दिल्ली हाईकोर्ट ने आज (जुलाई 31, 2020) दिल्ली हिंसा मामले की आरोपित व UAPA के तहत गिरफ्तार कॉन्ग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहाँ की याचिका पर सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया। उन्होंने अपनी याचिका में निचली अदालत के उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जाँच के लिए 60 दिन का अतिरिक्त समय दिया था।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने कहा कि निचली अदालत के आदेश में कुछ भी अवैध नहीं है। उच्च न्यायालय ने कहा, “मौजूदा याचिका में कोई दम नहीं है इसलिए इसे खारिज किया जाता है।”
गौरतलब है कि दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों के बाद इशरत जहां को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें मामले में जाँच पूरी करने के लिए 90 दिनों की अवधि के अतिरिक्त 2 और महीने का वक्त पुलिस को दिया गया था।
15 जून के आदेश को चुनौती देने वाली जहां की याचिका पर 20 जुलाई को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस बीच इस याचिका पर दिल्ली पुलिस ने भी अपना विरोध दर्ज कराया था। दिल्ली पुलिस ने कहा कि जहाँ तक मामले में जाँच की अवधि बढ़ाने के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के फैसले का संबंध है तो उच्च न्यायालय को मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
बता दें, एक ओर आज जहाँ कॉन्ग्रेस नेता इशरत जहां को हाईकोर्ट से आज झटका मिला है, वहीं देशद्रोह मामले में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व प्रमुख जफरुल इस्लाम खान को अग्रिम जमानत मिली है।
न्यायाधीश मनोज कुमार ओहरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस्लाम के मामले पर सुनवाई करते हुए 72 वर्षीय खान को राहत दी। कोर्ट ने अपना फैसला अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर के माध्यम से दायर खान की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया। इस याचिका में अनुरोध किया गया था कि उनकी उम्र, स्वास्थ्य जोखिमों और कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए उन्हें राजद्रोह मामले में अग्रिम जमानत दी जाए। पुलिस ने भी इस दौरान यही कहा कि मामले में आगे की जाँच के लिए उनकी जरूरत नहीं है।
उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट डालते के कारण जफरुल इस्लाम खान विवादों में आए थे। 28 अप्रैल को जफरुल इस्लाम ने ट्वीट कर कहा था कि कट्टर हिन्दुओं को शुक्र मनाना चाहिए कि भारत के मुस्लिमों ने अरब जगत से कट्टर हिन्दुओं द्वारा हो रहे ‘घृणा के दुष्प्रचार, लिंचिंग और दंगों’ को लेकर कोई शिकायत नहीं की है और जिस दिन ऐसा हो जाएगा, उस दिन अरब के मुस्लिमों एक आँधी लेकर आएँगे, एक तूफ़ान खड़ा कर देंगे।