दिल्ली हिंदू विरोधी दंगे मामले में उमर खालिद की गिरफ्तारी के बाद तथाकथित सेकुलर इस मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं। सोशल मीडिया पर खालिद को रिहाई दिलवाने के लिए बकायादा अभियान चल रहा है। इसमें कॉन्ग्रेस के दिग्गज नेता से लेकर मीडिया गिरोह के पत्रकार और बुद्धिजीवी भी शामिल हैं।
Present @narendramodi govt believes in crushing secular, liberal,voices which they see as threat to their implementation of autocratic State
— Karnataka Congress (@INCKarnataka) September 15, 2020
Delhi riot investigation where a number of student leaders & intellectuals are jailed is a testimony to BJP using force to crush dissent
कर्नाटक कॉन्ग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकॉउंट पर इस संबंध में ट्वीट करते हुए लिखा है, “मोदी सरकार उन सभी धर्मनिरपेक्ष, उदारवादी, आवाजों को कुचलने में विश्वास करती है, जो उन्हें अपने निरंकुश राज्य के कार्यान्वयन में खतरा दिखते हैं।” ट्वीट में आगे लिखा है, “दिल्ली दंगों की जाँच में कई छात्र नेताओं और बुद्धिजीवियों को जेल में डाल दिया गया है, यह इस बात का सबूत है कि मोदी सरकार अपने विपक्षी को कुचलना चाहती है।”
हर्ष मंदर एक बहुत ही कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार मध्यप्रदेश कॉडर के IAS अधिकारी रहे हैं। मैं उनसे पिछले ३५-४० वर्षों से परिचित हूँ। यदि वे उमर ख़ालिद के पक्ष में है तो मैं उनके साथ हूँ। गॉंधीवादी कभी हिंसक प्रवृत्ति का नहीं हो सकता। मैं #StandWithUmarKhalid का समर्थन करता हूँ। https://t.co/9r8h6i48fc
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 15, 2020
इसी प्रकार दिग्विजय सिंह अपने ट्वीट में हर्ष मंदर का ट्वीट शेयर करते हैं, जिसमें उमर खालिद के समर्थन की बात है। दिग्विजय सिंह लिखते हैं, “हर्ष मंदर एक बहुत ही कर्तव्यनिष्ठ एवं ईमानदार मध्य प्रदेश काडर के IAS अधिकारी रहे हैं। मैं उनसे पिछले 35-40 वर्षों से परिचित हूँ। यदि वे उमर ख़ालिद के पक्ष में हैं तो मैं उनके साथ हूँ। गॉंधीवादी कभी हिंसक प्रवृत्ति का नहीं हो सकता। मैं #StandWithUmarKhalid का समर्थन करता हूँ।”
#StandWithUmarKhalid
— Biraj Patnaik (@birajpat) September 13, 2020
Umar Khalid’s arrest is a travesty. Every day he spends behind bars is a day too many. Another chapter added to one of the most vindictive investigations by @DelhiPolice pic.twitter.com/S2QKEhhSaw
#StandWithUmarKhalid
— Biraj Patnaik (@birajpat) September 13, 2020
Umar Khalid’s arrest is a travesty. Every day he spends behind bars is a day too many. Another chapter added to one of the most vindictive investigations by @DelhiPolice pic.twitter.com/S2QKEhhSaw
इसी तरह एमनेस्टी इंटरनेशनल के दक्षिण एशिया निदेशक बिराज पटनायक लिखते हैं कि उमर खालिद की गिरफ्तारी एक देशद्रोह है। हर दिन जो वो जेल में बिता रहा है, वो बहुत ज्यादा है। ये एक और अध्याय जुड़ा है, दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी खोजी पड़तालों में।
The more Modi govt keeps arresting students, professors, poets, India’s democracy will only become feeble & become unable to recognise & combat genuine threats. While we’re busy attacking each other, India’s real enemies must be laughing. #UmarKhalid https://t.co/aEpfFobq2r
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) September 14, 2020
पत्रकार सागरिका घोष लिखती हैं, “मोदी सरकार जितना अधिक छात्रों, प्रोफेसरों, कवियों को गिरफ्तार कर रही है, भारत का लोकतंत्र उतना ही कमजोर होता जा रहा है और वास्तविक खतरों को पहचानने और उनसे निपटने में असमर्थ हो रहा है। जब हम एक दूसरे पर हमला करने में व्यस्त हैं, तो भारत के असली दुश्मनों को हँसना चाहिए।”
Umar Khalid is an educated, young leader. He has openly said that he is an atheist. His speeches refer to non-violence, unity, love, and the Indian flag.
— Hussain Haidry (@hussainhaidry) September 14, 2020
All of it fell short.
What was enough to be framed and arrested was having a Muslim name and being born in a Muslim family.
लेखक हुसैन हैदरी लिखते हैं, “उमर खालिद एक शिक्षित और युवा नेता है। उसने खुलेआम कहा कि वह नास्तिक है। उसके भाषण में भी अहिंसा, एकता, प्रेम और भारतीय ध्वज का उल्लेख है। लेकिन ये सब बहुत तुच्छ लगते हैं। काफी सिर्फ़ यही है कि उसका मुस्लिम नाम है और वह मुस्लिम परिवार में पैदा हुआ।”
गौरतलब है कि दिल्ली दंगों के मामले में रविवार की रात उमर खालिद को गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद को दिल्ली पुलिस ने दंगों की साज़िश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। वह गैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपित है। पुलिस ने कहा है कि बहुत जल्द इस मामले में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
यहाँ बता दें कि लिबरल गैंग की प्रतिक्रिया खालिद गिरफ्तारी के बाद से ही सोशल मीडिया पर दिखने लगी थी। कुछ लोगों ने तो यहाँ तक कह दिया था कि उसकी गिरफ्तारी सिर्फ इसलिए हुई है क्योंकि वह मुस्लिम है। लेकिन यह ध्यान रखने की बात है कि बार-बार खुद को नास्तिक कहने वाले उमर खालिद ने पिछले कुछ सालों में अपनी इस तरह की छवि खुद ही बनाई है।