Thursday, November 14, 2024
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मेरे विधायकों को छुड़ा दीजिए, उन्हें बंदी बनाया गया है: सरकार बचाने के लिए शाह की शरण में CM कमलनाथ

"देश का गृहमंत्री होने के नाते वो अपनी शक्तियों का प्रयोग करें और कॉन्ग्रेस के 'बंदी बनाए गए' 22 विधायकों को मध्य प्रदेश तक पहुँचाने का रास्ता साफ़ करें ताकि 16 मार्च को होने वाले विधानसभा सत्र में वो सभी भाग ले सकें।"

मध्य प्रदेश का सियासी संकट गहराता जा रहा है। राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को विधानसभा में बहुमत साबित करने का निर्देश जारी कर दिया है। विधायकों के इस्तीफे के बाद अब संकट में पड़ी कॉन्ग्रेस को बहुमत जुटाने में पसीने छूट रहे हैं। शनिवार (मार्च 14, 2020) की लगभग आधी रात को राजभवन से इस संबंध में एक पत्र राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजा गया। राज्यपाल टंडन ने सीएम को लिखा कि मध्य प्रदेश की हाल की घटनाओं को मद्देनजर रखते हुए ये प्रतीत होता है कि कॉन्ग्रेस सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और ये सरकार अब अल्पमत में है।

वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ अब अमित शाह की शरण में पहुँच गए हैं। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिख कर मदद की गुहार लगाई है। कमलनाथ ने अपने पत्र में निवेदन किया है कि शाह बेंगलुरु एवं अन्य जगहों में ‘बंधक बनाए गए’ कॉन्ग्रेस के 22 विधायकों की रिहाई सुनिश्चित करें ताकि ये विधायक विधानसभा के सत्र में शामिल हो सकें। इससे ऐसा लगता है कि कॉन्ग्रेस ख़ुद अपनी सरकार बचाने को लेकर आश्वस्त नहीं है और उसे पता है कि सदन में वो अल्पमत में है।

कमलनाथ ने अमित शाह को चार पृष्ठों का लम्बा-चौड़ा पत्र लिख कर अपने विधायकों को ‘छुड़ाने’ का आग्रह किया है। उन्होंने अमित शाह से कहा है कि देश का गृहमंत्री होने के नाते वो अपनी शक्तियों का प्रयोग करें और कॉन्ग्रेस के ‘बंदी बनाए गए’ 22 विधायकों को मध्य प्रदेश तक पहुँचाने का रास्ता साफ़ करें ताकि 16 मार्च को होने वाले विधानसभा सत्र में वो सभी भाग ले सकें। कमलनाथ ने लिखा कि विधायक ‘बिना भय और लालच’ के अपनी जिम्मेदारियों का वहन करने में सक्षम हो सकें, इसके लिए गृहमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए।

सीएम ने उन विधायकों को सीआरपीएफ की सुरक्षा देने की माँग भी की है। उन्होंने कहा है कि वो राज्य के मुख्यमंत्री हैं और उन सबकी सुरक्षा का दायित्व भी उन्हीं पर है। उन्होंने कहा है कि अगर कर्नाटक पुलिस उन विधयकों को ‘रिहा’ करवा देती है तो उनकी सरकार उच्चतम स्तर पर उनके लिए सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। उन्होंने दावा किया कि ये सभी विधायक डरे हुए हैं और विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने से इन्हें रोका जा रहा है। बता दें कि ज्योतोरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके गुट के सभी विधायक कॉन्ग्रेस से इस्तीफा दे चुके हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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