जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल मंगलवार को लोकसभा में भी पारित हो गया है। बिल के समर्थन में 370 वोट पड़े, जबकि विरोध में 70 वोट पड़े। आर्टिकल 370 का ‘पावर’ कम करने के मोदी सरकार के इस कदम का कई कॉन्ग्रेस के नेताओं ने भी पार्टी लाइन से हटकर समर्थन किया है। मिलिंद देवड़ा और जनार्दन द्विवेदी के बाद अब इस कड़ी में राहुल गाँधी के करीबी और कॉन्ग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी जुड़ गया है।
कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर लिखा है- “मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर किए गए फैसले का समर्थन करता हूँ। साथ ही भारत में इसके पूर्ण एकीकरण का भी समर्थन करता हूँ। हालाँकि, अगर संवैधानिक प्रक्रिया का पालन किया गया होता। तब इस मामले पर कोई भी सवाल नहीं उठाया जा सकता था। फिर भी, यह हमारे देश के हित में है और मैं इसका समर्थन करता हूँ।”
#जम्मूकश्मीर और #लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश मे उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूँ। संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नही होते। लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित मे लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूँ।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) August 6, 2019
सोमवार (अगस्त 05, 2019) को यह बिल राज्यसभा से पारित हो गया है। राज्यसभा में सोमवार को इस बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े थे, वहीं विपक्ष में 61 सांसदों में मतदान किया। राज्यसभा में बिल के पास होने के बाद मंगलवार को यह बिल लोकसभा में पेश किया गया।
देखा जा रहा है कि कॉन्ग्रेस में अनुच्छेद-370 को लेकर दो-फाड़ जारी है। इससे पहले कॉन्ग्रेस नेता रंजीत रंजन, मुंबई कॉन्ग्रेस के बड़े नेता मिलिंद देवड़ा ने भी केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 को हटाने के फैसले का समर्थन किया।
वहीं, दीपेंद्र हुड्डा ने अनुच्छेद 370 को लेकर कहा कि 21वीं सदी में इसकी कोई जगह ही नहीं है। हालाँकि, कुछ देर बाद उन्होंने अपना यह ट्वीट हटा लिया। अपने इस ट्वीट के साथ उन्होंने एक अखबार की पुरानी खबर भी ट्वीट की थी, जिसमें उनके हवाले से 370 हटाने की वकालत की गई थी।