Thursday, April 25, 2024
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कमिश्नर ने ट्रांसफर रैकेट पकड़ा, CM उद्धव को दी रिपोर्ट, फिर भी कार्रवाई नहीं: फडणवीस 6.3 GB डाटा का देंगे सबूत

फडणवीस का कहना है कि इंटेलिजेंस कमिश्नर ने ट्रांसफर का रैकेट पकड़ा। इसमें शामिल संदिग्ध इंटरसेप्टेड कॉल्स की रिपोर्ट अगस्त 2020 में महाराष्ट्र के डीजी को भेजी। इस पर चिंता जताते हुए रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी गई, लेकिन कोई कार्रवााई नहीं हुई।

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह का पत्र सामने आने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरम है। पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया है ट्रांसफर-पोस्टिंग का रैकेट चल रहा है। इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पास होने के बावजूद उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।

फडणवीस ने इस संबंध में सबूत होने की बात कहते हुए कहा है कि वे केंद्रीय गृह सचिव को 6.3 जीबी डाटा सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि वे आईपीएस और गैर-आईपीएस अधिकारियों के कथित ट्रांसफर पोस्टिंग रैकेट से संबंधित कॉल रिकॉर्डिंग और कुछ दस्तावेज व डेटा सौंपेंगे।

फडणवीस का कहना है कि इंटेलिजेंस कमिश्नर ने ट्रांसफर का रैकेट पकड़ा। इसमें शामिल संदिग्ध इंटरसेप्टेड कॉल्स की रिपोर्ट अगस्त 2020 में महाराष्ट्र के डीजी को भेजी। इस पर चिंता जताते हुए रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भेजी गई, लेकिन कोई कार्रवााई नहीं हुई। मेरे पास 6.3 जीबी डाटा है जिसमें सारी जानकारी है।

पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार जब डीजी ने इस रिपोर्ट को लेकर जानकारी जुटाई तो बताया कि यह गृह मंत्री के पास भेजी गई है। उन्होंने कहा कि मैंने केंद्रीय गृह सचिव से समय माँगा है। उनसे मिलने दिल्ली जा रहा हूँ और मामले की सीबीआई जाँच की माँग करूँगा।

उल्लेखनीय है कि परमबीर सिंह ने उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में आरोप लगाया था कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने देशमुख को क्लीनचिट देते हुए कहा था कि जिस समय की बात पत्र में की गई है उस समय देशमुख अस्पताल में भर्ती थे और बाद में होम क्वारंटाइन थे। हालाँकि पवार के दावे कुछ ही घंटों में गलत साबित हो गए।

फडणवीस ने भी देशमुख को लेकर नए सबूत दिए हैं। बीजेपी नेता ने दावा किया कि पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक अनिल देशमुख 17 फरवरी को सहयाद्री गेस्ट हाउस में थे। 24 फरवरी को वे अपने घर से मंत्रालय गए थे। वे क्वारंटाइन नहीं थे, बल्कि लोगों से मुलाकात कर रहे थे।

सोमवार को पवार ने दावा किया कि देशमुख 15 से 27 फरवरी तक नागपुर में थे। पवार ने इसके जरिए यह साबित करने की कोशिश की थी कि फिर इस दौरान मुंबई में वाजे और देशमुख की मुलाकात कैसे संभव है। लेकिन, इस दावे को देशमुख ने ही गलत साबित कर दिया है। उन्होंने बताया है कि वे एक प्राइवेट प्लेन से नागपुर से मुंबई गए थे।

ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर देशमुख ने कहा कि नागपुर में 15 फरवरी को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली थी। इसके तत्काल बाद आवश्यक अनुमति और सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए होम क्वारंटाइन के लिए वे मुंबई निकल गए। उनका दावा है कि इसके बाद 27 फरवरी तक वह होम क्वारंटाइन में रहे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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