महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण के आँकड़ों में हेरफेर करने का आरोप लगाया है साथ ही यह भी कहा है कि सरकार द्वारा पीआर एजेंसियों और सेलिब्रिटीज के माध्यम से मुंबई में संक्रमण में होने का झूठा नैरेटिव चलाया जा रहा है।
शनिवार (08 मई) को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र में देवेन्द्र फडणवीस ने BMC और महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार पर यह आरोप लगाया कि मुंबई में कोरोना वायरस के संक्रमण और उससे हुई मौतों के सही आँकड़े नहीं दिए जा रहे हैं। फडणवीस ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई मौतों को ‘अन्य कारणों से हुई मौतों’ की श्रेणी में रखा जा रहा है जिससे संक्रमण की मृत्यु दर (CFR) कम दिखाई दे।
मुंबईतील कोविड मृत्यूंची नेमकी आकडेवारी उजेडात येऊ न देणे, चाचण्यांच्या प्रकारातील तडजोडी करीत कोरोनाचा संसर्ग दर कमी होत असल्याचे आभासी चित्र उभे करणे आणि त्यातून कोरोना संकटाची प्रत्यक्ष स्थिती निदर्शनास न येता लढ्यात बाधा उत्पन्न होणे,याबाबत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यांना पत्र pic.twitter.com/NigmpjOfcX
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) May 8, 2021
इसके अलावा अपने तीन पन्नों के पत्र में देवेन्द्र फडणवीस ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार पीआर एजेंसियों और सेलिब्रिटीज की सहायता से कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण में होने का नैरेटिव चला रही है।
English version of my letter to Maharashtra CM.#FightAgainstCOVID19 https://t.co/xRFB1uaWCD pic.twitter.com/ebsYogHfLU
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) May 8, 2021
मुंबई और महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण की मृत्यु दर (CFR) पर आँकड़े देते हुए देवेन्द्र फडणवीस ने बताया कि संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान जब शेष महाराष्ट्र में दूसरे कारणों से हुई मौतों की दर 0.7% है वही मुंबई में यह 34.9% है। यहाँ तक की संक्रमण की पहली लहर के दौरान जब महाराष्ट्र में दूसरे कारणों से हुई मौतों की दर 0.8% थी तब भी मुंबई में इसे 12% बताया गया।
फडणवीस ने मुंबई में कम टेस्टिंग का आरोप लगाते हुए कहा की मुंबई में रोजाना 1 लाख आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध है जबकि यहाँ मात्र 34,000 टेस्ट ही रोजाना की जा रहे हैं। उस पर भी रैपिड एंटीजेन टेस्ट की संख्या 30% है जबकि आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक आरटी-पीसीआर टेस्टिंग सुविधा उपलब्ध न होने पर ही रैपिड एंटीजेन टेस्ट की संख्या 30% हो सकती है अन्यथा यह 10% ही होनी चाहिए।
देवेन्द्र फडणवीस ने अपने पत्र में चिंता जताई है कि कम टेस्टिंग के कारण संक्रमण और मृत्यु दर के सही आँकड़े सामने नहीं आ पाएँगे जिससे समस्या बढ़ती ही जाएगी। फडणवीस का कहना है कि वह कोरोना संक्रमण के दौरान वह सरकार या BMC के प्रयासों को कमतर करके नहीं देख रहे हैं लेकिन सही आँकड़े पेश न कर पाने से कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो जाएगी।
शुक्रवार को मुंबई में BMC के आँकड़ों के अनुसार 3,039 संक्रमण के नए मामले और 71 मौतें दर्ज की गईं। इसके साथ ही मुंबई में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 6,71,394 हो गई है साथ ही देश की आर्थिक राजधानी में कुल मौतों की संख्या भी 13,687 है।