देश के पूर्व वित्तमंत्री और कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने एक बार फिर उत्तर-दक्षिण की राजनीति को हवा दी है। उन्होंने एक इंटरव्यू में यह दावा किया है कि उत्तर और मध्य भारत के लोग भाजपा के एंटी-मुस्लिम और एंटी-ईसाई प्रोपगैंडा की राजनीति को पसंद करते हैं।
पी चिदंबरम ने इस इंटरव्यू में भाजपा की प्रशंसा भी की और कहा कि भाजपा हर चुनाव को ऐसे लड़ती है, जैसे यह अंतिम चुनाव हो। उन्होंने कहा कि विपक्ष की पार्टियाँ इस बात को नहीं समझ पाती हैं। चिदंबरम ने यह बात हाल ही में सम्पन्न हुए पाँच राज्यों के चुनावों को लेकर कही।
चिदंबरम का कहना है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हारना कॉन्ग्रेस के लिए चिंता का विषय है। इन राज्यों में जीत को चिदंबरम ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। चिदंबरम ने कॉन्ग्रेस की जाति आधारित जनगणना की राजनीति को हवा देने की बात को भी नकार दिया। उन्होंने कहा कि 2024 में यह मुद्दा प्राथमिकता नहीं रहेगा।
चिदंबरम का कहना है कि वह अन्य किसी मुद्दे को लेकर चिंतित नहीं हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि उत्तर और मध्य भारत के लोग भाजपा के एंटी मुस्लिम और एंटी ईसाई प्रोपगैंडा तथा अति-राष्ट्रवाद को पसंद करते हैं। हालाँकि यह पहली बार नहीं है जब कॉन्ग्रेस के किसी नेता ने उत्तर बनाम दक्षिण की राजनीति छेड़ी हो। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भाजपा की हार के बाद कॉन्ग्रेस के कई नेताओं ने उत्तर भारतीयों के खिलाफ जहर उगला था।
चिदंबरम ने माना कि अब नोटबंदी जैसे मुद्दे पुराने हो गए हैं। उन्होंने कहा कि साल 2024 में एक बार फिर भाजपा की सरकार बन सकती है, क्योंकि हवाओं का रुख भाजपा की तरफ है। उन्होंने यह भी माना कि भाजपा बहुत मजबूती से चुनाव लड़ती है। हालाँकि, चिदंबरम ने विपक्षी पार्टियों के लिए 2024 का चुनाव जीतना जरूरी बताया।
लोकसभा चुनावों को लेकर I.N.D.I. गठबंधन की तैयारियों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ मिलकर कम से कम 400 सीटों पर उम्मीदवार भाजपा के खिलाफ उतारने होंगे, तभी कुछ हो पाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष किसे प्रधानमंत्री का चेहरा बनाएगा, इस पर पार्टियों के बीच एक राय नहीं बन पाई है।