कॉन्ग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी अपनी 3 दिवसीय यात्रा पर शनिवार (8 सितंबर, 2024) को अमेरिका पहुँचे। इसके तुरंत बाद कॉन्ग्रेस पार्टी के सीनियर नेता डी के शिवकुमार भी अमेरिका के लिए निकल रहे हैं। ऐसे में अब चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया कि ये दोनों नेता अमेरिका के शीर्ष नेताओं से कुछ जरूरी मुद्दों पर मुलाक़ात और बातचीत करने गए हैं। हालाँकि अब डी के शिवकुमार ने इन खबरों का खंडन किया है। उन्होंने अपनी यात्रा को निजी और पारिवारिक बताया है।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने शनिवार (8 सितंबर) को अपने X हैंडल से सफाई पेश की है। उन्होंने कहा कि उनकी इस यात्रा के बारे में तमाम तरह की अफवाहें सुनाई दे रही है। बकौल डी के शिवकुमार, यह यात्रा पूरी तरह से निजी और पारिवारिक है जिसका किसी विभागीय टूर या राजनैतिक उद्देश्य से कोई भी लेना-देना नहीं है। शिवकुमार ने लोगों से किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने की भी अपील की है। कॉन्ग्रेस नेता ने यह ट्वीट तेलगू और अंग्रजी दोनों भाषाओं में किया है।
Regarding my upcoming visit to the United States of America, I would like to dispel the ongoing rumours- my visit is purely for personal reasons and is no way related to any political motive, nor is it due to any political invitation.
— DK Shivakumar (@DKShivakumar) September 8, 2024
I request everyone to kindly refrain from…
बताते चलें कि डी के शिवकुमार से पहले कॉन्ग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गाँधी अमेरिका की यात्रा पर गए है। यहाँ वो 3 दिन समय बिताएँगे। इस दौरान राहुल गाँधी ने कहा है कि वो भारत और अमेरिका के रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में प्रयास करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पिछले हफ्ते कहा था कि राहुल अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर नहीं आ रहे हैं, लेकिन इस दौरान उन्हें कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद भवन) में विभिन्न लोगों से ‘व्यक्तिगत तौर’ पर बातचीत करने का मौका मिलेगा। यहाँ पर राहुल गाँधी पत्रकारों से भी रूबरू होंगे।
गौरतलब है कि हाल ही में बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ था। इस तख्तापलट में शेख हसीना सरकार के खिलाफ न सिर्फ बांग्लादेश के कट्टरपंथी बल्कि सेना व पुलिस से जुड़े तमाम लोगों ने बगावत कर दी थी। मुश्किल समय में शेख हसीना को भारत में शरण मिली थी। अंतर्राष्ट्रीय मामलों के कई जानकार इस तख्तापलट में अमेरिका का हाथ होने का इशारा करते हैं। हाल ही में अमेरिकी राजनयिकों ने हैदराबाद में AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला से भी मुलाकात की है। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।