Thursday, April 25, 2024
Homeराजनीति'किसान आंदोलन' के नाम पर उपचुनाव, फिर भी जैसे-तैसे बची चौधराहट: हरियाणा का वो...

‘किसान आंदोलन’ के नाम पर उपचुनाव, फिर भी जैसे-तैसे बची चौधराहट: हरियाणा का वो ऐलान जो राजनीतिक पंडित नहीं बताएँगे

ऐलनाबाद उपचुनाव के नतीजे उन कथित किसान नेताओं की जमीनी पकड़ की हकीकत बता रहा है जो आए दिन चुनावों में बीजेपी को पटखनी देने का ऐलान करते रहते हैं।

देश की तीन लोकसभा और विभिन्न राज्यों की 29 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजे मंगलवार (2 नवंबर 2021) को आए। पश्चिम बंगाल की चारों विधानसभा सीटों पर टीएमसी और हिमाचल की सीटों पर कॉन्ग्रेस के प्रदर्शन की चर्चा के बीच हरियाणा की उस ऐलनाबाद सीट के नतीजे की अनदेखी कर दी गई जहाँ उपचुनाव की नौबत ही कथित किसान आंदोलन की वजह से आई थी।

राजनीतिक पंडितों द्वारा इस सीट के नतीजे की अनदेखी की वजह शायद यह हो कि यहाँ हारने के बावजूद बीजेपी का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। यह बताता है कि कथित किसान आंदोलन का उस हरियाणा में भी प्रभाव नहीं दिख रहा जहाँ से कथित प्रदर्शनकारियों के हुड़दंग की खबरें आए दिन आती रहती है। यह सब तब हुआ है जब उपचुनाव में जीत हासिल करने वाले अभय चौटाला ने इस्तीफा केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में ही दिया था। खुद को किसानों का नेता बताने वाले राकेश टिकैत से लेकर गुरनाम सिंह चढ़ूनी जैसे इस उपचुनाव में खासे सक्रिय थे। बावजूद चौटाला न तो बड़े अंतर से जीत हासिल कर पाए और न बीजेपी को पिछले चुनाव के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करने से कथित किसान नेता रोक पाए। इन सबके बीच कॉन्ग्रेस प्रत्याशी की जमानत तक नहीं बची।

मंगलवार को आए नतीजों के अनुसार ऐलनाबाद में किसानों का समर्थन हासिल करने वाले इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला ने 65,992 वोट मिले। उन्होंने भाजपा-जजपा गठबंधन के गोबिंद कांडा को 6739 वोटों से हरा दिया। कांडा को 59,253 वोट मिले। कॉन्ग्रेस उम्मीदवार पवन बेनीवाल को 20,904 वोट मिले और उनकी जमानत भी नहीं बची।

ऐलनाबाद उपचुनाव के नतीजे, साभार: eci

गौर करने की बात यह है कि यह उपचुनाव किसान आंदोलन के इर्द-गिर्द ही केंद्रित था। कथित किसानों ने प्रचार के दौरान कई जगहों पर सत्ताधारी भाजपा-जजपा का विरोध किया था। मीडिया में आई रिपोर्टों के अनुसार गठबंधन के नेताओं को कई गाँवों में घुसने से भी रोका गया था। बावजूद इसके उपचुनाव परिणाम की यदि 2019 के विधानसभा चुनाव के नतीजों से तुलना की जाए तो पता लगता है कि इस बार बीजेपी के उम्मीदवार को 14 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं। ​2019 में यहाँ से पवन बेनीवाल बीजेपी कैंडिडेट थे और उन्हें 45,133 वोट मिले थे। उस समय भी अभय चौटाला ने 57 हजार से अधिक वोट हासिल कर जीत हासिल की थी। तब कॉन्ग्रेस उम्मीदवार को 35 हजार से अधिक वोट मिले थे। जा​हिर है कि उपचुनाव में कॉन्ग्रेस के वोटरों ने इनेलों के तरफ शिफ्ट किया है, लेकिन गाँवों में मिले बीजेपी को जबर्दस्त समर्थन की वजह से चौटाला की जीत का मार्जिन उपचुनाव में वोट बढ़ने के बावजूद गिर गया है। यह इनेलो के लिए इस लिहाज से भी शुभ संकेत नहीं है, क्योंकि ऐलनाबाद उसका गढ़ रहा है।

यही कारण है कि नतीजों के बाद इसे बीजेपी की नैतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है। राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने तो स्पष्ट शब्दों में कहा है कि ये नतीजे साबित करते हैं कि लोगों ने कथित किसान आंदोलन को नकार दिया है। दूसरी ओर इनेलो के साथ ही यह नतीजे कॉन्ग्रेस की खत्म होती साख को भी दिखा रहे हैं। कॉन्ग्रेस के जो प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा पाए वह प्रदेश अध्यक्ष सैलजा की पसंद थे। उन पर पार्टी को इतना भरोसा था कि उपचुनाव से ऐन पहले उन्हें भाजपा से लाकर टिकट थमाया गया था। यह बीजेपी को चुनावों में पटखनी देने का आए दिन ऐलान करने वाले कथित किसान नेताओं की जमीनी पकड़ की हकीकत भी बताता है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

इंदिरा गाँधी की 100% प्रॉपर्टी अपने बच्चों को दिलवाने के लिए राजीव गाँधी सरकार ने खत्म करवाया था ‘विरासत कर’… वरना सरकारी खजाने में...

विरासत कर देश में तीन दशकों तक था... मगर जब इंदिरा गाँधी की संपत्ति का हिस्सा बँटने की बारी आई तो इसे राजीव गाँधी सरकार में खत्म कर दिया गया।

जिस जज ने सुनाया ज्ञानवापी में सर्वे करने का फैसला, उन्हें फिर से धमकियाँ आनी शुरू: इस बार विदेशी नंबरों से आ रही कॉल,...

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को कुछ समय से विदेशों से कॉलें आ रही हैं। उन्होंने इस संबंध में एसएसपी को पत्र लिखकर कंप्लेन की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe