बिहार के पूर्व डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) गुप्तेश्वर पांडे रविवार (सितंबर 27, 2020) को नता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए। उन्होंने हाल ही में सक्रिया सेवा से स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले ली थी।
वह बिहार की राजधानी पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर जदयू में शामिल हुए। जद (यू) में शामिल होने पर, उन्होंने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पार्टी में शामिल होने के लिए व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया गया था। उन्होंने कहा, “मैं राजनीति को नहीं समझता। मैं एक साधारण व्यक्ति हूँ, जिन्होंने अपना समय समाज के निचले तबके के लिए काम करने में बिताया है।”
#Patna: Former Bihar DGP Gupteshwar Pandey, joins JDU today
— ANI (@ANI) September 27, 2020
“I was called by CM himself & asked to join. Whatever the party asks me to do, I will do. I don’t understand politics. I am a simple person who has spent his time working for the downtrodden section of society,” he says pic.twitter.com/6tdJ7PgPrS
गुप्तेश्वर पांडे 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने इससे पहले मुजफ्फरपुर में जोनल आईजी के रूप में कार्य किया था। उन्होंने एसपी, रेंज डीआईजी, एडीजी हेडक्वार्टर और डीजी बीएमसी सहित कई पदों पर कार्य किया। एसके सिंघल, जो वर्तमान में डीजी होम गार्ड के रूप में सेवा कर रहे हैं, अब पांडे की जगह लेंगे और बिहार डीजीपी के रूप में कार्यभार सँभालेंगे। डीजीपी के रूप में पदोन्नत होने से पहले एसके सिंघल लंबे समय तक मुख्यालय में तैनात थे।
माना जा रहा है कि गुप्तेश्वर पांडे अपने गृह जिले बक्सर से चुनाव लड़ सकते हैं। शनिवार (सितंबर 26, 2020) को पांडे जेडीयू दफ्तर में करीब 10 मिनट तक रहे थे। इस दौरान उन्होंने सीएम से मुलाकात की थी। बाहर जब मीडिया ने उनसे पूछा था कि कब जेडीयू में शामिल हो रहे हैं, तब उन्होंने कहा था कि वह फिलहाल किसी भी दल में शामिल होने नहीं जा रहे। वह सिर्फ शिष्टाचार मुलाकात करने आए थे क्योंकि सीएम ने बतौर डीजीपी काम करने के लिए अच्छा माहौल दिया था।
हालाँकि, पांडे ने इशारा किया था कि उनके समर्थक चाहते हैं कि वो चुनाव लड़ें। इस दौरान पांडे ने नीतीश सरकार की शराबबंदी से लेकर बिजली, सड़क और विकास के तमाम काम की खुलकर प्रशंसा की थी।
वीआरएस लेने के एक दिन बाद चुनाव लड़ने वाली बात को लेकर हो रही अटकलों पर बात करते हुए गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा था, “मैंने अभी कोई पार्टी ज्वाइन करने का ऐलान तो नहीं किया। मैं चुनाव लड़ूँगा, यह भी कहीं नहीं कहा। इस्तीफा तो दे दिया। चुनाव लड़ना कोई पाप है? मैं पहली बार ऐसा कर रहा हूँ क्या? या करूँगा क्या? ये कोई पाप है? ये गैरकानूनी है? यह असंवैधानिक है? यह अनैतिक है क्या? हत्या करने वाले, अपराध करने वाले, जिनके ऊपर 50 FIR हैं, वो अगर चुनाव लड़ सकते हैं, तो मैंने कौन सा ऐसा अपराध कर दिया? एक गरीब किसान का बेटा चुनाव नहीं लड़ सकता क्या? जिसकी 34 साल की सेवा बेदाग रही है।”
गौरतलब है कि 22 सितंबर को डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने वीआरएस ले लिया था। तभी से उनके राजनीति में जाने और विधानसभा या लोकसभा का उपचुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे। इस बात की जबरदस्त चर्चा थी कि वे वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ सकते हैं। इससे पहले भी 2009 में उन्होंने इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने का फैसला किया था। लेकिन कहीं से टिकट न मिल पाने के कारण चुनाव नहीं लड़ पाए और अपना इस्तीफा वापस ले लिया।