Sunday, November 17, 2024
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9 महीने में GST से ₹13.40 लाख करोड़, 6.5% विकास दर का अनुमान: बजट से पहले मोदी सरकार ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण

इस सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि कोरोना वायरस महामारी के बाद भारत की अर्थव्यवस्था ने जोरदार वापसी की है। हालाँकि, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक रूप से महँगाई में बढ़ोतरी हुई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र की शुरुआत करते हुए मंगलवार (31 जनवरी, 2023) को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2023 पेश किया। इस सर्वे में देश की जीडीपी में तेजी से बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई। साथ ही कहा गया है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। जारी वित्तीय वर्ष की पहली तीन तिमाही में सरकार ने जीएसटी से 13.40 लाख करोड़ रुपए का राजस्व एकत्रित किया है।

आर्थिक सर्वेक्षण 2023 मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन के मार्गदर्शन में आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) द्वारा तैयार किया गया। इस सर्वे में कहा गया है कि दुनिया भर में मंदी की आहट के बाद भी आगामी वित्तीय वर्ष (2023-24) में देश की आर्थिक विकास दर 6.5% रहने का अनुमान है। हालाँकि, यह विकास दर मौजूदा वित्त वर्ष के 7% और पिछले वित्त वर्ष यानी 2021-22 के 8.7% से कम है।

इस सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि कोरोना वायरस महामारी के बाद भारत की अर्थव्यवस्था ने जोरदार वापसी की है। हालाँकि, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक रूप से महँगाई में बढ़ोतरी हुई है। इससे रुपए के कमजोर होने की आशंका जताई गई है। साथ ही कर्ज के महँगे होने की भी बात भी कही गई है।

आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 के अनुसार, क्रय क्षमता यानी (Purchasing Power Capacity) के मामले में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। यही नहीं, विनिमय दर के मामले में 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। इस सर्वे में कहा गया है कि भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है। इससे देश के चालू खाते के घाटे को भरा जा सकता है। साथ ही, दुनिया भर में बढ़ रही महँगाई के चलते रुपए में होने वाले उतार-चढ़ाव को भी नियंत्रित किया जा सकता है।

आम बजट से पहले पेश किए गए इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा उठाए गए कदमों के बाद से खुदरा महँगाई दर में कमी आई है। दुनिया की अधिकांश मुद्रा जहाँ डॉलर के मुकाबले तेजी से कमजोर हो रहीं हैं। वहीं, भारतीय रुपया नियंत्रित रूप से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।

सरकार की नीतियों की बात करते हुए कहा है कि पीएम किसान निधि और पीएम गरीब कल्याण योजना ने देश में गरीबी को कम करने में अहम योगदान दिया है। किसानों की स्थितियों में सुधार लेकर बताया गया है कि पिछले वित्तीय वर्ष 2021-2022 में खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 31.57 करोड़ टन रहा। वहीं, इस वित्तीय वर्ष में केवल खरीफ के आँकड़ों के अनुसार 149.9 करोड़ टन उत्पादन होने का अनुमान है। साथ ही, साल 2018 से लेकर अब तक एमएसपी में 1.5% की बढ़ोतरी हुई है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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