Saturday, July 27, 2024
Homeराजनीतिक्या एकनाथ शिंदे की मुट्ठी में है 37 का मैजिक फिगर, उद्धव ठाकरे से...

क्या एकनाथ शिंदे की मुट्ठी में है 37 का मैजिक फिगर, उद्धव ठाकरे से छिन जाएगा शिवसेना का निशान भी: जानिए क्या कहता है दलबदल कानून

दलबदल कानून के प्रावधानों के अनुसार शिंदे यदि दो तिहाई विधायकों का समर्थन जुटा लेते हैं तो पार्टी पर अपना दावा कर सकते हैं। महाराष्ट्र में फिलहाल शिवसेना के 55 विधायक हैं। ऐसे में एकनाथ शिंदे को 37 पार्टी विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी।

महाराष्ट्र में उठे सियासी बवंडर से न केवल राज्य की महाविकास अघाड़ी की सरकार को खतरा है, बल्कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हाथों से शिवसेना भी निकल सकती है। रिपोर्टों की माने तो एकनाथ शिंदे पार्टी निशान पर भी दावा कर सकते हैं। इसके संकेत उन्होंने बुधवार (22 जून 2022) को उस वक्त ही दे दिए थे, जब पार्टी के व्हिप पर सवाल उठाया गया था। बागी विधायकों ने शिंदे को विधायक दल का नेता चुना था। साथ ही नया व्हिप भी नियुक्त कर दिया था।

दलबदल कानून के प्रावधानों के अनुसार शिंदे यदि दो तिहाई विधायकों का समर्थन जुटा लेते हैं तो पार्टी पर अपना दावा कर सकते हैं। महाराष्ट्र में फिलहाल शिवसेना के 55 विधायक हैं। ऐसे में एकनाथ शिंदे को 37 पार्टी विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। ऐसा होने पर वे शिवसेना के नाम, निशान, झंडे और रंग को अपने हवाले करने का दावा ठोक सकते हैं।

फिलहाल शिंदे समर्थक विधायकों की संख्या को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि उनके साथ असम के गुवाहाटी रेडिसन ब्लू होटल में 42 विधायक हैं। इनमें 8 निर्दलीय, जबकि 34 शिवसेना के हैं। यदि यह जानकारी सही है तो शिंदे फिलहाल मैजिक फिगर जुटाने में असफल दिख रहे हैं। लेकिन खुद शिंदे 46 विधायकों के समर्थन का दावा कर चुके हैं। इनमें 6-7 निर्दलीय हैं। यदि उनका दावा सही है तो फिर उद्धव ठाकरे के हाथों से शिवसेना भी निकल सकती है।

वैसे यह तो स्पष्ट तौर पर दिख रहा है कि शिंदे समर्थकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहाँ तक कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास भी खाली कर चुके हैं। शिवसेना के बागी विधायकों ने शिंदे को अपना नेता चुनने के बाद राज्‍यपाल और महाराष्‍ट्र विधानसभा के डिप्‍टी स्‍पीकर को पत्र लिखा भी है।

शिवसेना में पैदा यह संकट अब केवल विधायकों तक ही सीमित नहीं है। उद्धव की कार्यशैली से पार्टी के कुछ सांसद भी नाराज बताए जा रहे हैं। पार्टी के 19 सांसद हैं। इनमें से 9 नाराज बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये भी शिवसेना को अलविदा भी कह सकते हैं। हालाँकि इनमें से को भी सांसद अभी खुलकर अपनी बात नहीं कह रहे हैं और वक्त का इंतजार कर रहे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेशियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर झारखंड पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर छात्रों को पीटा: BJP नेता बाबू लाल मरांडी का आरोप, साझा की...

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ प्रदर्शन करने पर हेमंत सरकार की पुलिस ने उन्हें बुरी तरह पीटा।

प्राइवेट सेक्टर में भी दलितों एवं पिछड़ों को मिले आरक्षण: लोकसभा में MP चंद्रशेखर रावण ने उठाई माँग, जानिए आगे क्या होंगे इसके परिणाम

नगीना से निर्दलीय सांसद चंद्रशेखर आजाद ने निजी क्षेत्रों में दलितों एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण लागू करने के लिए एक निजी बिल पेश किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -