कॉन्ग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ़ में दिए गए बयान पर सफाई दी है। तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा कि वे मोदी की तारीफ़ नहीं कर रहे हैं बल्कि कॉन्ग्रेस को सलाह दे रहे हैं। थरूर ने कहा कि कॉन्ग्रेस को 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में महज 19% वोट मिले जबकि भाजपा को 2014 के लोकसभा में 31% वोट मिले और 2019 में यह आँकड़ा बढ़ कर 37% हो गया।
बकौल शशि थरूर, भाजपा के वोटरों में कई ऐसे लोग थे जो पहले कॉन्ग्रेस के वोटर थे लेकिन उन्होंने कॉन्ग्रेस से मुँह मोड़ लिया। थरूर ने अपनी पार्टी को इस बात पर विचार करने की सलाह दी कि आख़िर इन वोटरों ने कॉन्ग्रेस से नाता क्यों तोड़ लिया? पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पूछा कि जब तक हम ये नहीं पता लगाएँगे कि हमारे वोटर हमें छोड़ कर क्यों चले गए, हम उन्हें वापस अपने पाले में लाने में कैसे कामयाब होंगे?
शशि थरूर ने कहा कि कॉन्ग्रेस को इस पर विचार करना चाहिए कि क्या-क्या सही किया गया, कहाँ ग़लतियाँ हुईं और कैसे उन ग़लतियों को सुधारा जा सकता है? कॉन्ग्रेस नेता ज़ोर देते हुए कहा कि पार्टी को पहले यह समझना पड़ेगा कि लोग मोदी के साथ क्यों गए? हाल ही में शशि थरूर ने अपनी पार्टी को सलाह दी थी कि सिर्फ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने से काम नहीं चलेगा और सरकार के अच्छे कार्यों की तारीफ भी की जानी चाहिए।
S Tharoor: When you don’t understand why they left,how can you bring them back? I said let’s figure out. I’m not praising Mr Modi,I’m saying let’s understand what attracted these votes.We must acknowledge what’s been done right,point out mistakes&failings&then do better ourselves https://t.co/RgOuooyF6M
— ANI (@ANI) September 4, 2019
इसके बाद कई कॉन्ग्रेसी नेताओं ने थरूर पर निशाना साधा। पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने थरूर को पब्लिसिटी का भूखा तक कह दिया था। खुर्शीद ने कहा था कि थरूर कभी भी एक गंभीर नेता नहीं रहे हैं। थरूर के बयान को लेकर केरल कॉन्ग्रेस ने उनसे स्पष्टीकरण की माँग भी की थी। थरूर के अलावा जयराम रमेश और अभिषेक मनु सिंघवी ने भी अपनी पार्टी को पीएम मोदी की अत्यधिक आलोचना से बचने की सलाह दी थी।