कॉन्ग्रेस (Congress) हताशा के दौर से गुजर रही है। कोई पार्टी छोड़कर जा रहा है तो कोई पार्टी की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े कर रहा है।, फिर भी कॉन्ग्रेस पर इसका प्रभाव नपड़ने के बजाए इसे विचारधारा और राजनीति से जोड़ा जा रहा है। कुछ नेता पार्टी की कमियों की ओर ध्यान खींचने की बजाए हाईकमान को खुश करने के लिए चुटकी ले रहे हैं।
कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi azad) को पद्म पुरस्कार से नवाजे जाने की घोषणा के बाद कपिल सिब्बल (Kapil sibbal) ने अपनी ही पार्टी पर हमला बोला है। वहीं, शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कॉन्ग्रेस की नीतियों को ‘विचारधारा’ बताते हुए भाजपा में शामिल हुए पार्टी नेता रतनजीत प्रताप नारायण सिंह (आरपीएन सिंह) (RPN Singh) को लेकर तंज कसा है।
ट्विटर पर थरूर ने भाजपा को कॉन्ग्रेस-यु्क्त बताते हुए कहा कि उधर (भाजपा में) भी सब अपने ही ही हैं। कॉन्ग्रेस के केरल से लोकसभा सांसद शशि थरूर ने ट्वीट में एक लघु कविता शेयर करते हुए आरपीएन सिंह पर कटाक्ष किया कि वे अपना घर (कॉन्ग्रेस) छोड़कर जा रहे हैं, शायद उनके कुछ अपने सपने हैं।
छोड़कर जा रहे हैं घर अपना
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 26, 2022
शायद उनके कुछ और सपने हैं
अब उधर भी सब अपना सा है
अब उधर भी तो सभी अपने हैं
(काँग्रेस युक्त भाजपा!)
थरूर के ट्वीट पर जवाब देते हुए कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि जो विचारधारा के नहीं हुए वे अपने कैसे हुए?
जो विचारधारा के ना हुए, वो अपने कैसे?
— Pawan Khera (@Pawankhera) January 26, 2022
सिर्फ़ अपने लिए देखे हों, वो सपने कैसे?
80:20 में बाँटने वालों को हराना है अर्जुन
वहाँ अपने मत देखो
वहाँ के सपने मत देखो https://t.co/3LDPwrJEie
उधर कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किए जाने के बाद अपनी ही पार्टी को कठघरे में खड़ा किया है। सिब्बल ने कहा कि यह विडंबना ही है कि जब देश सार्वजनिक जीवन में गुलाम नबी आजाद के योगदान को मान्यता दे रहा है, वहीं कॉन्ग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है।
बता दें कि कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद उस जी-23 ग्रुप का हिस्सा थे, जो पार्टी नेतृत्व में संगठनात्मक बदलाव की माँग कर रहे थे। कपिल सिब्बल भी उसी जी-23 समूह का हिस्सा हैं। वहीं, आजाद इस बात पर अफसोस जताते रहे हैं कि असहमति और पार्टी के संचालन में खामियों को इन दिनों नेतृत्व विद्रोह के रूप में देख रहा है।
भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक जीवन में उल्लेखनीय योगदान के लिए नबी को पद्म भूषण देने की घोषणा करने के बाद सिब्बल ने ट्विटर पर उन्हें बधाई दी। सिब्बल ने कहा- बधाई भाईजान।
Ghulam Nabi Azad conferred Padam Bhushan
— Kapil Sibal (@KapilSibal) January 26, 2022
Congratulations bhaijan
Ironic that the Congress doesn’t need his services when the nation recognises his contributions to public life