केरल सोना तस्करी (Gold Smuggling) मामले की मुख्य आरोपित स्वप्ना सुरेश ने मंगलवार (7 जून, 2022) को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए। कोच्चि की एक अदालत में पेश होने के बाद सुरेश ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि विजयन डिप्लोमेटिक बैगेज की आड़ में सोने की तस्करी घोटाले में शामिल थे। उन्होंने दावा किया कि जब विजयन 2016 में दुबई में थे, तब उन्हें करंसी से भरा एक बैग भेजा गया था।
स्वप्ना सुरेश ने कहा, “इस मामले में मैंने अदालत से केरल के मुख्यमंत्री, उनके पूर्व प्रमुख सचिव एम. शिवशंकर, विजयन की पत्नी कमला, बेटी वीणा, उनके अतिरिक्त निजी सचिव सी.एम. रवींद्रन, पूर्व नौकरशाह नलिनी नेट्टो और पूर्व मंत्री के.टी. जलील की संलिप्तता के बारे में भी बताया है। साथ ही मैंने कोर्ट में अपनी सुरक्षा की माँग करते हुए याचिका भी दायर की है।”
Kochi | I’ve declared in court about the involvement of Kerala CM, his wife and daughter. I have also filed a petition seeking protection in the court: Swapna Suresh, prime accused in gold smuggling case pic.twitter.com/3Q5haK0MXF
— ANI (@ANI) June 7, 2022
इससे पहले सुरेश ने सोमवार (6 जून 2022) को कहा था, “मेरी जान को खतरा है। इसलिए मैंने अदालत को एक बयान देने का फैसला किया है। मैं सभी तथ्यों (सोने की तस्करी से संबंधित) और इसमें शामिल लोगों के नाम का खुलासा करूँगी।’’ गिरफ्तारी के 16 महीने बाद सुरेश को पिछले साल नवंबर में जेल से रिहा किया गया था। सुरेश को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने एक अन्य आरोपित संदीप नायर के साथ 11 जुलाई, 2020 को बेंगलुरु से हिरासत में लिया था।
खाड़ी देशों से 30 किलो सोने की तस्करी
केरल में सोना तस्करी का मामला जुलाई 2020 में सामने आया था। डिप्लोमेटिक बैगेज की आड़ में सोने की तस्करी का मामला स्वप्ना सुरेश से शुरू हुआ और फिर इसके तार मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के दफ्तर तक पहुँच गए। स्वप्ना सुरेश पर आरोप था कि उन्होंने फर्जी डाक्यूमेंट्स पेश कर के 2 जुलाई, 2020 को ‘डिप्लोमेटिक इम्युनिटी’ का प्रयोग कर के खाड़ी देशों से 30 किलो सोने की तस्करी की। इतना सारा सोना डिप्लोमैटिक बैग में भर कर लाया गया था। इसका खुलासा 6 जुलाई को तब हुआ, जब कस्टम के अधिकारियों ने यूएई कॉन्सुलेट के एक अधिकारी सरित से पूछताछ की, जो PRO के पद पर तैनात था। मीडिया में यह कहा जाता रहा है कि स्वप्ना को आईटी विभाग में इतना बड़ा पद दिए जाने के पीछे एम शिवशंकर का हाथ था।
उसको एक संवेदनशील स्पेस पार्क प्रोजेक्ट में काम दिया गया था, बावजूद इसके कि उनके खिलाफ पहले से ही क्राइम ब्रांच का एक मामला चल रहा था। साथ ही इंटेलिजेंस विंग ने भी उनके खिलाफ बयान दिया था, जिसे नज़रअंदाज़ कर दिया गया। कॉन्ग्रेस और भाजपा, राज्य के दोनों ही विपक्षी दलों ने कम्युनिस्ट सरकार पर स्वप्ना को बचाने का आरोप लगाया है। हालाँकि, कस्टम अधिकारियों ने स्वप्ना के आवास पर छापेमारी की थी।
‘लाइफ मिशन प्रोजेक्ट’ के लिए 1 करोड़ का कमीशन
उस वक्त स्वप्ना ने कहा था कि उनके अकाउंट से जो 1 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं, वो उन्हें केरल सरकार से ‘लाइफ मिशन प्रोजेक्ट’ के एजेंट के रूप में काम करने के लिए बतौर कमीशन मिले थे। ये केरल सरकार का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट है जिसे 2017 में लॉन्च किया गया था। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य था कि भूमिहीन और जिनके पास आवास नहीं है, ऐसे परिवारों को बसाया जाए और उनके लिए घर बनाए जाएँ। अब इसमें केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का नाम इसीलिए आता है क्योंकि इस प्रोजेक्ट के मुखिया वही हैं और उन्होंने UAE की यात्रा भी की थी, ताकि इसके लिए 20 करोड़ का डोनेशन जुटा सकें।
UAE के ‘Red Crescent’ से उन्हें 20 करोड़ रुपए मिले थे, जिस पर सवाल उठाए गए थे। कॉन्ग्रेस का तो यहाँ तक आरोप था कि केरल सीएम के UAE जाने के बाद ही स्वप्ना सुरेश और IT सचिव एम शिवशंकर भी दुबई चले गए थे। ऐसे में विपक्षी नेताओं का सवाल था कि विजयन ने जो MoU पर हस्ताक्षर किए, वो कहाँ और किसकी मौजूदगी में किए। क्या उस समय वहाँ स्वप्ना सुरेश भी उपस्थित थी?
आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए तस्करी
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर NIA ने अगस्त 2020 में खुलासा किया था कि पिछले 10 महीनों में केरल में लगभग 150 किलोग्राम सोने की तस्करी की गई थी। एजेंसी ने अदालत को बताया था कि जाँच में यह भी पता चला है कि तस्करी मुख्य रूप से आभूषण बनाने के लिए नहीं बल्कि आतंकी गतिविधियों के लिए की जाती थी, क्योंकि नकदी में लेन-देन करना मुश्किल हो गया था। एनआईए ने अदालत में यह भी बताया था कि आरोपितों ने सोना तस्करी के लिए यूएई दूतावास की सील और राजकीय चिन्ह से छेड़छाड़ कर अपराध को अंंजाम दिया।