Thursday, April 18, 2024
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आम लोगों को मिलने वाली है बड़ी राहत, दो दर्जन वस्तुओं पर घट सकता है जीएसटी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल एक कार्यक्रम में कहा था कि केंद्र सरकार 99 फीसदी वस्तुओं को जीएसटी के 18 प्रतिशत के स्लैब में लाने पर काम कर रही है। इसके बाद ही इस कयास को बल मिला था कि शनिवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में जीएसटी में इन बदलावों को हरी झंडी मिल सकती है।

नरेन्द्र मोदी सरकार करीब दो दर्जन वस्तुओं पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) कम करने के लिए तैयार दिख रही है और जल्द ही इस पर निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। बता दें कि अभी 28 प्रतिशत वाले स्लैब के दायरे में करीब तीन दर्जन चीजें हैं जिसे सरकार निचली स्लैब में लाने का भरसक प्रयास कर रही है। ख़बरों के अनुसार एसी, टीवी, डिश वाशर, डिजिटल कैमरा इत्यादि चीजें जो अभी 28 प्रतिशत वाले समूह में है, उनपर जीएसटी घटा कर उन्हें 18 प्रतिशत वाले समूह में लाया जा सकता है। शनिवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है जिसके बाद इसकी औपचारिक घोषणा होने की संभावना है।

कल अंग्रेजी समाचार चैनल रिपब्लिक टीवी के एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस ओर संकेत दिए थे। प्रधानमंत्री ने कहा था कि केंद्र सरकार 99 फीसदी वस्तुओं को जीएसटी के 18 प्रतिशत के स्लैब में लाने पर काम कर रही है। उन्होंने यह भी बताया था कि अप्रत्यक्ष कर की नई प्रणाली जीएसटी स्थापित हो चुकी है और हम चीजों को जितना हो सके उतना सरल करने की कोशिश में लगे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था;

“आज जीएसटी व्यवस्था काफी हद तक स्थापित हो चुकी है और हम उस दिशा में काम कर रहे हैं, जहां 99 प्रतिशत चीजें जीएसटी के 18 प्रतिशत कर स्लैब में आयें। हमारा मानना है कि उद्यमों के लिये जीएसटी को जितना अधिक से अधिक सरल किया जाना चाहिए। शुरुआती दिनों में जीएसटी अलग-अलग राज्यों में मौजूद वैट या उत्पाद शुल्क के आधार पर तैयार किया गया था। हालांकि समय-समय पर बातचीत के बाद कर व्यवस्था में सुधार हो रहा है।”

इसके बाद ही इस कयास को बल मिला था कि शनिवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में जीएसटी में इन बदलावों को हरी झंडी मिल सकती है। नयी दिली में होने वाली ये बैठक जीएसटी काउंसिल की तीसवीं बैठक होगी जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे।

बता दें कि अभी रोजमर्रा की कई चीजों सहित स्वास्थ सेवाएँ, बच्चों के उपयोग में आने वाली कई चीजों और सेनेटरी पैड्स इत्यादि को शून्य प्रतिशत (0%) जीएसटी वाले स्लैब में रखा गया है यानी कि इन पर कोई कर नहीं लगता। दैनिक जागरण के सूत्रों के मुताबिक अभी जीएसटी के दायरे में कुल 1200 से 1300 आइटम शामिल हैं, जिसमें ढाई से तीन प्रतिशत आइटम ऐसे हैं जिन पर 28 प्रतिशत टैक्स लगता है। माना जा रहा है कि अगले निर्णय के बाद से जीएसटी के सबसे ऊपरी स्लैब में अब 226 आइटम्स की बजाय 35 आइटम्स ही रह जाएंगे।

नवभारत टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट की माने तो निजी इस्तेमाल के लिए एयरक्राफ्ट, रिवॉल्वर और पिस्तौल जीएसटी के सबसे अधिक 28 पर्सेंट के स्लैब में शामिल रहेंगे। इसके अलावा जिन चीजों में कमी देखने को मिलेगी, उनमें हाउसहोल्ड अप्लायंसेज शामिल होंगे। इसके अलावा सीमेंट, टायर और ऑटो पार्ट्स पर राहत मिलेगी। इसके अलावा कृषि उत्पादों पर भी सरकार की ओर से छूट दी जा सकती है, जो फिलहाल 18 पर्सेंट के दायरे में हैं।

वहीं सरकार के कर संग्रह के लक्ष्य पर भी इस निर्णय के असर पड़ने की उम्मीद है लेकिन आने वाले आम चुनावों को देखते हुए सरकार राजस्व की चिंता न कर लोक-लुभावन नीतियों के पक्ष में फैसला ले सकती है। ऐसे में सरकार कर संग्रह के मामले में सालाना बजट में तय किये गये लक्ष्य से पीछे रहेगी। माना जा रहा है कि इस से सरकार के पास जीएसटी संग्रह में लक्ष्य से 50,000 करोड़ रुपये कम आएंगे।

वहीं अगर कुछ उत्पादों पर जीएसटी से पहले और उसके बाद लगने वाले कर प्रतिशत की तुलना करे तो जनता को काफी राहत मिली है।

  • टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन पर जीएसटी से पहले 31.3% कर लगता था जबकि जीएसटी में ये उत्पाद 18% के दायरे में होंगे। यानी इन उत्पादों पर जीएसटी के आने से आम जनों को 13.3% कर की भरी बचत होगी।
  • वहीं फर्नीचर पर जीएसटी के लागू होने से पहले तक 25-31 प्रतिशत तक कर लगता था जो अब सिर्फ 18% रह जाएगा।
  • मोबाइल फ़ोन पर 18-25 प्रतिशत तक लगने वाले कर में भी जीएसटी के आने से जनता को बचत हुई है और अब इनपर सिर्फ 12 प्रतिशत कर लगता है।

जीएसटी के आने के बाद से सरकार को भी मिलने वाले राजस्व में इजाफा हुआ है और कर देने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ी है जीके कारण सरकार जनता को और राहत देने के मूड में दिखाई पड़ रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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