टी के नेता ‘परिवारवाद’ से मुक्ति नहीं चाहते हैं। या ये कहें कि उनके लिए कॉन्ग्रेस पार्टी का मतलब ही ‘परिवार’ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कार्यसमिति की बैठक सुबह करीब 11:20 पर शुरू हुई। इससे पहले पार्टी हेडक्वार्टर के बाहर अलग नजारे देखने को मिले। दिल्ली कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता व रॉबर्ट वाड्रा का स्वघोषित ‘चेला’ जगदीश शर्मा हेडक्वार्टर के बाहर कई लोगों के साथ गाँधी परिवार के ही किसी सदस्य को पार्टी अध्यक्ष बनाने के लिए नारेबाजी करता दिखा।
जगदीश शर्मा ने कहा, “हमें केवल गाँधी परिवार का ही अध्यक्ष चाहिए। अगर कोई बाहरी अध्यक्ष बन गया तो पार्टी नष्ट हो जाएगी या टूट जाएगी।”
Delhi: Congress workers raise slogans outside AICC office, demanding that Party President should be from Gandhi family.
— ANI (@ANI) August 24, 2020
Congress worker Jagdish Sharma says, “We want Party President from Gandhi family only. Party will be destroyed & break away if any outsider is made President.” pic.twitter.com/b5HzTptuhJ
उधर, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने भी सिर्फ़ गाँधी परिवार को ही अध्यक्ष पद पर देखने की इच्छा जताई। कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए जहाँ ये बताया कि उन्हें इंदिरा गाँधी, संजय गाँधी, राजीव गाँधी और राहुल गाँधी के साथ काम करने का सौभाग्य मिला। इसलिए अब वह आगे भी केवल गाँधी परिवार को ही अध्यक्ष पद पर आसीन देखना चाहते हैं।
वहीं, दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, “सोनिया गाँधी का नेतृत्व सर्वमान्य है। यदि सोनिया गाँधी कॉन्ग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ना ही चाहती हैं तो राहुल गाँधी को अपनी जिद छोड़कर अध्यक्ष का पद स्वीकार कर लेना चाहिए। देश का आम कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता और किसी को स्वीकार नहीं करेगा।”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आज कार्यसमिति बैठक आरंभ होने के बाद सोनिया गाँधी ने पार्टी नेताओं के समक्ष कहा कि वह अब अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर काम नहीं करना चाहतीं। इसके बाद मनमोहन सिंह और कुछ नेताओं ने उन्हें आग्रह किया कि वह पद पर बनी रहें।
इसके बाद राहुल गाँधी ने बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी के दो खेमों में बँटने की बात पर अपनी नाराजगी जाहिर की। कहा जा रहा है कि उन्होंने हाल में सोनिया गाँधी को लिखे गए पत्र पर अपना गुस्सा व्यक्त किया और नेताओं पर भाजपा से साँठ-गाँठ का आरोप लगाया। इसके बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर भाजपा के साथ ऐसा कुछ साबित हो जाए तो वह पार्टी से इस्तीफा दे देंगे।