भारत में कई वामपंथी पार्टियाँ हैं, उन्हीं में से एक पार्टी CPM के नेता सीताराम येचुरी को भी अन्य बड़े नेताओं की तरह अयोध्या के विश्व प्रसिद्ध राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए बुलाया गया था। सीताराम येचुरी के साथ सीपीआई के नेता डी राजा को भी ये बुलावा भेजा गया था। लेकिन इंडी गठबंधन से जुड़ी मजबूरी कहें या अपने वोट बैंक को बचाने की मजबूरी, दोनों ही नेताओं के अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में 22 जनवरी 2023 को पहुँचने की उम्मीद कम है। सीताराम येचुरी ने तो कह दिया है कि वो इस कार्यक्रम में नहीं पहुँच पाएँगे।
सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता है। सीपीएम भारत की सबसे बड़ी वामपंथी पार्टी भी है। वामपंथ के मूल में भारतीय सामाजिक व्यवस्था को कोसना रहा है। कभी तीन दशकों से भी ज्यादा समय तक पश्चिम बंगाल में सत्ता में रही सीपीएम अब उसी कॉन्ग्रेस की पिछलग्गू बन चुकी है, जो इंडी गठबंधन की अगुवाई कर रही है। यही नहीं, सीपीएम को सत्ता से हटाने वाली टीएमसी भी उस इंडी गठबंधन का हिस्सा है। बहरहाल, राष्ट्रीय पहचान के प्रतीक राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में न जाना, वामपंथियों की नीति जैसा ही है। सीताराम येचुरी के दफ्तर की तरफ से साफ कह दिया गया है कि वो रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाएँगे। डी राजा का भी कमोबेश ऐसा ही हाल है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र की तरफ से आमंत्रण पत्र गणमान्य व्यक्तियों को भेजे जा रहे हैं। कॉन्ग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे, कॉन्ग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सोनिया गाँधी, लोकसभा में कॉन्ग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी जैसे महत्वपूर्ण विपक्षी नेताओं को भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने का न्यौता दिया गया है।
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और एडडी देवेगौड़ा को भी आमंत्रित किया गया है। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को भी इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और बीएसपी की मुखिया मायावती को भी आमंत्रित किया गया है। इस कार्यक्रम में राम मंदिर आदोलन के लिए पूरा जीवन खपा देने वाले लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वयोवृद्ध नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है।
16 जनवरी से शुरू होगी पूजा अर्चना
रामलला को मंदिर में विराजमान करने के लिए प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का पूजन 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा। इसमें काशी के गणेश्वर शास्त्री द्रविड़, लक्ष्मीकांत दीक्षित (कर्मकांड) पूजा संपन्न कराएँगे। प्राण-प्रतिष्ठा पूजन के बाद 48 दिन की मंडल पूजा होगी। इसे अभिषेक समारोह को विश्वप्रसन्न तीर्थ अपने नेतृत्व में पूरी करवाएँगे। सभी संप्रदायों से लगभग 4000 संत इस समारोह की शोभा बढ़ाएँगे। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी 2024 को भगवान रामलला प्राण-प्रतिष्ठा करने अयोध्या आएँगे। रामलला की जब प्राण-प्रतिष्ठा होगी देश के सभी बड़े मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाएगी।
अयोध्या में बदलाव की बयार
भक्तों के लिए तीर्थक्षेत्रपुरम : रामलला के भक्तों के लिए भी पूरी व्यवस्था की गई है। इसके लिए खासतौर से टिन का नया नगर तीर्थक्षेत्रपुरम (बाग बिजैसी) बसाया गया है। इसमें पानी के लिए छह नलकूप, खाने के लिए छह रसोई घर तो है हीं। इसके साथ ही सेहत संबंधी सुविधाओं के लिए 10 बिस्तरों वाला एक अस्पताल बनाया गया है। देशभर के लगभग 150 डॉक्टर इसमें बारी-बारी से अपनी सेवाएँ देंगे। इसके साथ ही नगर के कोने -कोने में लंगर, भोजनालय, भण्डारा, अन्नक्षेत्र चलाए जाएँगे, ताकि राम की नगरी आने वाले श्रद्धालुओं को खाने-पीने की परेशानी न हो। उन्हें लगे राम राज्य में होने का वास्तविक आभास हो सकें।
सोलर सिटी बन रही है अयोध्या: अयोध्या में नए बने 150 से अधिक भवनों को सोलर प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है। इसके तहत अयोध्या में सोलर पावर प्लांट का काम लगभग पूरा हो चुका है। इस पॉवर प्लांट से शुरुआत में 10 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जो धीरे-धीरे बढ़ता जाएगा। ये पॉवर प्लांट रामलला के मंदिर को कार्बन मुक्त करने में सक्षम होगा।
बन कर तैयार है एयरपोर्ट : अयोध्या एयरपोर्ट पूरी तरह से बनकर तैयार है। ट्रायल हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करने वाले हैं। यही नहीं, अयोध्या एयरपोर्ट को DGCA से हर तरह के प्रमाण पत्र भी मिल चुके हैं। वहीं, अयोध्या से एयर इंडिया और इंडिगो तैसी कंपनियाँ सीधी फ्लाइट का ऐलान कर चुकी हैं।