Monday, November 18, 2024
Homeराजनीति'अम्फान राहत कार्य में घोटाला, अपने ही MLA के क्षेत्र में सड़क नहीं बनने...

‘अम्फान राहत कार्य में घोटाला, अपने ही MLA के क्षेत्र में सड़क नहीं बनने देते’: 5 बड़े TMC नेताओं ने थामा BJP का हाथ

खेल मंत्री रहे लक्ष्मी रतन शुक्ल के इस्तीफे के बाद से ही पूर्व BCCI प्रमुख जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। वो BCCI अध्यक्ष सौरभ गांगुली की भी करीबी हैं।

एक बार फिर से तृणमूल कॉन्ग्रेस के कई बड़े नेताओं का पार्टी से मोहभंग हुआ है। शनिवार (जनवरी 31, 2021) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में नई दिल्ली में TMC के 5 बड़े नेताओं ने भाजपा का दामन थामा, जिसमें राज्य के पूर्व वन मंत्री राजीब बनर्जी भी शामिल थे। उन्होंने हाल ही में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। उनके अलावा वैशाली डालमिया, प्रबीर घोषाल, रतिन चक्रवर्ती और रुद्रनिल घोष भाजपा में शामिल हुए।

खेल मंत्री रहे लक्ष्मी रतन शुक्ल के इस्तीफे के बाद से ही पूर्व BCCI प्रमुख जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली के भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं। वो BCCI अध्यक्ष सौरभ गांगुली की भी करीबी हैं। पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इन पाँचों नेताओं के पार्टी में आने से ‘सोनार बांग्ला’ के अभियान को मजबूती मिलेगी। राजीब बनर्जी अन्य असंतुष्ट नेताओं के साथ दिल्ली पहुँचे थे।

असल में अमित शाह को शनिवार को पश्चिम बंगाल के लिए निकलना था और हावड़ा में उनका भाषण भी होना था, लेकिन इजरायली दूतावास के पास हुए बम विस्फोट के कारण उन्हें अपनी योजना स्थगित करनी पड़ी और वो देर रात तक बैठकें लेते रहे। अब हावड़ा में मंच से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सम्बोधन देंगी। सभी असंतुष्ट नेता स्पेशल प्लेन से दिल्ली पहुँचे थे। उनके साथ पूर्व विधायक पार्थसारथी चट्टोपाध्याय भी थे।

रूद्रनील घोष अभिनेता हैं। इन सभी के साथ भाजपा उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय भी थे। विजयवर्गीय ने कहा कि लोगों को अब एहसास होने लगा है कि पश्चिम बंगाल का विकास सिर्फ भाजपा ही कर सकती है। उन्होंने कहा, “बंगाल के लोग जान गए हैं कि इतने वर्षों तक TMC ने उन्हें सिर्फ ठगा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा वहाँ सरकार बनाएगी और ‘सोनार बांग्ला’ बनेगा।”

ये पहली बार नहीं है जब TMC के मंत्री-विधायकों व अन्य असंतुष्ट नेताओं ने भाजपा का दामन थामा हो। राजीब बनर्जी ने बताया कि मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद उन्हें अमित शाह का फोन कॉल आया था और उन्होंने उन्हें दिल्ली बुलाया। बकौल बनर्जी, अमित शाह ने उन्हें कहा कि वो भाजपा का संदेशा TMC के ऐसे अन्य असंतुष्टों तक पहुँचाएँ, जो बेहतर तरीके से जनसेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य के विकास का आश्वासन मिला है, इसीलिए वो भाजपा में आए हैं।

अभिनेता रूद्रनील घोष ने पश्चिम बंगाल में आए अम्फान चक्रवात के बाद हुए राहत कार्यों में बड़े भ्रष्टाचार को उजागर किया और उसके खिलाफ मुखर भी थे। चक्रवात पीड़ितों में रुपए बाँटे गए थे, जिसमें उन्होंने धाँधली का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि वो राज्य के भविष्य के लिए एक बेहतर किरदार निभाना चाहते हैं। वहीं प्रबीर घोषाल इससे नाराज थे कि उनके क्षेत्र में एक सड़क के मरम्मत कार्य में पार्टी का धड़ा बाधा बन रहा था।

इससे पहले टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संबोधित इस्तीफे का पत्र लिखते हुए राजीब ने कहा था, ”मैं अखिल भारतीय तृणमूल कॉन्ग्रेस की सदस्यता के साथ-साथ इससे जुड़े सभी पदों से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूँ। मैं उन सभी चुनौतियों और अवसरों के लिए आभारी हूँ, जो मुझे दिए गए हैं और मैं हमेशा पार्टी के सदस्य के तौर पर बिताए अपने समय को याद रखूँगा।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -