मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह का पत्र सामने आने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरम है। पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है ट्रांसफर-पोस्टिंग का रैकेट चल रहा है। इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास होने के बावजूद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
फडणवीस ने इस संबंध में सबूत होने की बात कहते हुए कहा है कि वे केंद्रीय गृह सचिव को 6.3 जीबी डाटा सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि वे आईपीएस और गैर-आईपीएस अधिकारियों के कथित ट्रांसफर पोस्टिंग रैकेट से संबंधित कॉल रिकॉर्डिंग और कुछ दस्तावेज व डेटा सौंपेंगे।
फडणवीस का कहना है कि इंटेलिजेंस कमिश्नर ने ट्रांसफर का रैकेट पकड़ा। इसमें शामिल संदिग्ध इंटरसेप्टेड कॉल्स की रिपोर्ट अगस्त 2020 में महाराष्ट्र के डीजी को भेजी। इस पर चिंता जताते हुए रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी गई, लेकिन कोई कार्रवााई नहीं हुई। मेरे पास 6.3 जीबी डाटा है जिसमें सारी जानकारी है।
पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार जब डीजी ने इस रिपोर्ट को लेकर जानकारी जुटाई तो बताया कि यह गृह मंत्री के पास भेजी गई है। उन्होंने कहा कि मैंने केंद्रीय गृह सचिव से समय माँगा है। उनसे मिलने दिल्ली जा रहा हूँ और मामले की सीबीआई जाँच की माँग करूँगा।
LoP in Maharashtra Assembly and BJP leader, Devendra Fadnavis has sought time from Union Home Secretary to meet him and hand him over 6.3 GB of data of call recordings & some documents pertaining to alleged transfer posting racket of IPS and non-IPS officers of Maharashtra Police pic.twitter.com/hRhDaCP1iB
— ANI (@ANI) March 23, 2021
उल्लेखनीय है कि परमबीर सिंह ने उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में आरोप लगाया था कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने देशमुख को क्लीनचिट देते हुए कहा था कि जिस समय की बात पत्र में की गई है उस समय देशमुख अस्पताल में भर्ती थे और बाद में होम क्वारंटाइन थे। हालाँकि पवार के दावे कुछ ही घंटों में गलत साबित हो गए।
फडणवीस ने भी देशमुख को लेकर नए सबूत दिए हैं। बीजेपी नेता ने दावा किया कि पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक अनिल देशमुख 17 फरवरी को सहयाद्री गेस्ट हाउस में थे। 24 फरवरी को वे अपने घर से मंत्रालय गए थे। वे क्वारंटाइन नहीं थे, बल्कि लोगों से मुलाकात कर रहे थे।
सोमवार को पवार ने दावा किया कि देशमुख 15 से 27 फरवरी तक नागपुर में थे। पवार ने इसके जरिए यह साबित करने की कोशिश की थी कि फिर इस दौरान मुंबई में वाजे और देशमुख की मुलाकात कैसे संभव है। लेकिन, इस दावे को देशमुख ने ही गलत साबित कर दिया है। उन्होंने बताया है कि वे एक प्राइवेट प्लेन से नागपुर से मुंबई गए थे।
This has been brought to my notice that Maharashtra HM Shri @AnilDeshmukhNCP who was detected #covid positive in February got discharged from hospital on 15th February and advised to be home quarantine between 15th to 27th February. During this period, he was house quarantined.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) March 22, 2021
ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर देशमुख ने कहा कि नागपुर में 15 फरवरी को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी। इसके तत्काल बाद आवश्यक अनुमति और सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए होम क्वारंटाइन के लिए वे मुंबई निकल गए। उनका दावा है कि इसके बाद 27 फरवरी तक वह होम क्वारंटाइन में रहे।