Saturday, November 16, 2024
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‘युवाओं में बढ़ती उत्सुकता’ और ‘इंटरनेट’ से बढ़ रहे रेप के मामले: सबसे ज्यादा बलात्कार वाले राजस्थान के DGP

"इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्रियाँ हैं, जिन्हें देख कर बच्चे प्रेरणा ले रहे हैं। युवा जनरेशन रिलेशनशिप को 'एक्सप्लोर' कर रही है, इसीलिए ऐसी घटनाएँ हो रही हैं। लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ा कर उन्हें बताना होगा कि कैसे वो..."

राजस्थान के डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने राज्य में होने वाली बलात्कार की घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए बेतुका बयान दिया है। राजस्थान में बलात्कार की लगातार बढ़ती घटनाओं के पीछे का कारण बताते हुए डीजीपी ने ‘इंटरनेट’ और ‘युवाओं में बढ़ती उत्सुकता’ को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि आज की युवा जनरेशन रिलेशनशिप को ‘एक्सप्लोर’ कर रही है, इसीलिए ऐसी घटनाएँ हो रही हैं।

डीजीपी ने कहा कि उनका अनुभव ये कहता है कि पिछले कुछ वर्षों में न सिर्फ राजस्थान, बल्कि पूरे उत्तर भारत में हिंसक अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इसके बहुत सारे कारण हैं।

उन्होंने कहा कि कुल मिला कर फोकस इस बात पर होना चाहिए कि बच्चों को किस प्रकार से शिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ा कर उन्हें बताना होगा कि कैसे वो अपने साथ होने वाली दुर्घटनाओं को ‘अवॉयड’ करें। राजस्थान डीजीपी भूपेंद्र सिंह यादव ने रेप के बढ़ते मामलों पर कहा,

“युवाओं की बढ़ती संख्या भी इसका कारण हो सकती है, बेरोजगारी भी हो सकती है, कुछ इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्रियाँ हैं, जिन्हें देख कर बच्चे प्रेरणा ले रहे हैं – वो भी इसका कारण हो सकता है। क़ानून कहता है कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे आपस में सम्बन्ध नहीं बना सकते हैं। ये अपराध की श्रेणी में आ जाता है। लेकिन बच्चों में क्यूरिऑसिटी है, वो मित्रता भी करते हैं। कई बार साथ निकल भी जाते हैं। ऐसे मामले भी आजकल काफी हो गए हैं।”

डीजीपी ने कहा कि दुर्घटना होने की स्थिति में लड़कियों को किससे संपर्क करना है, कैसे करना है – उन्हें ये सब बताना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि लड़कों को और उनके परिवारों को भी समझाना पड़ेगा। इससे पहले उन्होंने बताया था कि राजस्थान सरकार बलात्कार के मामलों में तेज़ी से एक्शन ले रही है और कुछ NGO के साथ मिल कर यौन हिंसा के विरोध में माहौल बनाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।

उधर भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान के सभी जिलों में सोमवार (अक्टूबर 5, 2020) को राज्य में महिलाओं, बच्चों और दलितों के खिलाफ बढ़ रहे अत्याचार और गैंगरेप की घटनाओं के विरोध में प्रदर्शन की योजना बनाई है। सुबह 11 बजे सभी जिलों के डीएम को भाजपा नेताओं की तरफ से ‘हल्ला बोल’ कार्यक्रम के तहत ज्ञापन सौंपा जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियाँ जयपुर स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय से सविल लाइंस फाटक तक पैदल मार्च करेंगे।

NCRB की सूची के मुताबिक, सबसे ज्यादा बलात्कार की घटनाएँ राजस्थान में सामने आई हैं। वहाँ पिछले साल 5997 मामले दर्ज किए गए। यानी प्रतिदिन का औसत देखा जाए तो प्रदेश में हर दिन 16 रेप की घटना हुई। इतना ही नहीं, प्रदेश में प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध की दर 15.9 है। साल 2019 में भारत में रेप के 30,641 मामले दर्ज किए गए थे।

2019 में राजस्थान में आए बलात्कार के मामलों में 1313 मामले ऐसे थे, जिनमें पीड़ित की उम्र 18 वर्ष से कम थी, वो नाबालिग थे। दिल्ली के बाद सबसे ज्यादा जयपुर में ही 517 मामले दर्ज किए गए। प्रति एक लाख की जनसंख्या में राजस्थान की राजधानी में बलात्कार के 35.6 मामले सामने आए, जो बड़े शहरों में सबसे ज्यादा है। इसी तरह 2017 में राज्य में बलात्कार के 3305 और 2018 में 4335 मामले सामने आए थे।

2017 से 2018 के बीच बलात्कार के मामलों में 2.4% की बढ़ोतरी हुई लेकिन 2018-19 में 4.2% की उछाल आई, जो पिछली वृद्धि की तुलना में लगभग दोगुनी थी। राजस्थान यूनिवर्सिटी में सोशियोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड रश्मि जैन ने TOI को बताया कि राज्य के लोग अभी भी उसी सामंती सोच में रह रहे हैं, जिसमें महिलाओं को ऑब्जेक्ट की तरह ट्रीट किया जाता है। उन्होंने कहा कि रेप का शिक्षा से भी कोई सीधा सम्बन्ध नहीं क्योंकि सबसे ज्यादा साक्षरता दर वाले केरल में भी काफी मामले हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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