एकनाथ शिंदे असम के गुवाहाटी स्थित जिस रेडिसन ब्लू होटल में डेरा डाले हुए हैं, वहाँ से एक वीडियो आया है। इस वीडियो में कुल 42 विधायक दिख रहे हैं। इनमें शिंदे भी हैं। इसके बाद बागियों को मनाने के मकसद से संजय राउत ने कहा है कि महाविकास अघाड़ी से शिवसेना बाहर आने को तैयार है। इससे पहले शिंदे ने अपने समर्थक शिवसेना विधायक संजय सिरसत का एक पत्र ट्विटर पर साझा किया था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में सिरसत ने पार्टी के कुछ नेताओं को अयोध्या जाने से रोके जाने को लेकर सवाल पूछा है।
होटल से आए वीडियो में जो विधायक दिख रहे हैं उनमें 35 शिवसेना के हैं। अन्य 7 निर्दलीय हैं। इस वीडियो में कुछ विधायक शिंदे और बाल ठाकरे के समर्थन में नारे लगाते हुए भी सुने जा रहे हैं।
#WATCH | Assam | 42 rebel MLAs from Maharashtra – 35 from Shiv Sena and 7 Independent MLAs – seen together at Radisson Blu Hotel in Guwahati.#MaharashtraPoliticalCrisis pic.twitter.com/6MPgq42a3V
— ANI (@ANI) June 23, 2022
यह वीडियो एकनाथ शिंदे के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। बागी विधायक उन्हें पहले ही शिवसेना विधायक दल का नेता चुन चुके हैं। ऐसी खबरें भी सामने आई है कि वे शिवसेना पर भी अपना दावा ठोंक सकते हैं। हालाँकि दलबदल कानून के तहत उन्हें शिवसेना के दो तिहाई विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होगी। फिलहाल महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के 55 सदस्य है। लिहाजा यह नंबर 37 है।
इस वीडियो के सामने आने के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने बागियों को मनाने के मकसद से कॉन्ग्रेस और एनसीपी से नाता तोड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि विधायक गुवाहाटी से बातचीत नहीं कर सकते। उन्हें मुंबई लौटकर इन मसलों पर मुख्यमंत्री से चर्चा करनी चाहिए। राउत ने कहा, “यदि सभी विधायकों की इच्छा हुई तो हम महाविकास अघाड़ी से बाहर आने को तैयार हैं। लेकिन इसके लिए उन्हें मुंबई आकर मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) से चर्चा करनी होगी।” राउत के इस बयान के बाद कॉन्ग्रेस और एनसीपी के कैंप में भी खलबली मच गई है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी में दोनों दल साझेदार हैं।
MLAs should not communicate from Guwahati, they should come back to Mumbai and discuss all this with CM. We are ready to consider exiting out of MVA if this is the will of all MLAs, but for that, they have to come here & discuss it with the CM: Shiv Sena leader Sanjay Raut pic.twitter.com/295dmSFsjy
— ANI (@ANI) June 23, 2022
इससे पहले शिंदे ने विधायक सिरसत का जो पत्र साझा किया था उसमें भी अप्रत्यक्ष तौर पर संजय राउत पर निशाना साधा गया है। 22 जून को लिखे इस पत्र में कहा गया कि शिवसेना का मुख्यमंत्री होने के बावजूद पार्टी विधायक वर्षा (मुख्यमंत्री आवास) में नहीं जा सकते थे। सीएम के आसपास के लोग तय करते थे कि हम उनसे मिल सकते हैं या नहीं।
ही आहे आमदारांची भावना… pic.twitter.com/U6FxBzp1QG
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 23, 2022
पत्र में कहा गया है कि अयोध्या, राम मंदिर और हिंदुत्व शिवसेना का एजेंडा रहा है। बावजूद इसके कुछ नेताओं को आदित्य ठाकरे के साथ हालिया अयोध्या दौरे पर जाने से रोका गया। अंतिम क्षणों में नेताओं को रोके जाने की वजह पत्र में पूछी गई है। साथ ही कहा गया है कि पार्टी नेताओं से ज्यादा तवज्जो एनसीपी और कॉन्ग्रेस नेताओं को मिल रहा है।
गौरतलब है कि संकट गहराने के बाद उद्धव ठाकरे ने बुधवार की रात मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास खाली कर दिया था। लेकिन रिपोर्टों के अनुसार शिवसेना में पैदा यह संकट अब केवल विधायकों तक ही सीमित नहीं है। उद्धव की कार्यशैली से पार्टी के कुछ सांसद भी नाराज बताए जा रहे हैं। पार्टी के 19 सांसद हैं। इनमें से 9 नाराज बताए जा रहे हैं।