मध्य प्रदेश के स्कूलों में रामायण, महाभारत और गीता की पढ़ाई होगी। इन्हें स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार (23 जनवरी 2023) को की। राज्य सरकार की ओर से इस दिशा में कदम उठाने की बात तब कही गई है जब रामचरितमानस पर कई विवादित बयान सामने आए हैं। ऐसे लोगों को भी सीएम ने चेताया है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान राजधानी भोपाल में विद्या भारती के ‘सुघोष दर्शन’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “हमारे रामायण, महाभारत, वेद, उपनिषद, श्रीमद्भगवद्गीता अमूल्य ग्रंथ हैं। इन ग्रंथों में मनुष्य को नैतिक और पूर्ण बनाने की और संपूर्ण बनाने की क्षमता है। मैं मुख्यमंत्री होने के नाते कह रहा हूँ कि धर्म ग्रंथों की शिक्षा हम शासकीय विद्यालयों में भी देंगे।” उन्होंने कहा है, “हम गीता सार पढ़ाएँगे।रामायण जी, रामचरितमानस जी पढ़ाएँगे। महाभारत के प्रसंग पढ़ाएँगे। क्यों नहीं पढ़ाना चाहिए भगवान राम को? तुलसीदास जी ने इतना महान ग्रंथ लिखा है। ऐसा ग्रंथ कहीं मिलेगा?”
”सुघोष दर्शन” कार्यक्रम। #SubhashChandraBose #Bhopal @vidyabhartimp https://t.co/Quw57kPNzu
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) January 23, 2023
सीएम ने कहा, “रामचरितमानस जैसे ग्रंथ देने वाले तुलसीदास जी को मैं प्रणाम करता हूँ। ऐसे लोग जो हमारे इन महापुरुषों का अपमान करते हैं, वह सहन नहीं किए जाएँगे। मध्य प्रदेश में हमारे इन पवित्र ग्रंथों की शिक्षा देकर हम अपने बच्चों को नैतिक भी बनाएँगे, पूर्ण भी बनाएँगे।” उन्होंने कहा , “कुछ लोग देश में ऐसे भी हैं जिन्हें हमारी संस्कृति, अध्यात्म, धर्म और महापुरुषों की आलोचना करने में ही आनंद आता है। ऐसे लोग मूढ़ हैं। ऐसे लोग यह नहीं जानते कि देश का वे कितना नुकसान कर रहे हैं।”
सीएम शिवराज ने कहा है, “हम सभी तो राम राम बोल रहे हैं। लेकिन जब हम समाचार पत्रों में पढ़ते हैं तो मन में पीड़ा होती है। कुछ लोग देश में ऐसे हो गए हैं जो भगवान राम और तुलसीदास जी के बारे में भी कुछ भी बोलते हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूँ कि राम हमारे रोम-रोम में रमे हैं। राम हमारी हर साँस में बसे हैं। बिना राम के यह देश नहीं जाना जा सकता। राम हमारे अस्तित्व हैं, राम हमारे प्राण हैं, राम हमारे भगवान हैं और राम भारत की पहचान हैं।”
बात दें कि रामचरितमानस को लेकर अनर्गल टिप्पणी की शुरुआत बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने 11 जनवरी 2023 को नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में की थी। उन्होंने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ कहा था। समाज को बाँटने वाला ग्रंथ बताया था। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस दलितों-पिछड़ों को शिक्षा ग्रहण करने से रोकता है।
इसके बाद रामचरितमानस को लेकर समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य का भी विवादित बयान सामने आया था। सपा नेता ने कहा था कि करोड़ों लोग इस किताब को नहीं पढ़ते हैं और इसमें सब बकवास है। मौर्य ने रामचरितमानस के कुछ अंश को आपत्तिजनक बताते हुए उसे हटाने की माँग की। उन्होंने कहा कि अगर ये अंश न हट पाएँ तो पूरी किताब को ही बैन कर देना चाहिए।