जहाँ आजम खान के जयाप्रदा पर दिए गए अश्लील बयान की पूरे देश में आलोचना हो रही है, वहीं एक विदेशी पत्रकार ने इसका समर्थन करने की कोशिश की है। फाइनेंशियल टाइम्स के संपादक लायोनेल बार्बर ने आजम खान के वक्तव्य को “कोई बुरा कथन नहीं” कहकर उसे हल्का करने की कोशिश की है।
भारत के निर्वाचन दौरे के दौरान किया लज्जाजनक बचाव
लायोनेल बार्बर अपने समाचारपत्र फाइनेंशियल टाइम्स की ओर से भारत के आम चुनावों को कवर कर रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के बीच अमेठी के चुनावी मुकाबले के बारे में लिखते हुए उन्होंने प्रदेश के अपने अनुभव साझा किए। इसी दौरान अपने एक दौरे पर, जिसमें वह खुद आजम खान के मेहमान थे, लिखते हुए उन्होंने जयाप्रदा पर आजम की टिप्पणी का उल्लेख किया और लिखा, “Not a bad line, though Khan was temporarily banned for it।” (अनुवाद: कोई बुरा कथन नहीं है, हालाँकि इसके लिए खान पर अस्थाई प्रतिबंध लगा दिया गया।”)
सोशल मीडिया पर कड़ी प्रतिक्रिया
बार्बर के इस कथन को सोशल मीडिया पर दक्षिणपंथी और राष्ट्रवादी धड़ों ने आड़े हाथों लिया। नवम कैपिटल के संस्थापक और कार्यकारी निदेशक राजीव मंत्री ने ट्विटर पर लिखा:
Samajwadi Party’s Azam Khan made a pathetic remark about a woman on the campaign trail and was pulled up by the Election Commission. FT editor @lionelbarber’s reaction? It was “not a bad line”. https://t.co/LoWUo76JWG pic.twitter.com/lw7XXOaG5I
— Rajeev Mantri (@RMantri) April 22, 2019
उन्हें रीट्वीट करते हुए प्रख्यात पत्रकार और स्तंभकार शेफ़ाली वैद्य ने बार्बर को आड़े हाथों लिया, और उनके दोहरे मापदंडों को उजागर करते हुए उनसे पूछा कि अगर जयाप्रदा पर आजम खान की बातें बुरी नहीं हैं तो ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे की आलोचना करने वाला नारीद्वेषी कैसे हो जाता है?
You see, when any politician against @narendramodi insults women by commenting on the colour of their underpants, it is ‘not a bad line’, but anyone who says anything against @theresa_may is a misogynist pig, right @lionelbarber? https://t.co/qqrdPPdP9V
— Shefali Vaidya ஷெஃபாலி வைத்யா शेफाली वैद्य (@ShefVaidya) April 22, 2019