‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के उपलक्ष्य पर आयोजित भारत सरकार के कार्यक्रम में गालीबाज देवदत्त पटनायक वाले सत्र का प्रसारण नहीं किया जाएगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने बताया कि अप्रत्याशित तकनीकी समस्या आने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया, इसीलिए इस दौरान दर्शक किसी अन्य सत्र को देखें। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों और इस सत्र को देख रहे लोगों से आग्रह है कि वो किसी अन्य सत्र में ट्यून इन करें।
Due to unforeseen technical issues, Devdutt Patnaik’s session at #NationalYouthDay festival could not be broadcast. Delegates and those watching are requested to tune into other ongoing sessions. pic.twitter.com/brOsxmeZ26
— Kanchan Gupta 🇮🇳 (@KanchanGupta) January 12, 2022
भारत सरकार का ‘राष्ट्रीय युवा महोत्सव’ और देवदत्त पटनायक: जानिए क्या है पूरा मामला
हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी करने वाले देवदत्त पटनायक (Devdutt Pattanaik) को युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय द्वारा ‘ग्रेट माइंड डिस्कस आइडियास’ कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर बुलाया गया। सामने आए पोस्टर में देख सकते हैं कि रणदीप हुड्डा, विजय शेखर शर्मा की तस्वीर के साथ देवदत्त की फोटो भी लगी है। अब इसी कार्रयक्रम के होने से पहले इसपर विवाद छिड़ा है। कुछ लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। इसी बीच एक भाजपा समर्थक ने ट्वीट करके बताया है कि शायद देवदत्त पटनायक अब कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे।
बता दें कि जब नेशनल यूथ फेस्टिवल 2022 के पोस्टर में देवदत्त को नजर आए, तभी से सवाल किया जा रहा है कि ऐसे गालीबाज व्यक्ति को क्या युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय महान बुद्धिजीवी मानता है क्या जो उन्हें इस कार्यक्रम में आमंत्रण मिला। लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से पूछा कि क्या आपका मंत्रालय वाकई देवदत्त पटनायक को एक महान दिमाग मानता है? वह हिंदुओं के ख़िलाफ़ जहर उगलने वाला, भारत से नफरत करने वाला, फर्जी इतिहासकार है जो हर भारतीय चीज को कोसने, नरेंद्र मोदी व अमित शाह को श्रापने का आनंद लेता है ताकि उसकी वामपंथी खुजली शांत हो सके।
गौरतलब है कि जिस देवदत्त पटनायक को युवाओं को संबोधित करने के लिए युवा कार्यक्रम व खेल मंत्रालय ने निमंत्रण देकर बुलाया है उसी फर्जी ‘माइथोलॉजी’ एक्सपर्ट देवदत्त पटनायक के खिलाफ पिछले साल ओडिशा के भुवनेश्वर में शिकायत दर्ज कराई गई थी। पटनायक के खिलाफ यह शिकायत ओडिशा के पुरी जगन्नाथ मंदिर के बारे में फर्जी खबरें और झूठ फैलाकर हिंदू समाज में जाति के आधार पर विभाजन को लेकर की गई थी। इतना ही नहीं पटनायक को आप अक्सर हिंदू घृणा से लबरेज सामग्री का प्रचार-प्रसार करते देखेंगे।